conjugational Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
conjugational ka kya matlab hota hai
संयोजित
Noun:
गरदान, विकार,
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conjugational शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
४- नीम की पत्तियों को पानी में उबाल उस पानी से नहाने से चर्म विकार दूर होते हैं और ये खासतौर से चेचक के उपचार में सहायक है और उसके विषाणु को फैलने न देने में सहायक है।
८- नीम की पत्तियों के रस और शहद को २:१ के अनुपात में पीने से पीलिया में फायदा होता है और इसको कान में डालने से कान के विकारों में भी फायदा होता है।
नैदानिक मनोविज्ञान - न्यूरोटिसिज्म, साइकोन्यूरोसिस, साइकोसिस जैसी क्लीनिकल समस्याओं एवं शिजोफ्रेनिया, हिस्टीरिया, ऑब्सेसिव-कंपलसिव विकार जैसी समस्याओं के कारण क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक की आवश्यकता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
कोलकाता नगर निगम के क्शेत्रों की पंजीकृत विकार दर ४.१% है, जो भारत के दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में न्यूनतम है।
बाकी पाँच स्वरों को विकृत या विकारी स्वर भी कहते हैं, क्योंकि इनमें अपने स्थान से हटने की गुंजाइश होती है।
९- नीम के तेल की ५-१० बूंदों को सोते समय दूध में डालकर पीने से ज़्यादा पसीना आने और जलन होने सम्बन्धी विकारों में बहुत फायदा होता है।
फलकनुमा पैलेस – नवाब विकार-अल-उमरा द्वारा बनवाया हुआ, स्थापत्यकला का अनोख उदाहरण है।
भाषा-विज्ञान ‘धर्म’ शब्द के ‘धम्म’ या ‘धरम’ हो जाने को उसका विकास कहता है और व्याकरण उसे विकार कहता है।
हिन्दू धर्म के अनुसार हर चेतन प्राणी में एक अभौतिक आत्मा होती है, जो सनातन, अव्यक्त, अप्रमेय और विकार रहित है।
यह जीवाणु नाशक, रक्त्शोधक एवं त्वचा विकारों में गुणकारी है।
संज्ञाओं की खड़ीबोली की तरह दो विभक्तियाँ होती हैं- विकारी और अविकारी।
आशक़ बे मिसाल-ए-ज़र्र-ए-गरदान गरदद।
अविकारी विभक्ति में संज्ञा का मूल रूप (राम, लरिका, बिटिया, मेहरारू) रहता है और विकारी में बहुवचन के लिए "न" प्रत्यय जोड़ दिया जाता है (यथा रामन, लरिकन, बिटियन, मेहरारुन)।
(ऐ रसूल) क्या तुमने (उलमाए यहूद) के हाल पर नज़र नहीं की जिनको किताब (तौरेत) का एक हिस्सा दिया गया था (अब) उनको किताबे ख़ुदा की तरफ़ बुलाया जाता है ताकि वही (किताब) उनके झगड़ें का फैसला कर दे इस पर भी उनमें का एक गिरोह मुॅह फेर लेता है और यही लोग रूगरदानी {मुँह फेरने} करने वाले हैं (23)।
जिसने रसूल की इताअत की तो उसने ख़ुदा की इताअत की और जिसने रूगरदानी की तो तुम कुछ ख़्याल न करो (क्योंकि) हमने तुम को पासबान (मुक़र्रर) करके तो भेजा नहीं है (80)।
३- नीम की पत्तियां चबाने से रक्त शोधन होता है और त्वचा विकार रहित और कांतिवान होती है।