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sophisters Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


sophisters ka kya matlab hota hai


सोफिस्टर

Noun:

मिथ्या वादानुवाद, हेत्वाभास, सत्य का आभास,



sophisters शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



१३. हेत्वाभास – ये पांच प्रकार के होते हैं : सव्यभिचार, विरुद्ध, प्रकरणसम, साध्यसम और कालातीत।

इसके बाईस भेद हैं- प्रतिज्ञाहानि, प्रतिज्ञांतर, प्रतिज्ञाविरोध, प्रतिज्ञासंन्यास, हेत्वंतर, अर्थांतर, निरर्थक, अविज्ञातार्थ, अपार्थक, अप्राप्तकाल, न्यून, अधिक, पुनरुक्त, अननुभाषण, अज्ञान, अप्रतिभा, विक्षेप, मतानुज्ञा, पर्यनुयोज्योपेक्षण, निरनुयोज्यानुयोग, अपसिद्धांत और हेत्वाभास

'दुष्ट हेतु' को हेत्वाभास कहते हैं पर इसका प्रमाण गौतम ने प्रमाण के अंतर्गत न कर इसे अलग पदार्थ (विषय) मानकर किया है।

जैन न्याय की श्वेतांबर परंपरा में हेत्वाभास के तीन ही भेद माने गए हैं- विरुद्ध असिद्ध तथा व्यभिचारी; किंतु दिगंबर परंपरा में "अकिचिंत्कर" को जोड़कर उनकी संख्या चार कर दी गई है।

प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टान्त, सिद्धान्त, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा, हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रहस्थान।

(अर्थ : प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टान्त, सिद्धान्त, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितण्डा, हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रहस्थान का तत्वज्ञान निःश्रेयस या परम कल्याण का विधायक है।

उसके दो भेद होते हैं - "सद्धेतु" और हेत्वाभास (दुष्ट हेतु)।

জজজ(6) नैयायिक असिद्ध, विरुद्ध, अनैकांतिक, प्रकरणसम तथा कालात्ययापदिष्ट - ये पाँच हेत्वाभास मानते हैं, किंतु वैशेषिक विरुद्ध, असिद्ध तथा संदिग्ध, ये ही तीन हेत्वाभास मानते हैं।

8. अनुमान-प्रमाण 9. हेत्वाभास 10. शब्द-प्रमाण 11. प्रामाण्यवाद 12. अभाव 13. जीवन का चरम लक्ष्य।

प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टांत, सिद्धांत, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितंडा, हेत्वाभास, छल, जाति, और निग्रहस्थान इन १६ विषयों के तत्वज्ञान से नि:श्रेयस की प्राप्ति न्यायशास्त्र में मानी गई है।

सोलह पदार्थ या विषय में हैं - प्रमाण, प्रमेय, संशय, प्रयोजन, दृष्टांत, सिद्धांत, अवयव, तर्क, निर्णय, वाद, जल्प, वितंडा, हेत्वाभास, छल, जाति और निग्रहस्थान।

हिन्दी में इसे 'मिथ्या हेतु', हेत्वाभास, तर्काभास और भ्रामकता भी कहा जाता है।

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