respectabilize Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
respectabilize ka kya matlab hota hai
सम्मान
Noun:
सत्कार, मान्यता, सम्मान, प्रतिष्ठा,
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respected
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respectfulness
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respectively
respectiveness
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respells
respectabilize शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
वे जन सामान्य में राजर्षि (संधि विच्छेदः राजा+ऋषि राजर्षि अर्थात ऐसा प्रशासक जो ऋषि के समान सत्कार्य में लगा हुआ हो।
अतिथि सत्कार और पर्यटन पर भी इसका प्रभाव पड़ा है और इसका व्यावसायिक रूप भी विकसित हुआ है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि पौराणिक मान्यताओं में देव-दानवों को एक ही पिता, किंतु अलग-अलग माताओं की संतान बताया गया है।
ये अपनी सज्जनता, भोलेपन एवं अतिथी-सत्कार के लिये प्रसिद्ध हैं।
भारत में कोशविद्या के आधुनिक स्वरुप का उद्भव और विकास मध्यकालीन हिंदी कोशों की मान्यता और रचनाप्रक्रिया से भिन्न उद्देश्यों को लेकर हुआ।
फरवरी 2019 में अबू धाबी में हिन्दी को न्यायालय की तीसरी भाषा के रूप में मान्यता मिली।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वे महर्षि अंगिरा के पुत्र थे।
हिंदू धर्म मान्यताओं में पांच प्रमुख देवता पूजनीय है।
! नंबर. || राज्य || आधिकारिक भाषा(एं) || अन्य मान्यता प्राप्त भाषाएं।
'अर्थशास्त्र' के रचयिता के रूप में कौटिल्य को नहीं मान्यता देनेवालों ने अपने मत के समर्थन में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किये हैं—।
तीसरे मत को धर्मग्रन्थ मान्यता नहीं देते।
इस पर हैदराबाद के नवाबी आदर-सत्कार व खान-पान को देखकर आपको भी लगेगा कि वाकई में आप किसी निजाम के शहर में आ गए हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी महीने की प्रतिपदा को भगवान विष्णु के दशावतारों में से पहले अवतार मतस्यावतार अवतरित हुए एवं जल प्रलय के बीच घिरे मनु को सुरक्षित स्थल पर पंहुचाया था।
संयोगवश वन में आखेट करते वह जमदग्निमुनि के आश्रम जा पहुँचा और देवराज इन्द्र द्वारा उन्हें प्रदत्त कपिला कामधेनु की सहायता से हुए समस्त सैन्यदल के अद्भुत आतिथ्य सत्कार पर लोभवश जमदग्नि की अवज्ञा करते हुए कामधेनु को बलपूर्वक छीनकर ले गया।
दसम ग्रन्थ का सत्कार सारी सिख कौम करती है।
बहुदलीय प्रणाली वाले इस संसदीय गणराज्य में छ: मान्यता-प्राप्त राष्ट्रीय पार्टियां, और ४० से भी ज़्यादा क्षेत्रीय पार्टियां हैं।
पाश्चात्य कोशों के आदर्श, मान्यताएँ, उद्देश्य, रचनाप्रक्रिया और सीमा के नूतन और परिवर्तित आयामों का प्रवेश भारत की कोश रचनापद्धति में आरंभ हुआ।
सत्कार्यवाद के दो भेद हैं- परिणामवाद तथा विवर्तवाद।
वायु पीकर ही अर्थात् उपवास करती हुई रहेगी और राम के आने पर उनका आतिथ्य-सत्कार करने पर पूर्व रूप में आ जाएगी।
सांख्य-दर्शन का मुख्य आधार सत्कार्यवाद है।
रविदास जी के सेवक इनको " सतगुरु", "जगतगुरु" आदि नामों से सत्कार करते हैं।
सत्कार्यवाद की स्थापना भी तर्कों के ही आधार पर की गई है।
हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध किया।
चौमोहल्ला पैलेस- यह आसफ जाही वंश का स्थान था, जहां निज़ाम अपने शाही आगन्तुकों का सत्कार किया करते थे।
लोगों की मान्यता है कि जो इन चारों धाम की यात्रा कर लेता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है।