reremice Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
reremice ka kya matlab hota hai
पुनर्रेमा
Noun:
त्यागी, संन्यासी,
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reremice शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
उन्होंने कहा था कि मुझे बहुत से युवा संन्यासी चाहिये जो भारत के ग्रामों में फैलकर देशवासियों की सेवा में खप जायें।
श्वेताम्बर एवं साध्वियाँ और संन्यासी श्वेत वस्त्र पहनते हैं, तीर्थकरों की प्रतिमाएँ प्रतिमा पर धातु की आंख, कुंडल सहित बनायी जाती हैं और उनका शृंगार किया जाता है।
उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम का एक संन्यासी विद्रोही गाता है।
क्या बुढ़ापा, बीमारी और मौत सदा इसी तरह होती रहेगी सौम्य? चौथी बार कुमार बगीचे की सैर को निकला, तो उसे एक संन्यासी दिखाई पड़ा।
|2013 || जॉली एलएलबी || जगदीश त्यागी (जॉली) ||।
ऐसे में कोई और मां होती तो हिल जाती. विचारमात्र से रो-रोकर आसमान सिर पर उठा लेती. क्योंकि लोगों की सामान्य-सी प्रवृत्ति बन चुकी है कि त्यागी, वैरागी होना अच्छी बात, महानता की बात, मगर तभी तक जब त्यागी और वैरागी दूसरे के घर में हों. अपने घर में सब साधारण सांसारिक जीवन जीना चाहते हैं।
हेतु अचानक उठ खड़े हुए संन्यासी विद्रोह पर आधारित था।
उन्होंने सैकड़ों संन्यासी और ब्रह्मचारी प्रशिक्षित किये।
मगर मां की धोती जहां भी वे जाते, अपने साथ रखते. सोते तो सिरहाने रखकर. जैसे मां का आशीर्वाद साथ लिए फिरते हों. संन्यासी मन भी मां की स्मृतियों से पीछा नहीं छुटा पाया था।
पहला तीर्थ है ब्रह्मसर जहाँ राजा कुरु संन्यासी के रूप में रहते थे।
संन्यासी अपनी पसंदीदा यात्रा पर निकल पड़ा. इस हकीकत से अनजान कि इस बार भी जिस यात्रा के लिए वे ठान कर निकले हैं, वह उनकी असली यात्रा नहीं, सिर्फ एक पड़ाव है।
जैसे समाज के जीवन में चार मुख्य पेशे हैं वैसे ही प्रत्येक मनुष्य के जीवन में चार "आश्रम' हैं: (१) ब्रह्मचर्य, विद्या सीखने का, (२) गृहस्थ का, (३) वानप्रस्थ का; (४) संन्यासी का।
अल्पहारी गृहत्यागी विद्यार्थी पञ्चलक्षणम् ”।
हरिशंकर परसांई, शरद जोशी, श्रीलाल शुक्ल, रवींन्द्रनाथ त्यागी, तथा के पी सक्सेना, के व्यंग्य आज के जीवन की विद्रूपताओं के उद्धाटन में सफल हुए हैं।
वहां एक कुटिया बनाकर उसका प्रभार एक संन्यासी को सौंपा, इसलिए अद्यपर्यन्त उनके राम मंदिर के महन्त संन्यासी ही होते हैं जबकि वहां के अन्य मंदिरों के वैरागी हैं।
|एक नज़र||मनमोहन आकाश त्यागी||।
भारतीय परंपरा के अनुसार वह विनयी , सुंदर , शालीनवान , त्यागी , उच्च कुलीन होना चाहिए।
ये परम त्यागी वृत्ति के महापुरुष थे।
अतः शुभाशुभ परित्यागी ही वास्तविक दुःखमुक्त हो सकता है।
इस उपन्यास में यह गीत भवानन्द नाम के संन्यासी द्वारा गाया गया है।
इसने धर्मत्यागी कानून और सार्वजनिक झड़पों को भी खत्म कर दिया।
संसार की सारी भावनाओं और कामनाओं से मुक्त प्रसन्नचित्त संन्यासी ने सिद्धार्थ को आकृष्ट किया।