propaled Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
propaled ka kya matlab hota hai
चालित
Adjective:
निखारा हुआ, उद्यत, मुस्तैद, तैयार,
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propaled शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
यह वृत्तांत जानकर परीक्षित को कलियुग पर बड़ा क्रोध हुआ और वे उसको मार डालने को उद्यत हुए।
वह कारण भी उपलब्ध हो गया जब प्रबल किंतु अनियंत्रित सिक्ख सेना, अंग्रेजों के उत्तेजनात्मक कार्यों से उद्वेलित हो, तथा पारस्परिक वैमनस्य और षड्यंत्रों से अव्यवस्थित लाहौर दरबार के स्वार्थ लोलुप प्रमुख अधिकारियों द्वारा भड़काए जाने पर, संघर्ष के लिए उद्यत हो गई।
1931 में सक्सेना जी ने ईख-संघ की स्थापना की, जो यहां के गन्ना उत्पादकों एवं मजदूरों के हितों की सुरक्षा हेतु संघर्ष के लिए उद्यत हुई।
उसको यह आशा थी कि आस्ट्रिया तथा जर्मनी के विरूद्ध रूस और इंगलैंड उसकी सहायता करने की उद्यत हो जायेंगे किन्तु रूस की अभी ऐसी स्थिति नहीं थी।
सुदामा माता राधा तथा पिता श्रीहरि को प्रणाम करके जब जाने को उद्यत हुआ तब श्रीराधा पुत्रविरह से कातर हो आँसू बहाने लगीं।
জজজ ऐसा कहकर वह भगवान श्रीकृष्ण को बंदी बनाने के लिये उद्यत हो गया।
उसके इन कटु वचनों की निन्दा करते हुये अर्जुन और भीमसेन अनेक राजाओं के साथ उसे मारने के लिये उद्यत हो गये किन्तु श्री कृष्णचन्द्र ने उन सभी को रोक दिया।
मैं रघुवंश का वर्णन करने के लिए उद्यत तो हो रहा हूं किंतु मुझे लग रहा है कि कहां तो सूर्य के समान तेजस्वी वह वंश, जिस वंश के आरंभ में ‘रघु’ और कालांतर में राम जैसे महापराक्रमी धीर, वीर, उदात्त चरित्र वाले महापुरुष उत्पन्न हुए हैं और कहां बड़ा ही मंद मति वाला मैं।
इसी बीच दुर्गा ने महिषासुर को मारा और ये दोनों उनसे प्रतिशोध लेने को उद्यत हुए।
दोनों की सम्मति में प्रत्येक राष्ट्र को युद्ध के लिए उद्यत रहना चाहिए, क्योंकि इसी के द्वारा देश की सीमा तथा प्रभाव का विस्तार हो सकता है।
इसलिए उनकी रचनाएँ अन्य रचनाकारों की तरह व्यंग्य या प्रहारों में खत्म नहीं होतीं, न ही दार्शनिक टिप्पणियों में समाप्त होती हैं, बल्कि वे मानवीय वस्तु के निर्माण की ओर उद्यत होती हैं और इस मानवीय वस्तु का निर्माण उनके यहाँ परिस्थिति और ऐतिहासिक चेतना के द्वंद से होता है।
हम लोग इस समय भारत में ऐसे सार्वजनिक सेवा आयोग की स्थापना के लिये उद्यत नहीं हैं, परंतु हम देख रहे हैं कि ये सेवाएँ, क्रम से, अधिकाधिक मंत्रियों के नियंत्रण में आती जाएँगी, जिसके कारण यह उचित है कि इस प्रकार की संस्था का आरंभ किया जाय।
अर्जुन और भीमसेन अनेक राजाओं के साथ उसे मारने के लिये उद्यत हो गये किन्तु श्री कृष्ण ने उन सभी को रोक दिया।