prevalency Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
prevalency ka kya matlab hota hai
व्यापकता
Noun:
प्रधानता, प्राधान्य, प्रचार, फैलाव, प्रसार,
People Also Search:
prevalentprevalently
prevaricate
prevaricated
prevaricates
prevaricating
prevarication
prevarications
prevaricator
prevaricators
preve
prevenancy
prevene
prevenient
prevent
prevalency शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
काशी परिक्रमा में पांच की प्रधानता है।
बिहारी में दैन्य भाव का प्राधान्य नहीं, वे प्रभु प्रार्थना करते हैं, किंतु अति हीन होकर नहीं।
विष्णु, रुद्र, सूर्य आदि की उपासना वैदिक काल से ही चली आती थी, फिर धीरे धीरे कुछ लोग किसी एक देवता को प्रधानता देने लगे, कुछ लोग दूसरे को।
भगवान श्रीकृष्ण का बाल एवं किशोर रूप ही इन कवियों को आकर्षित कर पाया है इसलिए इनके काव्यों में श्रीकृष्ण के ऐश्वर्य की अपेक्षा माधुर्य का ही प्राधान्य रहा है।
2. इस शाखा में वात्सल्य एवं माधुर्य भाव का ही प्राधान्य है।
मुसलमानों का मानना है कि कुरान के प्रचार या पढ़ना अधिक प्राधान्यता रखता है।
गत्यर्थक में पद् धातु से निष्पन ‘पद्य’ शब्द गति की प्रधानता सूचित करता है।
व्यवसायिकता की प्रधानता हुई, जिससे खेलों की लोकप्रियता में वृद्धि हुई, क्योंकि खेल प्रशंसकों ने रेडियो, टेलीविजन और इंटरनेट के माध्यम से व्यावसायिक खिलाड़ियों के खेल का बेहतरीन आनंद लेना शुरू किया।
श्रृंगार, वीर और शांत रस में से किसी एक की प्रधानता होनी चाहिए।
गीत की प्रधानता रही।
अन्य - बायें से दायें, शिरोरेखा, संयुक्ताक्षरों का प्रयोग, अधिकांश वर्णों में एक उर्ध्व-रेखा की प्रधानता, अनेक ध्वनियों को निरूपित करने की क्षमता आदि।
(1) इसमें काम प्रवृत्ति का प्राधान्य रहता है,।
कोई किसी देवता की प्रधानता स्थापित करता है, कोई किसी देवता की प्रधानता स्थापित करता है, कोई किसी की।
इसी तरह, सपादसप्ताध्यायी के अन्तर्गत आने वाले सूत्रों (नियमों) में भी विरोध दृष्टिगोचर होने पर क्रमानुसार परवर्ती (बाद में आने वाले) सूत्र का प्राधान्य रहेगा – विप्रतिषेधे परं कार्यम्।
सौराष्ट्र, गुजरात और पश्चिमी राजस्थान में चारणों का, तथा ब्रज-प्रदेश, दिल्ली तथा पूर्वी राजस्थान में भट्टों का प्राधान्य रहा था।
ब्रूसेल्स में बहुत से शिक्षित लोगों की भाषा आज भी फ्रेंच बनी हुई है किंतु "फ्लेमिश" का प्राधान्य बढ़ता जा रहा है।
कवित्व के साथ-साथ संगीतात्कता की प्रधानता होने से ही इनको हिन्दी में ‘गीतिकाव्य’ भी कहते हैं।
जिनमें आम, महुआ, कटहल, लीची, जामुन, शीशम, बरगद, शहतूत आदि की प्रधानता है।
इन सब पक्षों के मूल में कल्पना का प्राधान्य है, निश्चयात्मक प्रमाण अनुपलब्ध हैं।
उनमें अब समस्त जनता का प्राधान्य हो गया है और उसके भाग्य की वही विधायिका है।
प्रथम काल में गीतिकाव्य, द्वितीय में नाटक और तृतीय में गद्य की प्रधानता रही है।
इस प्रकार वे ब्रह्मा के रजस (उत्साह, सक्रियता, न अच्छाई न बुराई पर कभी-कभी दोनों में से कोई एक, कर्मप्रधानता, व्यक्तिवाद, प्रेरित, गतिशीलता गुण) को अनुपूरण करती हैं।
भारत के विभाजन के बाद इन बोलियों के क्षेत्रों में सिंधियों के बस जाने के कारण सिंधी का प्राधान्य और बढ़ गया है।
सभी दार्शनिकों के द्वारा अपूर्व का जो खंडन किया गया है वह वाच्यत्वांश और प्राधान्यांश का ही खंडन है।
शहर की आबादी में हिन्दू और मुस्लिम की प्रधानता है।
विज्ञान में ज्ञान का प्राधान्य है, कला में कौशल का।