parvati Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
parvati ka kya matlab hota hai
पार्वती
Noun:
पार्वती,
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parvati शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
महादेव माता पार्वती से काशी का इस प्रकार गुणगान करते हैं-।
शिवजी का मंदिर पार्वती जी के मंदिर से जुड़ा हुआ है।
चण्डी हिंदू देवी चण्डी, योद्धा देवी पार्वती का अवतार और गढ़ का मतलब है घर के लिए संदर्भित करता है।
वह विशेष रूप से शिव और पार्वती के प्रेम गीतों और सर्वोच्च ब्राह्मण के रूप में शिव के लिए प्रार्थना के लिए जाने जाते हैं।
उसी समय भगवान शिव और पार्वती उनके सामने प्रकट हुए।
उसी समय भगवान शिव और पार्वती उनके सामने प्रकट हुए।
यात्री हर-हर महादेव शम्भो, काशी विश्वनाथ गंगे, काशी विश्वनाथ गंगे, माता पार्वती संगेका मधुर गान करते हुए परिक्रमा करते हैं।
बाद के हिन्दू धर्म में नये देवी देवता आये (कई अवतार के रूप में)-- गणेश, राम, कृष्ण, हनुमान, कार्तिकेय, सूर्य-चन्द्र और ग्रह और देवियाँ (जिनको माता की उपाधि दी जाती है) जैसे-- दुर्गा, पार्वती, लक्ष्मी, शीतला, सीता, काली, इत्यादि।
वह विशेष रूप से शिव और पार्वती के प्रेम गीतों और सर्वोच्च ब्राह्मण के रूप में शिव के लिए प्रार्थना के लिए जाने जाते हैं।
शिवजी का मंदिर पार्वती जी के मंदिर से जुड़ा हुआ है।
कुल्लू में पतलीकूहल, पार्वती, पिन, मलाणा-नाला, फोजल, सर्वरी और सैज इसकी सहायक नदियां हैं।
बाकी की नदियां चंबल, शिप्रा, कालीसिंध, पार्वती, कुनो, सिंध, बेतवा, धसान और केन, जोकि पुर्व की और बहती हैंं, यमुना नदी में जाके मिलती हैंं क्षिप्रा नदी जिसके किनारे प्राचीन शहर उज्जैन बसा हुआ हैंं हिंदू धर्म के सबसे पवित्र नदियों में से एक हैं।
रामललानहछू (1582), वैराग्यसंदीपनी (1612), रामाज्ञाप्रश्न (1612), जानकी-मंगल (1582), रामचरितमानस (1574), सतसई, पार्वती-मंगल (1582), गीतावली (1571), विनय-पत्रिका (1582), कृष्ण-गीतावली (1571), बरवै रामायण (1612), दोहावली (1583) और कवितावली (1612)।
यात्री हर-हर महादेव शम्भो, काशी विश्वनाथ गंगे, काशी विश्वनाथ गंगे, माता पार्वती संगेका मधुर गान करते हुए परिक्रमा करते हैं।
महादेव माता पार्वती से काशी का इस प्रकार गुणगान करते हैं-।
एक बार भगवान शंकर ने देखा कि पार्वती जी को अपने मायके (हिमालय-क्षेत्र) में रहने में संकोच होता है, तो उन्होंने किसी दूसरे सिद्धक्षेत्रमें रहने का विचार बनाया।
कुल्लू में पतलीकूहल, पार्वती, पिन, मलाणा-नाला, फोजल, सर्वरी और सैज इसकी सहायक नदियां हैं।
रामललानहछू (1582), वैराग्यसंदीपनी (1612), रामाज्ञाप्रश्न (1612), जानकी-मंगल (1582), रामचरितमानस (1574), सतसई, पार्वती-मंगल (1582), गीतावली (1571), विनय-पत्रिका (1582), कृष्ण-गीतावली (1571), बरवै रामायण (1612), दोहावली (1583) और कवितावली (1612)।
बाकी की नदियां चंबल, शिप्रा, कालीसिंध, पार्वती, कुनो, सिंध, बेतवा, धसान और केन, जोकि पुर्व की और बहती हैंं, यमुना नदी में जाके मिलती हैंं क्षिप्रा नदी जिसके किनारे प्राचीन शहर उज्जैन बसा हुआ हैंं हिंदू धर्म के सबसे पवित्र नदियों में से एक हैं।
इस मंदिर में शिव और पार्वती की भव्य मूर्ति है।
एक बार भगवान शंकर ने देखा कि पार्वती जी को अपने मायके (हिमालय-क्षेत्र) में रहने में संकोच होता है, तो उन्होंने किसी दूसरे सिद्धक्षेत्रमें रहने का विचार बनाया।
बाद के हिन्दू धर्म में नये देवी देवता आये (कई अवतार के रूप में)-- गणेश, राम, कृष्ण, हनुमान, कार्तिकेय, सूर्य-चन्द्र और ग्रह और देवियाँ (जिनको माता की उपाधि दी जाती है) जैसे-- दुर्गा, पार्वती, लक्ष्मी, शीतला, सीता, काली, इत्यादि।
चण्डी हिंदू देवी चण्डी, योद्धा देवी पार्वती का अवतार और गढ़ का मतलब है घर के लिए संदर्भित करता है।