manies Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
manies ka kya matlab hota hai
उन्माद
Noun:
पितर,
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manies शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
सप्तगंग, त्रिगंग, और शक्रावर्त तीर्थ में विधिपूर्वक देवताओं तथा पितरों का तर्पण करने वाला मनुष्य पुण्य लोक में प्रतिष्ठित होता है।
वास्तव में जूपितर न केवल जातियों के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है, अपितु उसे एक मात्र महान नैतिक शक्ति रूप में भी मान्यता प्राप्त है, जिसका संबंध शपथ, संगठनों और संधियों से है।
इस में उन्मादिनी, असमंजस, अभियुक्त, सोने की कंठी, नारी हृदय, पवित्र ईर्ष्या, अंगूठी की खोज, चढ़ा दिमाग, व वेश्या की लड़की कुल ९ कहानियां हैं।
रिबट का कथन है कि उन्माद में मानसिक क्षोभ की अवस्था शारीरिक क्रियाओं में प्रकट होती है।
इसमें पितरों का पूजन किया जाता है।
इसमें भग्नावशेष, होली, पापीपेट, मंछलीरानी, परिवर्तन, दृष्टिकोण, कदम्ब के फूल, किस्मत, मछुये की बेटी, एकादशी, आहुति, थाती, अमराई, अनुरोध, व ग्रामीणा कुल १५ कहानियां हैं! इन कहानियों की भाषा सरल बोलचाल की भाषा है! अधिकांश कहानियां नारी विमर्श पर केंद्रित हैं! उन्मादिनी शीर्षक से उनका दूसरा कथा संग्रह १९३४ में छपा।
चन्द्रमणि देवी ने अपने बेटे की उन्माद की अवस्था से चिन्तत होकर गदाधर का विवाह शारदा देवी से कर दिया।
फ्रायड ने रूपांतर उन्माद, जिसमें मानसिक विप्लव शारीरिक लक्षणों में परिवर्तित हो जाता है और चिंता उन्माद, जिसमें केवल मानसिक लक्षण होते है, का उल्लेख किया है।
अश्रु उन्माद (mania/मेनिया) एक प्रकार का मानसिक रोग है जिसको मनस्ताप के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है।
यह सन्निपात, उन्माद या संकल्प प्रलाप (delirium) नहीं है।
रोमन धर्मशास्त्र में आकाश की आत्मा को 'जूपितर' की संज्ञा दी गई है।
देवर्षि नारद ने देवताओं को, असित-देवल ने पितरों को और वैशम्पायन जी ने मनुष्यों को इसका प्रवचन दिया।
इसी सन्दर्भ में एक और कथा है कि ब्रह्मा ने सृजन के उन्माद में आम के पेड़ का रस निकाल कर उसी से ज़मीन पर एक स्त्री की आकृति बनाई।
रोम के अनेक प्राचीन पवित्र विवाह-संस्कार जूपितर के पुजारियों की ही उपस्थिति में संपन्न हुए।
भंडारित अनाज पर जब विभिन्न प्रकार के कवक आक्रमण करते हैं तो इनके विनष्टीकरण के साथ उनमें कुछ विषैले पदार्थ भी उत्पन्न होते हैं जो मनुष्यों एवं पशुओं उन्माद, लकवा, आमाशय कष्ट इत्यादि रोगों का कारण बनते हैं।
उनके देवताओं में उल्लेखनीय हैं- इंद्र, वरुण, अग्नि, सविता, सोम, अश्विनीकुमार, मरुत, पूषन, मित्र, पितर, यम आदि।
आरम्भिक रूप में कुरुक्षेत्र ब्रह्मा की यज्ञिय वेदी कहा जाता था, आगे चलकर इसे समन्तपंचक कहा गया, जबकि परशुराम ने अपने पिता की हत्या के प्रतिशोध में क्षत्रियों के रक्त से पाँच कुण्ड बना डाले, जो पितरों के आशीर्वचनों से कालान्तर में पाँच पवित्र जलाशयों में परिवर्तित हो गये।
स्वयं रोम में कैपीलोलिन की पहाड़ी पर जूपितर के प्राचीनतम मंदिर के अवशेष मिले हैं।
पितृपक्ष के अवसर पर यहाँ दुनिया भर से हिंदू आकर फल्गू नदी किनारे पितरों को तर्पण करते हैं।
महाद्वीप की सबसे महत्त्वपूर्ण खेल प्रतियोगिता कोपा अमेरिका कप को उन्माद के स्तर पर खेला और देखा जाता है।
उन्माद में प्राय: मानसिक विकार का परिवर्तन शारीरिक विकार में हो जाता है।
रोम के दक्षिण में अल्बान की पहाड़ी पर जूपितर की पूजा का सर्वाधिक प्राचीन केंद्र है।
ये ही छह आवेग अतिरंजित होने अथवा अनुपयुक्त विषयों के साथ संलग्न होने पर मनोविकार बन जाते हैं और अंतिम रूप में अनेक प्रकार के उन्मादों का रूप ले लेते हैं।
संपूर्ण इटली में पहाड़ी की चोटियों पर जूपितर की पूजा होती है।
लेकिन समय के अनुसार जूपितर संबंधी धारणाओं और मान्यताओं में परिवर्तन तथा विकास होता रहा।
पूर्णतः अस्पष्ट हालात में यह रैली एक उन्मादी हमले के रूप में विकसित हुई और बाबरी मस्जिद विध्वंस के साथ इसका अंत हुआ।