malonate Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
malonate ka kya matlab hota hai
Noun:
रईस, थैलीशाह, शाह,
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malonate शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इन जमींदारों में रामपुर बल्डीहा के श्री रईस लक्ष्मण प्रसाद तिवारी का वर्चस्व रहा और अब वर्तमान में इनके पनाती देवांशु तिवारी जी का वर्चस्व है.।
बिधियानी की तीनो सड़क आज भी बाबू लल्लू राय रईस के नाम से है।
लोकप्रिय समाचार शब्दजाल में, यह शब्द एक सफल व्यवसाय थैलीशाह को निरूपित करता है जिसने खुद के लिए एक विशाल (और अक्सर एकाधिकार) साम्राज्य या एक से अधिक विशिष्ट उद्योग बनाए हैं।
कुछ साहूकार व मारवाड़ी ने अपने नाम के आगे राय जोड़ा जैसे कि प्रहलाद राय छपडिया, बाबू लल्लू राय रईस ने अगेंजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
वो बचपन से रईसी व पाश्चात्य संस्कृति में पली-बढ़ीं।
खलील-उर्र-रहमान के काल में उनके अधीन स्टेट बाबू लल्लू राय रईस थे।
बाबू लल्लू राय रईस के वंशज आज भी बिधियानी गांव में है।
मोल्दावियाई थैलीशाह युद्धों में उन्होंने स्वयं पोलैंड पर उस्मानियों के आक्रमण की अगुवाई की।
जब बाबर ने 1526 में पनीपुत में इब्राहिम लोदी को हराया और वह शासक बन गया दिल्ली, पूर्व के अफगान रईसों ने थोड़े समय के भीतर अपनी शक्ति को मजबूत कर दिया।
नटवरलाल का जन्म सिवान के बांगरा गाँव में एक रईस जमींदार रघुनाथ श्रीवास्तव के घर पर हुआ था ।
श्री चंडीदास एक सफल छपाई का व्यवसाय चलाते थे और कोलकाता के सबसे रईस व्यक्तियों में से थे।
हाइने अंतिम रोमंटिक कवि था किंतु उसमें थैलीशाहों का खुला विद्रोह मिलता है।
स्पेन के स्मारक जैक मा , या मा यूं ( चीनी : 马云 ; [mà yn] जन्म 10 सितंबर 1964), चीन के सबसे अमीर व्यक्ति हैं एशिया की दूसरी सबसे अमीर व्यक्ति हैं और एक सेवानिवृत्त चीनी व्यापार थैलीशाह, निवेशक, राजनीतिज्ञ और परोपकारी है।
ये बाबू लल्लू राय रईस के चौथे वंशज राजा विनोद राय है।
रीतिकाल के कवि राजाओं और रईसों के आश्रय में रहते थे।
कलकत्ता के कुछ सम्भ्रान्त परिवारों और रईसों ने इनके निर्माण में योग दिया था और दूसरी ओर व्यावयायिक नाटक मंडलियों के असाहित्यिक प्रयास से अलग था।
वह भारतीय निर्माण थैलीशाह पालोनजी मिस्त्री के सबसे छोटे बेटे हैं।
लोकरंग की आयोजक संस्था- `लोकरंग सांस्कृतिक समिति´ एन0जी0ओ0 नही है और न उसे किसी थैलीशाह की मदद मिली हुई है।
जो कि बाद में बाबू लल्लू राय रईस के द्वारा बसाया गया बाजार रगड़गंज को रगड़गंज खत्म कर के बाद में इस जगह की स्थापना काजी खलील-उर-रहमान ने की थी।