kindlers Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
kindlers ka kya matlab hota hai
किंडलर्स
Noun:
रिआयत, अनुकंपा, मेहरबानी, नेकी, दयालुता,
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kindlers शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
प्रेम, सहानुभूति, अनुकंपा और प्राणिमात्र के प्रति मैत्री की भावना, इन सद्गुणों पर बौद्ध आचरणशास्त्र में विशेष जोर दिया गया है।
सभी जीवन, मानव और गैर मानव के लिए अनुकंपा, जैन जैन धर्म का केंद्र है।
उनके असीम अनुकंपा से प्रतिदिन सांध्यबेला में रामधुनी कभी नहीं रुकती है।
उसका कहना था कि "सुल्तान का हृदय दैवी अनुकंपा की एक विशेष निधि है, इस कारण उसका अस्तित्व अद्वितीय है।
मिस्टर 'निमोनिया' स्त्रियों के साथ भी कोई रिआयत नहीं करते थे।
नीलगंगा पुलिस थाना (उज्जैन) के प्रभारी निरीक्षक यशवंत पाल जिनकी विभिन्न कोरोना प्रभावित इलाकों में ड्यूटी के दौरान कोविड-१९ से संक्रमित हो जाने पर इंदौर के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी उनकी २३ वर्षीय पुत्री को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अनुकंपा नियुक्ति पर पुलिस उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति दी गई।
यह हृदय के १२ दिव्य गुणों- परमानंद, शांति, सुव्यवस्था, प्रेम, संज्ञान, स्पष्टता, शुद्धता, एकता, अनुकंपा, दयालुता, क्षमाभाव और सुनिश्चिय का प्रतीक है।
ऐसी मान्यता है कि विषहरी माँ की अनुकंपा से शर्प विष का प्रभाव यहाँ आकर खत्म हो जाता है और नए जीवन की प्राप्ति होती है।
उपनिषदों की आत्मसाधना, जैनो की "अहिंसा", बुद्ध की अनुकंपा और प्रेम, गीता का कर्मयोग, इस्लाम का विश्वबंधुत्व, इन सभी के लिए गांधीवाद में स्थान है।
सीकर ज़िले के गाँव ए. एस. महाविद्यालय, देवघर(अमरदुइति सन्ध्या महाविद्यालय) झारखण्ड के देवघर के सत्संग में स्थित महाविद्यालय है, जिसकी स्थापना बाबा बैद्यनाथ की असीम अनुकंपा से स्व. श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र(स्व. श्री बड़दा) ने 31 जुलाई, 1969 को की थी।
उनका मानना है कि ऐसा करने से धन की देवी लक्ष्मी की उन पर विशेष अनुकंपा रहेगी।
ऐ ईमानवालों तुम (रसूल को अपनी तरफ मुतावज्जे करना चाहो तो) रआना (हमारी रिआयत कर) न कहा करो बल्कि उनज़ुरना (हम पर नज़रे तवज्जो रख) कहा करो और (जी लगाकर) सुनते रहो और काफिरों के लिए दर्दनाक अज़ाब है (104)।
" पाइथागोरस की ही तरह, वे भी यह मानते थे कि प्रत्येक वस्तु में संख्यात्मक सम्बन्ध है और यह मस्तिष्क पर था कि वह इन संबंधों के रहस्यों की जाँच कर इनका पता लगाये या फिर ईश्वर की अनुकंपा से यह रहस्य खुलने दे।
साथ हीं विष्णु और शिव का विरोध करनेवाले असुर और देवों पर भी वे सहज ही अनुकंपा करते थे अतएव दोनों ही संप्रदायवालों ने इनकी उपेक्षा की है।
उन्होंने यह भी कहा कि जब हृदय में और कोई वस्तु होती है तो यह पाँच बातें वहाँ नहीं होतीं - ईश्वरभय, आशा, प्रेम, लज्जा तथा अनुकंपा।