hilo Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
hilo ka kya matlab hota hai
धागा
Noun:
हिलो,
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hin
hilo शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसलिए इस विषय की पैठ अब मेरे लिए सरल हो गई है, यह ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार कि मोतियों को पहले ही बांध दिया हो, उसमें फिर सुई से धागा पिरोना बहुत ही सुगम हो जाता है।
सूत से बना वह पवित्र धागा जिसे यज्ञोपवीतधारी व्यक्ति बाएँ कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है।
जनेऊ का नाम सुनते ही सबसे पहले जो चीज़ मन में आती है, वो है धागा, दूसरी चीज है ब्राह्मण।
आपने हमेशा ही अपनी सरल, साहिfत्यक व ओजस्वी वाणी से हर कार्यक्रम में जनता को हिलोर कर रखा है।
उन्होंने रेशम का धागा मन्त्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बाँध दिया।
इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हे विजयश्री के साथ वापस ले आयेगा।
शांत रस के असीम पारावार में श्रृंगार, वीर, रौद्र, अद्भुत, वीभत्स और करुण आदि सभी रस हिलोरें लेते दिखाए गए हैं; और बीच-बीच में हास्य और व्यंग के जो छीटे उड़ते रहते हैं वे भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
मेवाड़ पर राजा खेरवो भील का शासन स्थापित था , उसी दौरान गुहिलोतो ने मेवाड़ अपने कब्जे में कर लिया राज्य की स्थापना लगभग 530 ई।
हृदय की सूक्ष्मातिसूक्ष्म भाव-हिलोरों का ऐसा सजीव और मूर्त अभिव्यंजन ही छायावादी कवियों में उन्हें ‘महादेवी’ बनाता है।
अब आचार्य शंकर ऐसे महासागर बन गए, जिसमें अद्वैतवाद, शुद्धाद्वैतवाद, विशिष्टा द्वैतवाद, निर्गुण ब्रह्म ज्ञान के साथ सगुण साकार की भक्ति की धाराएँ एक साथ हिलोरें लेने लगीं।
राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएँ उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बाँधती थी।
यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है।
उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है।
पंडित अपने कंठ में श्वेत धागा (यज्ञोपवीत) डाले रहते हैं, जिसे वे कभी नहीं हटाते।
सूत्र का शाब्दिक अर्थ धागा या रस्सी होता है।
परमार, गुहिलोत, राठौड़, मकवाना, झाला, जेठवा, चूड़ासमा, चौहान, सोलंकी, डाभी, बारिया, सरवैया, , वाघेला इतियादी।
भाँग का धागा सूत के रूप में प्रयोग किया जाता है जिसे भाँगला कहते है।
पुरुषों की साक्षरता दर ८० % और महिलों की साक्षरता दर ९०% है।
हर पूजा में कलाई में लाल-पीले रंग के कच्चे सूत (मौली) का धागा बाँधा जाता है।
जिस प्रकार धागा वस्तुओं को आपस में जोड़कर एक विशिष्ट रूप प्रदान करता है, उसी प्रकार सूत्र भी विचारों को सम्यक रूप से जोड़ता है।
एक मान्यता के अनुसार बंसिया भील ने बांसवाड़ा की नीव रखी थी जबकि एक दूसरा मत यह है कि गुहिलोतों ने वागड़ राज्य की स्थापना की थी।
भभूत लगावत शंकर को, अहिलोचन मध्य परौ झरि कै।
१३वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत ने गुहिलों की सिसोदिया राजवंश की शाखा को मेवाड़ से सत्तारूढ़ कर दिया था, इनसे पहले गुहिलों की रावल शाखा का शासन था जिनके प्रथम शासक बप्पा रावल थे और अंतिम रावल रतन सिंह थे।