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feudal lords Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


feudal lords ka kya matlab hota hai


सामंती प्रभु

Noun:

सामंत,



feudal lords शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



पलामू की बगावत सच्चे अर्थ में राष्ट्रीय आंदोलन थी क्योंकि उसमें आम प्रजा ही नहीं राजा, सामंत और जमींदार भी शामिल हुए थे।

नृपतियों और सामंती प्रभुओं से मुक्ति के बाद समाज के शासन-संचालन की दृष्टि से लोकतंत्र को स्वाभाविक राजनीतिक प्रणाली के रूप में स्वीकार किया गया।

विद्रोही सामंती प्रभुओं के खिलाफ 1946 में विद्रोह शुरू हुआ और लगभग 4000 गांवों में वरंगल और बीदर जिलों में तेजी से फैल गया।

सबसे गंभीर मांग उन किसानों के सभी ऋणों के लेखन के लिए थी जो सामंती प्रभुओं द्वारा छेड़छाड़ की गई थीं।

यदि कोई अन्य उल्लेखनीय कार्यों की ओर देखे, जैसे दलपत विलास, तब स्पष्ट हो जाएगा कि अकबर अपने हिन्दू सामंतों से कितना अभद्र व्यवहार किया करता था।

काकतीय, वरंगल के छोटे प्रदेश पर शासन करने वाले राष्ट्रकूटों के प्रथम सामंत थे।

शुरुआती मामूली लक्ष्य बंधुआ श्रम के नाम पर इन सामंती प्रभुओं द्वारा अवैध और अत्यधिक शोषण को दूर करना था।

सामंत सरदारों के अलावा धार्मिक तंत्र के उच्चाधिकारियों विशेषता पूर्व के हाथों में भी विस्तृत शक्तियां आ गई थी।

डॉ॰ धर्मवीर ने दलित दृष्टि से प्रेमचंद साहित्‍य का मूलयांकन करते हुए प्रेमचंद : सामंत का मुंशी व प्रेमचंद की नीली आँखें नाम से पुस्‍तकें लिखी हैं।

शहर में शाही उद्यान, आरामगाहें, सामंतों व दरबारियों के लिये आवास तथा बच्चों के लिये मदरसे बनवाये गए।

कम्युनिस्टों के नेतृत्व में आंदोलन सामंती प्रभुओं से 3000 से ज्यादा गांवों में लेने में सफल रहा और 10,00,000 एकड़ कृषि भूमि भूमिहीन किसानों को वितरित की गई।

प्राचीन, मध्ययुगीन और सामंती ।

सामंती प्रभुओं की शक्ति पेराई के बाद उन्होंने पड़ोसी राज्यों की ओर ध्यान दिया।

वह अपने सामंती प्रभुत से पृथक् अपनी स्वतंत्रा सत्ता की घोषणा नहीं कर सकता था।

लेकिन उन्होंने भी आर्मेनियाई लोगों के साथ एक समझौता मांगा, सामंती प्रभुओं को भूमि आवंटित करना, चर्चों का पुनर्निर्माण करना, और 1441 में अर्मेनियाडज़िन कैथेड्रल में अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च के कैथोलिकों की सीट के स्थानांतरण को मंजूरी दे दी।

अकबर के हिन्दू सामंत उसकी अनुमति के बगैर मंदिर निर्माण तक नहीं करा सकते थे।

इन क्षेत्रों में पहले अनुवाद अधिक हुए, जिनमें परमेश्वर झा के सामंतिनी आख्यान का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

हालाँकि साधारणत: "प्रान्त" द्वारा सांकेतिक क्षेत्र ग्रैन्ड्स गवर्नमेंट्स की जातीं थीं जो आम तौर पर मध्यकालीन सामंतों की रियासतें अथवा भूमि संकलन होते थे।

इसमें सामंती व्यवस्था के साथ किसानों के अन्तर्विरोधों को केंद्र में रखकर उसकी परिधि के अन्दर पड़नेवाले हर सामाजिक तबके का-ज़मींदार, ताल्लुकेदार, उनके नौकर, पुलिस, सरकारी मुलाजिम, शहरी मध्यवर्ग-और उनकी सामाजिक भूमिका का सजीव चित्रण किया गया है।

स्वतंत्रता सेनानी तेलंगाना विद्रोह (आईएएसटी : तेलंगना वेट्टी चाकिरि उद्यमम, "तेलंगाना बंधुआ श्रम आंदोलन"; वैकल्पिक रूप से, तेलंगना राज्य रैतु पोराटम, "तेलंगाना किसान सशस्त्र संघर्ष") तेलंगाना क्षेत्र के सामंती प्रभुओं के खिलाफ एक किसान विद्रोह था जो विद्रोह बाद में 1946 और 1951 के बीच हैदराबाद राज्य के खिलफ़ लड़ा गया।

सामन्ती राज्य- रोमन साम्राज्य के पतन के बाद केंद्रीय सत्ता लुप्त हो गई पांचवी शताब्दी ईस्वी से मध्यकाल का आरंभ हुआ जिसमें सारी शक्ति बड़े बड़े जमीदारों जागीरदारों और सामान सरदारों के हाथों में आ गई वैसे छोटे-छोटे राज्यों में राजा जिसकी सर्वोच्च मानी जाती थी परंतु शक्ति सामंत सरदारों के हाथ में ही रही।

१५३७ में विजयनगर साम्राज्य के सामंत केंपेगौडा प्रथम ने इस क्षेत्र में पहले किले का निर्माण किया था।

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