feudalist Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
feudalist ka kya matlab hota hai
सामंतवाद
Noun:
सामंतवाद,
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feudalisticfeudalists
feudality
feudalize
feudalized
feudalizes
feudalizing
feudally
feudary
feudatories
feudatory
feuded
feuding
feudings
feudist
feudalist शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
19वीं शताब्दी में मांकूट (Mongkut) (1851-68) और उसके पुत्र चूलालोंगकार्न (Chulalongkorn) (1868-1910) के शासनकाल में सामंतवाद की व्यवस्था शनै: शनै: समाप्त हुई और थाईलैंड का वर्तमान संसार में आगमन हुआ।
प्रारंभिक उदारवादियों को सामंतवाद, निरंकुश राजतंत्र और जातिगत विशेषाधिकार अन्यायपूर्ण और इसलिए गैर-कानूनी प्रतीत हुए।
जापान में सैनिक सामंतवाद (12वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी के मध्य तक) के शासनकाल में अभिजात सैनिक समुराई वर्ग के अतिरिक्त कृषक, कारीगर, व्यापारी और दलित वर्ग थे।
यह संघर्ष न तो गरीबी से उत्पन्न असंतोष का परिणाम था और न यहां कि जनता सामंतवादी व्यवस्था से पीडि़त थी।
लेकिन लगभग समस्त मिस्र के स्वामी होते हुए भी वे सामंतवादी व्यवस्था को बदलने में असमर्थ रहे।
क्रांति में किसानों का सहयोग प्राप्त करने के लिए लेनिन सामंतवादी जमीन को किसानों में बाँटने के पक्ष में था, मेंशेविक उसका तुरंत समाजीकरण करना चाहते थे।
मध्यकाल मे जापान में सामंतवाद का जन्म हुआ।
उन्होंने सोचा था कि कांग्रेस और जनसंघ सामंतवाद, पूंजीवादी लिए थे।
भारतीय नाम नहीं दिया गया है लेकिन इसका प्रयोग शब्द का शाब्दिक अनुवाद बिदरन है अपने सामंतवादियों द्वारा स्वतंत्रता की धारणा के द्वारा गुप्ता साम्राज्य की गिरावट की शुरुआत हुई थी।
मध्यकाल मे जापान में सामंतवाद का जन्म हुआ।
भारतीय नाम नहीं दिया गया है लेकिन इसका प्रयोग शब्द का शाब्दिक अनुवाद बिदरन है अपने सामंतवादियों द्वारा स्वतंत्रता की धारणा के द्वारा गुप्ता साम्राज्य की गिरावट की शुरुआत हुई थी।
राम शरण शर्मा जैसे इतिहासकारों ने इसे गुप्त काल में नगरों के पतन और सामंतवाद के उदय से जोड़कर देखा है।
लेकिन लगभग समस्त मिस्र के स्वामी होते हुए भी वे सामंतवादी व्यवस्था को बदलने में असमर्थ रहे।
जापान में सैनिक सामंतवाद (12वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी के मध्य तक) के शासनकाल में अभिजात सैनिक समुराई वर्ग के अतिरिक्त कृषक, कारीगर, व्यापारी और दलित वर्ग थे।
उन्होंने सोचा था कि कांग्रेस और जनसंघ सामंतवाद, पूंजीवादी लिए थे।
क्रांति में किसानों का सहयोग प्राप्त करने के लिए लेनिन सामंतवादी जमीन को किसानों में बाँटने के पक्ष में था, मेंशेविक उसका तुरंत समाजीकरण करना चाहते थे।
राम शरण शर्मा जैसे इतिहासकारों ने इसे गुप्त काल में नगरों के पतन और सामंतवाद के उदय से जोड़कर देखा है।
यह संघर्ष न तो गरीबी से उत्पन्न असंतोष का परिणाम था और न यहां कि जनता सामंतवादी व्यवस्था से पीडि़त थी।
सामंतवादी युग के सामाजिक बंधन ढीले पड़े और मानव व्यक्तित्व के विकास के लिए उन्मुक्त वातावरण मिला।
प्रारंभिक उदारवादियों को सामंतवाद, निरंकुश राजतंत्र और जातिगत विशेषाधिकार अन्यायपूर्ण और इसलिए गैर-कानूनी प्रतीत हुए।
सामंतवादी युग के सामाजिक बंधन ढीले पड़े और मानव व्यक्तित्व के विकास के लिए उन्मुक्त वातावरण मिला।
19वीं शताब्दी में मांकूट (Mongkut) (1851-68) और उसके पुत्र चूलालोंगकार्न (Chulalongkorn) (1868-1910) के शासनकाल में सामंतवाद की व्यवस्था शनै: शनै: समाप्त हुई और थाईलैंड का वर्तमान संसार में आगमन हुआ।