exilements Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
exilements ka kya matlab hota hai
निर्वासन
Noun:
उसूल, नींवें, सिद्धांत, आधार,
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existences
existent
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exilements शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
एक गाँव में राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में डाली गई डकैती में जब एक औरत ने आज़ाद का पिस्तौल छीन लिया तो अपने बलशाली शरीर के बावजूद आज़ाद ने अपने उसूलों के कारण उस पर हाथ नहीं उठाया।
उसूली "अकायद" यानी ज्ञानकांड और, "हकीकत' की बातें तो सब मजहबों में एक हैं ही, "इबादत्त' यानी भक्तिकांड और "तरीकत' की बातें भी एक ही हैं और "मामिलात' यानी कर्मकांड या "शरियत' की ऊपरी, सतही बातें भी एक या एक सी हैं।
उसी के लिए सुबह की पौ फटी और उसी ने आराम के लिए रात और हिसाब के लिए सूरज और चाँद बनाए ये ख़ुदाए ग़ालिब व दाना के मुक़र्रर किए हुए किरदा (उसूल) हैं (97)।
1912 में साउथ अफ़्रीकन यूनियन के गठन की प्रतिक्रिया में अफ़्रीकी नैशनल कांग्रेस (एएनसी) की स्थापना हुई जिसका मकसद उदारतावाद, बहुसांस्कृतिकता और अहिंसा के उसूलों के आधार पर कालों की मुक्ति का संघर्ष चलाना था।
उनके मत से सभी धर्मो के उसूल एक हैं।
जॉन आस्टिन ने ‘विधिक प्रत्यक्षतावाद’ की स्थापना की जिसका दावा था कि कानून का सरोकार किसी उच्चतर नैतिक या धार्मिक उसूल से न हो कर किसी सम्प्रभु व्यक्ति या संस्था से होता है।
জজজ
धार्मिक ग्रंथ का ज्ञान एक विधि जो निरंकार के देश की तरफ लेकर जाती है, जिसके समक्ष सिख नतमस्तक होते हैं, लेकिन धार्मिक ग्रंथों की पूजा भी सिखों के बुनयादी उसूलों के खिलाफ है।
यही नहीं कोई भी संसारी पदार्थ जैसे की कबर, भक्तो एवं सत्गुरुओं के इतिहासक पदार्थ, प्रतिमाएं आदिक को पूजना सिखों के बुनयादी उसूलों के खिलाफ़ है।
उन्होंने अरबी व्याकरण, usul अल-फ़िकह, उसूल अल-हदीस, और कुरानिक exegesis पढ़ाना शुरू किया।
पूँजीवाद विरोधी नज़रिया रखने वाले विद्वानों की मान्यता है कि बाज़ार आधारित व्यवस्थाएँ ‘ग्रीड इज़ गुड’ के उसूल पर चलती हैं, इसलिए उनके तहत भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी होनी लाज़मी है।
सरब्लोह ग्रन्थ ओर भाई गुरदास की वारें शंका ग्रस्त रचनाए हैं | हलाकि खालसा महिमा सर्ब्लोह ग्रन्थ में सुसजित है जो सतगुरु गोबिंद सिंह की प्रमाणित रचना है, बाकी स्र्ब्लोह ग्रन्थ में कर्म कांड, व्यक्ति पूजा इतियादी विशे मोजूद हैं जो सिखों के बुनयादी उसूलों के खिलाफ हैं | भाई गुरदास की वारों में मूर्ती पूजा, कर्म सिधांत आदिक गुरमत विरुद्ध शब्द दर्ज हैं।
उसूली "अकायद' यानी ज्ञानकांड और, "हकीकत' की बातें तो सब मजहबों में एक हैं ही, "इबादत्त" यानी भक्तिकांड ओर "तरीकत" की बातें भी एक ही हैं और "मामिलात यानी कर्मकांड या "शरियत की ऊपरी, सतही बातें भी एक या एक सी हैं।