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consonants Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


consonants ka kya matlab hota hai


व्यंजन

Noun:

व्यंजन,

Adjective:

सदृश, अनुरूप,



consonants शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



देवनागरी में 11 स्वर और 33 व्यंजन हैं।

देवनागरी की वर्णमाला में १२ स्वर और ३४ व्यंजन हैं।

"क", "ख" आदि व्यंजन सस्वर हैं- अकारयुक्त हैं।

इनमें से ळ (मूर्धन्य पार्विक अन्तस्थ) एक अतिरिक्त व्यंजन है जिसका प्रयोग हिन्दी में नहीं होता है।

सिंधु घाटी मुहरों और इकोनोग्रफी भी एक यथोचित साक्ष्य प्रदान करते है कि योग परंपरा और जैन धर्म के बीच संप्रदायिक सदृश अस्तित्व है।

इससे पूर्व काका कालेलकर, डॉ॰संपूर्णानंद, डॉ॰बी गोपाल रेड्डी, डॉ॰कर्ण सिंह, डॉ॰पी.वी.नरसिंह राव, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ॰आर.के.दासगुप्ता, डॉ॰विनायक कृष्ण गोकाक, डॉ॰ उमाशंकर जोशी, डॉ॰मसूद हुसैन, प्रो॰एम.वी.राज्याध्यक्ष, डॉ॰आदित्यनाथ झा, श्री जगदीशचंद्र माथुर सदृश विद्वान और साहित्यकार इस परिषद के अध्यक्ष या सदस्य रह चुके हैं।

भीड़ मे दूसरों से प्रभावित होकर मनुष्य सम्मोहित व्यक्ति के सदृश आचरण करने लगता है।

शून्य या एक या अधिक व्यंजनों और एक स्वर के मेल से एक अक्षर बनता है।

इस ब्रह्मांड में हर एक तारा सूर्य सदृश है।

यह कृषिक्षेत्र प्रयोगशाला सदृश है जिसमें शुष्क प्रदेश के उपयुक्त कृषि का विकास करने, समुन्नत बीज उत्पन्न करने, पशुओं की नस्लें समुन्नत करने आदि के प्रयोग किए जा रहे हैं।

पत्थर के समान कठोर व दृढ़ प्रतिज्ञ मानव हृदय को भी मोम सदृश पिघलाने की शक्ति इस कला में है।

ईरानी फ़ारसी में छह स्वर और बाईस व्यंजन है।

आकस्मिक शारीरिक चोट, मानसिक क्षोभ, अथवा उत्तेजना के कारण, हाथ पैर रहते कभी कभी मनुष्य लूले या लँगड़े के सदृश व्यवहार करने लगता है, दृष्टि का लोप हो जाता है, अथवा वह नींद में ही चलने फिरने लग जा सकता है।

परंतु यहाँ यह ध्यान रखने की बात है कि भारत की "ब्राह्मी" या "भारती" वर्णमाला की ध्वनियों में व्यंजनों का "पाणिनि" ने वर्णसमाम्नाय के 14 सूत्रों में जो स्वरूप परिचय दिया है- उसके विषय में "पतंजलि" (द्वितीय शताब्दी ई.पू.) ने यह स्पष्ट बता दिया है कि व्यंजनों में संनियोजित "अकार" स्वर का उपयोग केवल उच्चारण के उद्देश्य से है।

स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं।

यह कहानी थी श्रेष्ठ भारतीय मूल्यों और परम्परा की चट्टान सदृश्य आदर्शों की।

इसमें कुल ५२ अक्षर हैं, जिसमें १४ स्वर और ३८ व्यंजन हैं।

वेदों का वास्तविक अर्थ समझने के लिए इनके भितर से ही वेदांङ्गो का निर्माण किया गया | इसकी वजह इनमें वर्णित अर्थों को जाना नही जा सकता | सबसे अधिक विवाद-वार्ता ईश्वर के स्वरूप, यानि एकमात्र या अनेक देवों के सदृश्य को लेकर हुआ है।

"देवनागरी" को अक्षरात्मक इसलिए कहा जाता है कि इसके वर्ण- अक्षर (सिलेबिल) हैं- स्वर भी और व्यंजन भी।

यह ध्वनि भीषण गड़गड़ाहट के सदृश होती है।

स्वर के ना होना व्यंजन के नीचे हलन्त्‌ या विराम लगाके दर्शाया जाता है।

भूकंप गति से पृथ्वी के पृष्ठ पर की तरंगो भाग पर पानी के तल के सदृश तरंगें उत्पन्न होती हैं।

आर्किड के जुड़वां गट्टे अंडकोष के सदृश समझे जाते थे और प्राचीन रोमन मान्यता है कि ज़िनाकार के मैथुन से वीर्य के छलक जाने से फूल खिलते हैं।

consonants's Usage Examples:

It has already been explained that the writing expresses only consonants.


Hard consonants were, and indeed still are, very difficult for her to pronounce in connection with one another in the same word; she often suppresses the one and changes the other, and sometimes she replaces both by an analogous sound with soft aspiration.


The consonants, 30 in number, which are deemed to possess an inherent sound a, are the following: ka, k'a, ga, nga, ea, ca, ja, nya, ta, t'a, da, na, pa, p'a, ba, ma, tsa, ts'a, dza, wa, z'a, za, 'ha, ya, ra, la, s'a, sa, ha, a; the so-called Sanskrit cerebrals are represented by the letters ta, t'a, da, na, s'a, turned the other way.


Flexional consonants are almost always marked by phonograms, except in very early times; as when the feminine word z.t, cobra, is spelled ~ Also, if a sign had more than one value, a phonogram would be added to indicate which of its values was intended:


In the modern pronunciation the principal differences are between the Ashkenazim (German and Polish Jews) and the Sephardim (Spanish and Portuguese Jews), and concern not only the vowels but also certain consonants, and in some cases probably go back to early times.


In order to avoid the uncertainty arising from the lack of vowels to distinguish forms consisting of the same consonants (for the vowel-points were not yet invented), the aramaising use of the reflexive conjugations (Hithpa`el, Nithpa`el) for the internal passives (Pu'al, Hoph`al) became common; particles were used to express the genitive and other relations, and in general there was an endeavour to avoid the obscurities of a purely consonantal writing.


The consonants, b, d, f, k, I, m, n, p, r, v, z, are as in English; g = Eng.


Agglomerations of consonants are often met with as initials, giving the appearance of telescoped words - an appearance which historical etymology often confirms. IVlany of these initial consonants are silent in the dialects of the central provinces, or have been resolved into a simpler one of another character.


The consonants are for the most part reproduced pretty distinctly, but not the vowels as yet in an equal degree."


Two consonants are not allowed to stand together at the beginning of a word,; hence vowels are frequently inserted or prefixed, e.g.



Synonyms:

pharyngeal, labiodental, labiodental consonant, guttural, alveolar, alveolar consonant, phone, geminate, voiceless consonant, nasal consonant, labial, velar consonant, speech sound, sound, guttural consonant, lingual, velar, obstruent, surd, dental consonant, pharyngeal consonant, aspirate, labial consonant, dental, nasal, liquid,



Antonyms:

voiced, exhale, low, unmusical, vowel,



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