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consonantal Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


consonantal ka kya matlab hota hai


व्यंजन

Adjective:

व्यंजन का,



consonantal शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



इस प्रकार, केरल भोजन एक स्वदेशी और विदेशी व्यंजन केरल स्वाद के लिए अनुकूलित व्यंजन का एक मिश्रण है।

देवनागरी की वर्णमाला में १२ स्वर और ३४ व्यंजन हैं।

परंतु यहाँ यह ध्यान रखने की बात है कि भारत की "ब्राह्मी" या "भारती" वर्णमाला की ध्वनियों में व्यंजनों का "पाणिनि" ने वर्णसमाम्नाय के 14 सूत्रों में जो स्वरूप परिचय दिया है- उसके विषय में "पतंजलि" (द्वितीय शताब्दी ई.पू.) ने यह स्पष्ट बता दिया है कि व्यंजनों में संनियोजित "अकार" स्वर का उपयोग केवल उच्चारण के उद्देश्य से है।

यदि यह जानना हो कि समाज में 56 प्रकार के व्यंजन का प्रयोग किस प्रकार प्रचलित है, तो इसके लिये वैद्यकशास्त्र में वर्णित गणित के ‘अंक-पाश’ के अन्तर्गत ‘संचय’ (Combination) के नियमों के आधार पर कुल 6 रसों के द्वारा 63 तथा अन्ततः 56 विभेदों की संकल्पना का अध्ययन अपेक्षित होगा।

किंतु भोजन प्रारंभ होने के पूर्व प्रत्येक व्यंजन का थोड़ा थोड़ा अंश एक पत्तल पर निकालकर मृत आत्मा के लिये जंगल में भेज दिया जाता है।

इनके मुख्य खानों में मक्खन से बनी चीजें, सब्जी भाजी और मटन के व्यंजन काफी प्रसिद्ध हैं।

"देवनागरी" को अक्षरात्मक इसलिए कहा जाता है कि इसके वर्ण- अक्षर (सिलेबिल) हैं- स्वर भी और व्यंजन भी।

व्यंजन का उच्चारण (Consonant voicing) ।

इनमें से ळ (मूर्धन्य पार्विक अन्तस्थ) एक अतिरिक्त व्यंजन है जिसका प्रयोग हिन्दी में नहीं होता है।

प्रत्येक व्यंजन का निम्न स्वर प्रचलित हैं-।

अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता।

हरेली, पोरा, छेरछेरा त्यौहारों में चांवल के आटे से तलकर तैयार किया जाने वाले इस व्यंजन का जायका गुड़ व आचार बढ़ा देते हैं।

स्वर के ना होना व्यंजन के नीचे हलन्त्‌ या विराम लगाके दर्शाया जाता है।

ह्रस्व (क्), जो उक्त व्यंजन का मूल स्वर है,।

आत्माभिव्यंजन का स्वतंत्र तथा शुद्ध रूप गीतिकाव्यों में पाया जाता है।

देवनागरी लिपि में दो व्यंजन का संयुक्ताक्षर निम्न रूप में लिखा जाता है :।

शून्य या एक या अधिक व्यंजनों और एक स्वर के मेल से एक अक्षर बनता है।

"क", "ख" आदि व्यंजन सस्वर हैं- अकारयुक्त हैं।

जब कभी व्यंजन का प्रयोग स्वर से रहित किया जाता है तब उसके नीचे एक तिरछी रेखा (्) लगा दी जाती है।

देवनागरी में 11 स्वर और 33 व्यंजन हैं।

ईरानी फ़ारसी में छह स्वर और बाईस व्यंजन है।

इसमें कुल ५२ अक्षर हैं, जिसमें १४ स्वर और ३८ व्यंजन हैं।

जिनिन वर्णो को बोलने के लिए स्वर की सहायता लेनी पड़ती है उन्हें व्यंजन कहते है।

consonantal's Usage Examples:

In order to avoid the uncertainty arising from the lack of vowels to distinguish forms consisting of the same consonants (for the vowel-points were not yet invented), the aramaising use of the reflexive conjugations (Hithpa`el, Nithpa`el) for the internal passives (Pu'al, Hoph`al) became common; particles were used to express the genitive and other relations, and in general there was an endeavour to avoid the obscurities of a purely consonantal writing.


The consonantal text sometimes betrays these in spite of the Massorah.


More important are those passages in which the Massoretes have definitely adopted a variation from the consonantal text.


the Massoretic. 'This text was the work of a special gild of trained scholars called Massoretes (main 'Sys) or " masters of tradition " (n p 7 or less correctly n-m), 1 whose aim was not only to preserve and transmit the consonantal text which had been handed down to them, but also to ensure its proper pronunciation.


The original form of the name was Nethunim, as in the Khetib (consonantal reading) of Ezra viii.


The alphabet of the Sabaean inscriptions is most closely akin to the Ethiopic, but is purely consonantal, without the modifications in the consonantal forms which Ethiopic has devised to express vowels.


The only possible consonantal nexus in purely Malay words is that of a nasal and mute, a liquid and mute and vice versa, and a liquid and nasal.


When this consonantal u (English w as seen in words borrowed very early from Latin like wall and wine) passed into the sound of English v (labio-dental) is not certain, but Germanic words borrowed into Latin in the 5th century A.D.


In Late Latin there was a tendency to this spirant pronunciation which appears as early as the beginning of the 2nd century A.D.; by the 3rd century b and consonantal u are inextricably confused.


mg.; obtained by inserting n above the consonantal text in the Hebrew) is apparently intended to suggest that he was the son of that idolatrous king.



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