cliquey Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
cliquey ka kya matlab hota hai
गुट
Adjective:
एकांतप्रिय, गिरोह का,
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cliquey शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
(ट) एकांतप्रिय कीट (सॉलिटरी इंसेक्ट्स Solitary Insects) -इनकी आदतें स्वतंत्र भोजन प्राप्त करनेवाले और सामाजिक जीवन व्यतीत करनेवाले कीटों के मध्य की होती हैं।
18 वर्ष की उम्र में वह एक अवैध रूप से शिकार करने वाले गिरोह का सदस्य बन गया।
इंस्पेक्टर रंजीत और कृष्णा साथ में मोंटी और उसके गिरोह का पता लगाते हैं और मोंटी ने कृष्णा की बहन की हत्या करना कबूल किया।
अगले कुछ सालों में उसने अपने एक प्रतिद्वंदी गिरोह का खात्मा किया और सम्पूर्ण जंगल का कारोबार उसके हाथों में आ गया।
रजाक खान - कबीरा गिरोह का सदस्य।
फिर भी, उन्हें एक गुप्त, एकांतप्रिय और उदासीन शासक के रूप में याद किया जाने लगा, जो वास्तव में कभी सम्राट बनना नहीं चाहते थे; प्लिनी द एल्डर ने उन्हें "पुरुषों का सबसे निराशाजनक" कहा।
(यह ऋतु) एकांतप्रिय, अरणयवासी उसभ के मन में अधिकाधिक स्फूर्ति उत्पन्न करती है।
नवीं कक्षा में उन्हें सार्वजनिक फ्रीहोल्ड रीजनल हाई स्कूल भेजा गया, मगर वे वहां भी फिट नहीं हो पाए. पुराने शिक्षकों ने बताया कि वह "एकांतप्रिय हैं, जो और कुछ नहीं, बस अपना गिटार बजाता रहना चाहता है।
वे स्वभाव से एकांतप्रिय, निर्भीक तथा निर्लोभ थे।
फीके रंग की होने के कारण और पेड़ के नीचे उगी घनी झाड़ियों में रहने वाली एक अपेक्षाकृत एकांतप्रिय पक्षी होने के कारण, सफ़ेद-पुट्ठे वाली मुनिया उन स्थानों पर भी अनिवार्य रूप से अधिक विख्यात या दृष्टिगत नहीं होती जहां इनकी संख्या अधिक होती है।
इस बीच विजय, बलराज के गिरोह का मामले सौंपा गया।
वो पहले दुष्ट लॉर्ड वोल्डेमॉर्ट के गिरोह का सदस्य था, पर बाद में (डम्बल्डोर के अनुसार) अपनी जान पर खेलकर वोल्डेमॉर्ट के ख़िलाफ हो गया और डम्बल्डोर का साथ दिया।
पंडित जी अध्ययनशील तथा स्वभावत: एकांतप्रिय व्यक्ति थे।
विजय को भी आभास हो जाता है कि बलराज गिरोह का नेता है।
यहां तक कि आरंभिक संदर्भों में भी इसे उग्र होने पर भी अच्छा, निस्वार्थ होने पर भी एकांतप्रिय, साथ ही रहस्यमयी रूप से सुंदर बताया गया है।
वह भुजंग उर्फ भैरव सिंह की अध्यक्षता में एक कुख्यात आपराधिक गिरोह का पता लगाता है।
एक दिन उसे ज़ख़्मी हालत में एक डाकुओं के गिरोह का सरदार मिलता है जिसकी जान राजू बचा लेता है।
यह सरोवर एकांतप्रिय लोगों को बहुत पसंद आता है।
उनसे मिलने के बाद तू फू को उस एकांतप्रिय विद्वान कवि के जीवन के दर्शन हुए जिसकी उन्हें सरकारी नौकरी नहीं पाने के पश्चात् तलाश थी।
उस गिरोह का लीडर, कबीर (जॉन अब्राहम) उससे कहता है कि वो उसके सामने भी रहेगा, तो भी वो उसे पकड़ नहीं पाएगा, और ऐसा होता भी है।
दिनेश का भी पर्दाफ़ाश हो जाता है और उसको पता चलता है कि मोगरा टापू के किले में ही दरअसल इस गिरोह का नकली नोट छापने का कारख़ाना है और राय बहादुर ही नक़ली नोट बनाने वाले गिरोह का सरगना है।
हालांकि जय की गोली से उस गिरोह का एक सदस्य मारा जाता है, पर वे लोग एक और बार असफल हो जाते हैं।
बाद में पुलिस को पता चलता है कि मेजर विजय को मारने वाला और तस्कर गिरोह का सरगना डीके है।