chun Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
chun ka kya matlab hota hai
के लिए
Noun:
चिबुक, ठुड्डी, ठोड़ी,
People Also Search:
chunderchundered
chundering
chunderous
chunders
chunk
chunked
chunkier
chunkiest
chunking
chunks
chunky
chunnel
chuntering
chupati
chun शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसी प्रकार उस गौ ने फेन से चिबुक, पुलिन्द, चीन, हूण, केरल आदि बहुत प्रकार के ग्लेच्छों की सृष्टि की।
अवचिबुक शिरा (submental vein)।
परंपरागत जेवर सोने के होते और इनमें बुलाक (नाक के नथुनों के बीच की बाली जो चिबुक एक झूलता), नथनी, गला बंद (हार), हंसुली (मोटे चांदी का जेवर गले के चारों ओर रहता तथा संपन्न वर्ग के लिये सोने का होता) तथा एक धागुला जिसे पुरूष एवं महिलाएं दोनों पहनते शामिल था।
अधः चिबुक धमनी (submental artery)।
चिबुकाग्र के दाएँ व बाएँ किनारे पर एक एक खंडदार स्पर्शिनी (लेवियल पैल्प Labial palp) होती हैं।
बजरंगबली और हनुमान नाम कैसे पड़े इनके संबंध में विस्तार से यह जानना रोचक रहेगा कि संस्कृत का एक शब्द है हनुः जिसका मतलब होता है चिबुक, ठुड्डी, ठोड़ी या जबड़ा।
राहु ने इन्द्र को रक्षा के लिये पुकारा तो उन्होंने हनुमानजी पर वज्रायुध से प्रहार किया जिससे वे एक पर्वत पर गिरे और उनकी बायीं ठुड्डी टूट गई।
परंपरागत जेवर सोने के बने होते हैं जिनमें बुलाक (चिबुक तक झूलता, पुष्पाकार एक नाक का पीन फुली, दो नथुनों के बीच पहना जाने वाला नाक की बाली है), गला बंद (गले का हार), एक हंसुली (गले के इर्द-गिर्द पहना जाने वाला चांदी का जेवर) जो संपन्न वर्गों के लिये सोना भी हो सकता है शामिल होते हैं।
चिबुक धमनी (mental artery)।
इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी (संस्कृत: में हनु ) टूट गई थी।
परंपरागत जेवर सोने के बने होते, जिनमें एक बुलाक (दोनों नथुनों के बीच चिबुक तक झुलता एक छल्ला), नथुनी (नाक की बाघी), गलाबंद (हार), एक हंसुली (गले के इर्द-गिर्द मोटे चांदी का छड़नुमा जेवर) तथा एक धांगुला जिसे पुरूष एवं महिलाएं दोनों पहनते, शामिल होते।
बजरंगबली और हनुमान नाम कैसे पड़े इनके संबंध में विस्तार से यह जानना रोचक रहेगा कि संस्कृत का एक शब्द है हनुः जिसका मतलब होता है चिबुक, ठुड्डी, ठोड़ी या जबड़ा।
ठुड्डी, गर्दन, होठ, गाल, नाक, आँख, कान, कपाल सभी शिथिल हो गए हैं।
इन्द्र के वज्र से हनुमानजी की ठुड्डी (संस्कृत में हनु) टूट गई थी।
कुल मिलाकर, पुर्तगाली समुद्री कुत्ते में सफेद रंग सबसे कम आम है, जबकि ठुड्डी (मिल्क चिन) और छाती पर सफ़ेद के साथ काला रंग सबसे आम रंग संयोजन है।
नगेंद्रनाथ वसु ने हिंदी विश्वकोश में इन शृंगारों को गणना निम्नलिखित दी है— (१) उबटन, (२) स्नान, (३) वस्त्रधारण, (४) केश प्रसाधन, (५) काजल, (६) सिंदूर से माँग भरना, (७) महावर, (८) तिलक, (९) चिबुक पर तिल, (१०) मेंहदी, (११) सुगंध लगाना, (१२) आभूषण, (१३) पुष्पमाल, (१४) मिस्सी लगाना, (१५) तांबूल और (१६) अधरों को रंगना।
इसकी ठुड्डी पर दाढ़ी होती है तथा इसकी घ्राणशक्ति तीव्र होती है।
एक्सटेंडेड आर्म टो (बेहोश व्यक्ति): अपनी पीठ के सहारे स्विमिंग साइडस्ट्रोक या ब्रेस्टस्ट्रोक, बचावकर्ता सर को सीधे हाथ से ठुड्डी के नीचे जकड़ते हुए पकड़ता है और यह सुनिश्चित करता है कि मुँह और नाक पानी से बाहर हैं।
ताभ्बूलास्योरुबिन्दुस्तबकितचिबुका कज्जलाक्षी सुचित्रा।
प्रथम ठुड्डी से जघन (public) जोड़ तक शवछेदन कर, त्वचा एवं मांसपेशियों को हटाकर, वक्षअस्थि को पृथक् कर दिया जाता है।
इस शैली की विशेषता यह है कि मीन नेत्र ,लम्बी नासिका ,छोटी ठोड़ी ,लाल एवं पीले रंग का अधिक प्रभाव ,नायक के कान एवं चिबुक के नीचे गहरे रंग का प्रयोग।
तिलक भाल, तिल चिबुक में, भूषण मेंहदी वेश।
लाईफगार्ड धीरे-धीरे पीड़ित व्यक्ति (जो आम तौर पर पानी में चेहरा नीचे किये हुए होता है) के पास पहुँचता है, हाथ को पीड़ित की छाती के विरुद्ध मजबूती से दबाकर एक हाथ पीड़ित की ठुड्डी पर रखता है।
इस तरह की क्षति की वजह से नस की अपूरणीय क्षति का मुंह देखना पड़ सकता है जिसे अक्सर मसूड़े, होंठ और ठुड्डी की डीसेस्थेसिया (दर्दनाक संवेदनशून्यता) या पैरेस्थेसिया (संवेदनशून्यता) के रूप में महसूस किया जाता है।