ayries Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
ayries ka kya matlab hota hai
मेष
Noun:
मेष राशि,
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ayries शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
प्रति बारह वर्षों पर जब सूर्य और चंद्र मेष राशि में और बृहस्पति कुंभ राशि में स्थित होते हैं तब यहां कुंभ का मेला लगता है।
पहले श्लोक से प्रकट होता है कि क्रांतिवृत्त के जिस बिंदु को आर्यभट ने मेषादि माना है वह वसंत-संपात-बिंदु था, क्योंकि वह कहते हैं, मेष के आदि से कन्या के अंत तक अपमंडल (क्रांतिवृत्त) उत्तर की ओर हटा रहता है और तुला के आदि से मीन के अंत तक दक्षिण की ओर।
पौराणिक विश्वास जो कुछ भी हो, ज्योतिषियों के अनुसार कुम्भ का असाधारण महत्व बृहस्पति के कुम्भ राशि में प्रवेश तथा सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ जुड़ा है।
यह मलयालम महीने मेष की पहली तिथि को मनाया जाता है।
मेष राशि का प्रारंभ विषुवत् तथा क्रांतिवृत्त के संपातबिंदु से होता है।
पौराणिक विश्वास जो कुछ भी हो, ज्योतिषियों के अनुसार कुम्भ का असाधारण महत्व बृहस्पति के कुम्भ राशि में प्रवेश तथा सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ जुड़ा है।
खगोल गणनाओं के अनुसार यह मेला मकर संक्रान्ति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा, वृश्चिक राशि में और वृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं।
पुष्य नक्षत्र की योनि मेष है।
प्रति वर्ष चैत्र में मेष संक्रांति के समय मेला लगता है जिसमें लाखों यात्री इकट्ठे होते हैं।
उज्जैन में मेष राशि में सूर्य और सिंह राशि में गुरु के आने पर यहाँ महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे सिहस्थ के नाम से देशभर में पुकारा जाता है।
फिर तारामंडल के नाम के आगे ग्रीक भाषा के अक्षर रखकर तारों का नामकरण किया जाता है, जैसे मेष राशि के सबसे चमकीले तारे का नामकरण एल्फातरीज़ किया गया है।
खगोल गणनाओं के अनुसार यह मेला मकर संक्रान्ति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा, वृश्चिक राशि में और वृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं।
मेष राशि पूर्व दिशा की द्योतक है, तथा इसका स्वामी ’मंगल’ है।
वसंत विषुव के समय सूरज मेष राशि में ईसा से १६५० साल पहले (१६५०BC) से, ईसा के ५०० साल बाद (५०० AD) तक लगभग २१५० साल रहा।
ईसा पूर्व सन 11501 में जब शारदीय विषुव मेष राशि के प्रथम बिंदु पर था तब सूर्य का अपने परिक्रमा मार्ग में महकेन्द्र के निकटतम बिंदु से दूरस्थ बिंदु की ओर प्रस्थान शुरू हुआ और उसी के साथ मानव की बुद्धि क्षीण होने लगी ।
फिर तारामंडल के नाम के आगे ग्रीक भाषा के अक्षर रखकर तारों का नामकरण किया जाता है, जैसे मेष राशि के सबसे चमकीले तारे का नामकरण एल्फातरीज़ किया गया है।
उज्जैन में मेष राशि में सूर्य और सिंह राशि में गुरु के आने पर यहाँ महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे सिहस्थ के नाम से देशभर में पुकारा जाता है।
इसी अनुसार, ईरानी विद्वान तूसी ने नौरोज़ को परिभाषित करते हुए लिखा है, "आधिकारिक वर्ष का प्रथम दिवस (नौरोज़) हमेशा से वह दिन होता था जिस दिन मध्याह्न से पहले सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है।
ज्योतिषीयों के सटीक गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म 58 हजार 112 वर्ष पहले त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के झारखण्ड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गाँव के एक गुफा में हुआ था।
राशिचक्र के तारामंडल बहुत प्रसिद्ध हैं, इनकी संज्ञा मेष, वृष आदि है।
गौतम के शाप के परिणामस्वरूप उन्हें मेषवृषण भी कहा गया है।
प्रति बारह वर्षों पर जब सूर्य और चंद्र मेष राशि में और बृहस्पति कुंभ राशि में स्थित होते हैं तब यहां कुंभ का मेला लगता है।