apterium Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
apterium ka kya matlab hota hai
एप्टेरियम
Noun:
परिकोष्ठ, अलिंद,
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apterium शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
अलि- भौंरा, मधुकर, भ्रमर, भृंग, मिलिंद, मधुप, अलिंद।
गिल छिद्रों के द्वारा जल अपवाही नाल के निकट स्थित परिकोष्ठगुहिका (atrial cavity) में एकत्र होता है, तथा पुन: अपवाही नाल के द्वारा, धार के रूप में, प्रबल वेग से कुछ दूर पर जाकर गिरता है, जिससे वह जल मुख के द्वारा पुन: भीतर नहीं प्रविष्ट हो सके।
प्रत्येक पुस्त-फुफ्फुस (1) फुफ्फुस कोष्ठ जिसमें खोखली पटलिकाएँ होती हैं तथा जिनमें रक्त प्रवाहित होता है, (2) वायुपरिकोष्ठ (atsium) और (3) बाहर की ओर खुलनेवाले दृग्बिंदु (stigma) का बना होता है।
हृदय में दो अलिंद और अपूर्ण रूप से, दाएँ तथा बाएँ में विभाजित, निलय होता है, किंतु मगरमच्छ में निलय पूर्ण रूप से दो खंडों में बँटा रहता है।
पहली प्रणाली विद्युत कुंडलनी सिस्टोल में भली प्रकार से प्रदर्शित की जाती है, (इसे क्यू आर एस के रूप में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम के द्वारा पता लगाया जा सकता है) चूँकि एक व्यक्तिगत पेशी हृदयी विद्युतीय वृक्ष सैनो एटरियल नोड या शिरा अलिंदी पर्व के द्वारा बनने लगता है।
इमारत के अंदर, अलिंद 180 मीटर (590 फीट) लंबा है।
रिज़ॉर्ट के प्रवेश स्थान के समीप बना एक परिकोष्ठ जिसमे बड़ी संख्या में ताड़ के पेड़, जलीय पौधे और दूसरे "राइनफोरेस्ट" में उगने वाले पौधे लगे हैं।
हृदय में दो अलिंद और एक निलय होता हैं।
पार्श्व अलिंदों की अप्सराओं का सौंदर्य अद्वितीय है।
जब सही परिकोष्ठ में दबाव में छोड़ दिया परिकोष्ठ स्तर तक बढ़ जाता है, वहाँ कोई दिल अब इन कक्षों के बीच एक ढाल दबाव होगा और बाएँ से दायें अलग धकेलना कम या बंद हो जाएगा.।
निलय से रुधिर हृदय के स्पंदन के कारण फुप्फुसीय धमनी द्वारा फुप्फुस में शोधन के लिए जाता है तथा शुद्ध होने के बाद वह फुप्फुसीय शिराओं द्वारा बाएँ अलिंद में आता है।
ऊर्ध्व एवं अध: महाशिराएँ समस्त शरीर के रुधिर को हृदय के दक्षिण में अलिंद में लाती हैं, जहाँ से रुधिर दक्षिणी निलय में जाता है।
बाएँ अलिंद के संकुचन के कारण रुधिर बाएँ निलय में जाता है, जहाँ से महाधमनी एवं उसकी शाखाओं द्वारा समस्त शरीर में जाता है।
अलिंदी स्फुरण परिकोष्ठ का बायें या दाहिनी में गोलाकार ताल (रीनट्रान्ट रिदम) के कारण के द्वारा होता है।
हृदय पूर्ण रूप से चतुष्कोष्ठीय (दो अलिंद तथा दो विलय) होता है।
हृदय एक अलिंद तथा एक निलय, दो खंडों में बँटा रहता है।
अलिंद तथा निलय के मध्य कपाट रहते हैं, जो रुधिर को विपरीत दिशा में जाने से रोकते हैं।
५६ एकड़ के बगीचे जैसे परिसर में फैला हुआ यह रिज़ॉर्ट अपने उष्णकटिबन्धीय - शैली से अभिप्रेरित साज-सज्जा, भव्य वास्तु कला, सूर्य के रोशनी से आच्छादित परिकोष्ठ, चौड़े छायादार गलियारे और फुलो की पंक्तियों से भरे पड़े आँगन के साथ आपके यहाँ ठहरने को एक यादगार निर्णय बना देता है।
इस तंत्र में हृदय, इसके दो अलिंद, दो निलय, उनका कार्य, फुप्फुस में रुधिर शोधन तथा प्रत्येक अंगों को शुद्ध रुधिर ले जानेवाली धमनियाँ एवं हृदय में अशुद्ध रुधिर को वापस लानेवाली शिराएँ रहती हैं।