छायावाद Meaning in English
छायावाद शब्द का अंग्रेजी अर्थ : a romantic movement in Hindi poetry
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छायावाद हिंदी उपयोग और उदाहरण
महादेवी वर्मा छायावाद का मूल दर्शन सर्वात्मवाद को मानती हैं और प्रकृति को उसका साधन।
कवि एवं नाटककार के रूप में आधुनिक हिन्दी साहित्य में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर अधिष्ठित होने के कारण प्रसाद जी की कहानियों पर लम्बे समय तक समीक्षकों ने उतना ध्यान नहीं दिया, जितना कि अपेक्षित था; जबकि विजयमोहन सिंह के शब्दों में : छायावादी और आदर्शवादी माने जाने वाले जयशंकर प्रसाद की पहली ही कहानी 'ग्राम' आश्चर्यजनक रूप से यथार्थवादी है।
किशोर जीवन के रोमांटिक सौंदर्यबोध से यात्रा आरम्भ करके जहाँ उनकी साधना शाश्वत जीवन-मूल्यों के आलोकवृत्त में केन्द्रित हुई है, वहीं उनकी कला ने छायावाद की स्वीकृत अभिव्यंजना प्रणाली को मौलिक बिम्ब-विधान और विविध छन्द-प्रयोगों से नया सामर्थ्य प्रदान किया है।
आलोचकों ने छायावाद पर स्वच्छन्दता का प्रभाव बताया है तो दूसरी ओर इसका विरोध भी प्रकट किया है।
कवि के रूप में वे निराला, पन्त, महादेवी के साथ छायावाद के प्रमुख स्तम्भ के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं; नाटक लेखन में भारतेन्दु के बाद वे एक अलग धारा बहाने वाले युगप्रवर्तक नाटककार रहे जिनके नाटक आज भी पाठक न केवल चाव से पढ़ते हैं, बल्कि उनकी अर्थगर्भिता तथा रंगमंचीय प्रासंगिकता भी दिनानुदिन बढ़ती ही गयी है।
गीतकाव्य के बाद छायावाद में भी महाकाव्य का निर्माण हुआ।
व्यक्तिनिष्ठता छायावादी काव्य की विशेषता रही है।
"" तथा छायावादी कवियों ने नारी के रूप रंग वा सौंदर्य का आदुतीय वर्णन किया है।
ध्वन्यात्मकता, लाक्षणिकता, सौंदर्य, प्रकृति-विधान तथा उपचार वक्रता के साथ स्वानुभूति की विवृत्ति छायावाद की विशेषताएँ हैं।
"" छायावादी कवियों का प्रकृति वर्णन हिन्दी साहित्य में उल्लेखनीय है।
"" छायावादी काव्य को जहाँ प्रसाद ने प्रकृतितत्त्व दिया, निराला ने उसमें मुक्तछंद की अवतारणा की और पंत ने उसे सुकोमल कला प्रदान की वहाँ छायावाद के कलेवर में प्राण-प्रतिष्ठा करने का गौरव महादेवी जी को ही प्राप्त है।
प्रकृति में चेतना का आरोपण सर्व प्रथम छायावादी कवियों ने ही किया है।
पद्य में स्थूल इतिवृत्त था, छायावाद के काव्य में भावात्मक अतंर्वृत्त था, छायावाद के काव्य में भावात्मक अंतर्वृत्त आ गया।