इमली Meaning in English
इमली शब्द का अंग्रेजी अर्थ : the tamarind Tamarindus indica tree and its fruit
ऐसे ही कुछ और शब्द
क्रमशः ढलने की वृत्तिबेकाँटों का दहाना
कार्य या स्थिति में टोप की बनावट
बेतुका के थिएटर
नरक और स्वर्ग का सिद्धांत
उसके बारे में कहना यह है कि
बात यह है कि
ह
परों की गद्दी
समय आ गया था
समय आ गया है
के लिए यही सुनहला मौका है
के लिए सही मौका होना
भाटे की चर्मावस्था का समय
कर्मों का फल बुगतन्त् का समय
इमली हिंदी उपयोग और उदाहरण
भारत की प्रमुख ऊनी मिलें ये हैं : कानपुर (उत्तर प्रदेश) में लाल इमली, पंजाब में धारीवाल, बंबई में रेमंड वूलन मिल्स तथा इंडियन वूलन मिल्स, बंगलोर में बंगलोर वूलन, काटन ऐंड सिल्क मिल्स और सौराष्ट्र में जामनगर वूलन मिल्स।
चारु - इमली और चारु पोडी (धनिया के बीज, दाल, अदरक, काली मिर्च और हींग से बनता है) का एक बहुत पतला मिश्रण. इसे भोजन के दौरान चावल में मिलाए बिना ऐसे ही किसी सूप की तरह भी लिया जाता है।
चक गाँव में बहुत से किस्म के फल पाये जाते हैं जैसे कि आम अमरूद, पपीता, शरीफा, केला, जामुन, गूलर, बड़हल, बेर, शहतूत, महुआ, अमबार, आमला, करौंदा और इमली आदि के पेेड़ पाये जाते हैं।
खट्टा (नीबू, खट्टे फल, दही, आम, इमली)।
साथ ही यहां का दहीबाड़ा भी काफी प्रसिद्व है जोकि इमली की चटनी के साथ परोसा जाता है।
यहीं पर श्रीकृष्ण के समसामयिक इमली वृक्ष के नीचे महाप्रभु श्रीचैतन्य देव अपने वृन्दावन वास काल में प्रेमाविष्ट होकर हरिनाम करते थे।
""9 शरीर के किसी अंग में किसी प्रकार की सूजन होने पर एक कटोरी में गेहूं का आटा, इमली के पत्ते, इमली का रस, एक चुटकी नमक लेकर उबालें और जब यह लेप तैयार हो जाए तो इसे गर्म रहने पर ही सूजन वाले स्थान पर लगा लें।
यह तिथि वसन्त ऋतु के अन्त और ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ का दिन भी है इसलिए अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे घडे, कुल्हड, सकोरे, पंखे, खडाऊँ, छाता, चावल, नमक, घी, खरबूजा, ककड़ी, चीनी, साग, इमली, सत्तू आदि गरमी में लाभकारी वस्तुओं का दान पुण्यकारी माना गया है।
"" कॉर्डोबा के अबुलकासिस (936-1013) रचित ग्रंथ द बुक ऑफ़ सिम्पल्स बाद के यूरोपीय जड़ी-बूटियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जबकि मलंगा के इब्न अल-बैतर (1197–1248) रचित ग्रंथ कोर्पस ऑफ़ सिम्पल्स सबसे अधिक संपूर्ण अरब जड़ी-बूटियों से जुड़ा हुआ है, जिसमे इमली, कालकूट और कुचला (नक्स वॉमिका) सहित 200 नए चिकित्सकीय जड़ी-बूटियों से परिचय करवाया गया है।
"" ये इमली का पेड़ अभी भी मौजूद है।
इमली के सूखे हुए बीजों को पीसकर उसमें अदरक पाउडर और उसमें विशप घास और सेंधा नमक मक्खन मिलाकर दूध के साथ पीने पर लाभ मिलता है।
यह आमतौर पर प्याज के छल्ले और नींबू के साथ सेवा की हरी धनिया और इमली की चटनी के साथ खाया जाता है, या एक चिकन टिक्का मसाला तैयार करने में प्रयोग किया जाता है।
शहीद स्थल में बूढ़े इमली के पेड़ में 28 अप्रैल 1858 को रसूलपुर गांव के निवासी जोधा सिंह अटैया को उनके इक्यावन क्रांतिकारियों के साथ फांसी पर लटका दिया गया था इन्हीं बावन शहीदों की स्मृति में इस वृक्ष को बावनी इमली कहा जाने लगा।