yomp Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
yomp ka kya matlab hota hai
योग
Noun:
ठाट-बाट, विभव, आडंबर, वैभव,
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yomp शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इस अतिरिक्त लाड़-प्यार और राजसी ठाट-बाट में पला बालक हठी और जिद्दी हो गया।
वे अपना राजसी ठाट-बाट का प्रदर्शन कर पाण्डवों को जलाना भी चाहते थे, इसलिये बहुमूल्य वस्त्राभूषणों से सुसज्जित राजमहिलाओं को भी उन्होंने अपने साथ रख लिया था।
एक दिन इन्होंने देखा कि एक गाय और एक बैल अनाथ और कातर भाव से खड़े हैं और एक शूद्र जिसका वेष, भूषण और ठाट-बाट राजा के समान था, डंडे से उनको मार रहा है।
आंतरिक बनावट के भौतिक मॉडल के साथ संयोजन में, ग्रह के गुरुत्व विभव के परीक्षण ने फ्रांसीसी खगोलविदों डिडिएर साउमोन और ट्रिस्टन गुइलोट को ग्रहीय कोर की बड़ी राशि पर रोक को स्थान देने के लिए अनुमति दी।
इस विधि से जब मेघों का विद्युतीकरण इस सीमा तक पहुँच जाता है कि पड़ोसी आवेशकेंद्रों के बीच विभव प्रवणता (potential gradient) विभंग मान तक पहुँच जाती है, तब विद्युत् का विसर्जन दीर्घ स्फुलिंग के रूप में होता है।
उस समय चुनी हुई सरकार के लोग अपना जीवन तो ठाट-बाट से बिता रहे थे परन्तु देश की समस्याएँ कैसे हल करें, उन्हें न तो इसका ज्ञान था और न ही बहुत चिंता थी।
सिंपसन और स्क्रेज ने प्रयोगों द्वारा यह निष्कर्ष प्राप्त किया कि १०,००० फुट की ऊँचाई पर स्थित बादलों के विभव का प्राय: ५० से १०० वोल्ट प्रति सेंमी॰ की दर से पतन होता है।
आयनीकरण विभव 9.2 इवों,।
कहते हैं कि चाणक्य राजसी ठाट-बाट से दूर एक छोटी सी कुटिया में रहते थे।
वह ऊर्जा का वह एकक है जिसे इलेक्ट्रान का वोल्ट के विभवांतर (पोटेंशियल डिफ़रेंस) से गुजरने पर प्राप्त करता है।
जहाँ Q संधारित्र की प्लेटों पर एकत्र आवेश है; तथा C संधारित्र की धारिता है; U संधारित्र की प्लेटों के बीच विभवान्तर है।
सी॰एफ॰ वाग्नर (C.F. Wagner) और जी॰ डी॰ मैककैन (G. D. Mc. Cann) ने बतलाया है कि बादलों के विभव प्राय: दो करोड़ वोल्ट की कोटि के होते है।
सरल धारा में ता यह कार्य कठिन नहीं होता, किंतु प्रत्यावर्ती धारा (A. C.) जहाँ होती है वहां विभवपरिवर्तक, या ट्रांसफार्मर, या टेलिक्रॉन (Telchron) का प्रयोग करना पड़ता है।
इन दोनों में संपर्क तभी हो पाता है जब इतना ऊँचा विभव उत्पन्न हो जाता है जो खाली स्थान (gap) की वायु को भी सुचालक बना देता है।
‘रौद्रात्तु करुणो रस:’ कहकर 'करुण रस' की उत्पत्ति 'रौद्र रस' से मानी गई है और उसकी उत्पत्ति शापजन्य क्लेश विनिपात, इष्टजन-विप्रयोग, विभव नाश, वध, बन्धन, विद्रव अर्थात पलायन, अपघात, व्यसन अर्थात आपत्ति आदि विभावों के संयोग से स्वीकार की है।
उनका बचपन बहुत ही ठाट-बाट से बीता।
पहले के अध्ययनों के अधिकतर लेनार्ड जोन्स विभव (Lennard Jones poetntial) का उपयोग किया गया है।
बादलों के विभव और तड़ितधाराएँ ।
अतः बडे ठाट-बाट से वह टोपी पहनने के कारण लोग उन्हें तात्या टोपी या तात्या टोपे के नाम से पुकारने लगे।
यह ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें अपने ऊपर आरोपित विभव को तत्क्षण घटा देने का विशेष गुण होता है।