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yajurveda Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


yajurveda ka kya matlab hota hai


यजुर वेद

Noun:

प्राचीनतम तथा मूल चिकित्‍सा-प्रणाली, यजुर्वेद, आयुर्वेद,



yajurveda शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:

बृहदारण्यक उपनिषद (१०) शुक्ल यजुर्वेद, मुख्य उपिनषद्।

জজজ शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिनि शाखा कुछ वाक़्यात में ष का उच्चारण ख की तरह करना मान्य था।

जाबाल (यजुर्वेद) शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।



निरालम्ब शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

भारत में इतिहास के स्रोत हैं: ऋग्वेद और अन्‍य वेद जैसे यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद ग्रंथ, इतिहास पुराणस्मृति ग्रंथ आदि।

यजुर्वेद में दो शाखा हैं :।

ब्रह्म कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

दकि्षणामूर्ति कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपिनषद्।

मुक्तिक (१०८) शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

वराह कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

श्वेताश्वतर कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

रुद्र-हृदय कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपिनषद्।

शात्यायिन शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्।

अमृत-बिन्दु (२०) कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

योग-कुण्डिलिन कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

कालाग्निरुद्र कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपिनषद्।

स्कन्द (त्िरपाड्िवभूिट) कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

श्रुति के अन्तर्गत वेद : ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद ब्रह्म सूत्र व उपनिषद् आते हैं।

शुक-रहस्य कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

पंच-ब्रह्म कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपिनषद्।

सर्व-सार कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

भिक्षुक (६०) शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

गर्भ कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

कठरुद्र कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

क्षुरिक कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

तेजो-बिन्दु कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

प्राणाग्नि-होत्र कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

ध्यानिबन्दु कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

सरस्वती-रहस्य कृष्ण यजुर्वेद, शाक्त उपिनषद्।

यजुर्वेद के पद्यात्मक मन्त्र ॠग्वेद या अथर्ववेद से लिये गये है।

योगिशखा कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

अध्यात्मा शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

अक्षि कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

कठ उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेद, मुख्य उपिनषद्।

अवधूत कृष्ण यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

तारसार शुक्ल यजुर्वेद, वैष्णव उपिनषद्।

किल-सण्टारण कृष्ण यजुर्वेद, वैष्णव उपिनषद्।

मण्डलब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद, उपिनषद्।

याज्ञवल्क्य शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

३२ उपिनषद कृष्ण यजुर्वेद से हैं और उनका शान्तिपाठ सहनाववतु से आरम्भ होता है |।

पैंगल शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

तुरीयातीत शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनि शाखा में कुछ वाक़्यात में ष का उच्चारण ख की तरह करना मान्य था।

अमृत-नाद कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

त्रि-िषिख शुक्ल यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

१९ उपिनषद् शुक्ल यजुर्वेद से हैं और उनका शान्तिपाठ पूर्णमदः से आरम्भ होता है |।

बृहदारण्यक उपनिषद् और शतपथ ब्राह्मण में लिखा है कि गीली लकड़ी से जैसे धुआँ अलग अलग निकलता है वैसे ही महान भूत के निःश्वास से ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्वांगिरस, इतिहास, पुराणविद्या, उपनिषद, श्लोक, सूत्र, व्याख्यान और अनुव्याख्यान हुए।

सुबाल (३०) शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

सन्दर्भ यजुर्वेद हिन्दू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ और चार वेदों में से एक है।

हंस शुक्ल यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

मान्त्रिक शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिनि शाखा में कुछ वाक्यों में ष का उच्चारण ख की तरह करना मान्य था।

नारायण कृष्ण यजुर्वेद, वैष्णव उपिनषद्।

शारीरक कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

(३) कृष्ण यजुर्वेदीय -- ३२ उपनिषद्।

परमहंस शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

जहां ॠग्वेद की रचना सप्त-सिन्धु क्षेत्र में हुई थी वहीं यजुर्वेद की रचना कुरुक्षेत्र के प्रदेश में हुई।

कैवल्य कृष्ण यजुर्वेद, शैव उपिनषद्।

तैतरीय कृष्ण यजुर्वेद, मुख्य उपिनषद्।

दक्षिण भारत में प्रचलित कृष्ण यजुर्वेद और उत्तर भारत में प्रचलित शुक्ल यजुर्वेद शाखा।

फिर भी इसे ऋग्वेद से अलग माना जाता है क्योंकि यजुर्वेद मुख्य रूप से एक गद्यात्मक ग्रन्थ है।

ब्रह्मिवद्या (४०) कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

(२) शुक्ल यजुर्वेदीय -- १९ उपनिषद्।

योगतत्त्व कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्।

ईश शुक्ल यजुर्वेद, मुख्य उपिनषद्।

अद्वयतारक शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपिनषद्।

एकाक्षर कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपिनषद्।

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