wrathy Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
wrathy ka kya matlab hota hai
रोष
Noun:
कोप,
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wrathy शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
१०८-परमहंसपरिब्राजकोपनिषद् (सामवेद)।
५-अद्वयतारकोपनिषद् (शुक्लयजुर्वेदीय)।
बृहदारण्यकोपनिषद् तथा महाभारत में कहा गया है कि "इतिहास पुराणाभ्यां वेदार्थमुपबृंहयेत्" अर्थात् वेद का अर्थविस्तार पुराण के द्वारा करना चाहिये।
१६०-राधोकोपनिषद् (वाक्यात्मक)।
कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में निम्नलिखित छह प्रकार के जलवायु प्रदेश पाए जाते हैं:।
इसके कारण विश्वभर के मुस्लिमों में रोष था और भारत में यह खिलाफ़त आंन्दोलन के रूप में उभरा जिसमें उस्मानों को हराने वाले मित्र राष्ट्रों (ब्रिटेन, फ्रांस, इटली) के साम्राज्य का विरोध हुआ था।
इस मुख्यालय के अलावा और अहम संस्थाएँ जिनेवा, कोपनहेगन आदि में भी है।
इन चीजों के यूरोप में भाव बढ़ते गए और इन कारणों से मुस्लमानों के खिलाफ रोष भी।
इससे अफ़गानिस्तान की जनता में भारी रोष उत्पन्न हुआ।
डाँटहि आँखि देखाइ कोप दारुन किए।
१४५-मुण्डकोपनिषद् (सामवेद)।
टेलिस्कोप से आकाश में देखने पर कहीं कहीं कुछ धब्बे दिखाई देते हैं।
बृहदारण्यकोपनिषद् में (२, १, १, ३, ८, २) काशिराज अजातशत्रु का भी उल्लेख है।
यह कोप्पेन जलवायु वर्गीकरण के अनुसार Aw श्रेणी में आती है।
आक्रोश- क्रोध, रोष, कोप, रिष, खीझ।
यह उपन्यास अंग्रेजी शासन, जमींदारों के शोषण व प्राकृतिक प्रकोप (अकाल) में मर रही जनता को जागृत करने।
एन्ट पेड़ों के चरवाहे थे और उनको इस बात का बहुत रोष था कि सारुमान पेड़ों को काटकर अपनी भट्टियों के लिये इन्धन का बन्दोबस्त कर रहा है।
कोपेन के वर्गीकरण में भारत में छह प्रकार की जलवायु का निरूपण है किन्तु यहाँ यह भी ध्यातव्य है कि भू-आकृति के प्रभाव में छोटे और स्थानीय स्तर पर भी जलवायु में बहुत विविधता और विशिष्टता मिलती है।
१३४-भिक्षुकोपनिष (शुक्लयजुर्वेदीय)।
११०-पारमात्मिकोपनिषद्।
५१-क्षुरिकोपनिषद् (कृष्णयजुर्वेदीय)।
अदन के राज्यपाल को १५८० में आये यात्रियों की बड़ी संख्या देखकर बढ़ा रोष हुआ और उसने लौटते हुए मुगलों का यथासंभव अपमान भी किया।
१८१-शारीरकोपनिषद् (कृष्णयजुर्वेदीय)।
इससे अली (अल्०) के समर्थक लोगों में और भी रोष फैला परन्तु अली मुसलमानों की भलाई के लिये चुप रहे।
१६१-राधोकोपनिषद् (प्रपठात्मक)।
प्रखंड- दलसिंहसराय, उजियारपुर, विद्यापतिनगर, पटोरी, मोहनपुर, मोईनुद्दीननगर, रोषड़ा, हसनपुर, बिथान, सिंघिया, विभूतीपुर, शिवाजीनगर, समस्तीपुर, कल्यानपुर, वारिसनगर, खानपुर, पूसा, ताजपुर, मोरवा, सरायरंजन।
१९०-श्रीविद्यात्तारकोपनिषद्।
मुक्तिकोपनिषद् में एक सौ आठ (१०८) उपनिषदों का वर्णन आता है, इसके अतिरिक्त अडियार लाइब्रेरी मद्रास से प्रकाशित संग्रह में से १७९ उपनिषदों के प्रकाशन हो चुके है।
१७२-बज्रसूचिकोपनिषद् (सामवेद)।
४५-कुण्डिकोपनिषद् (सामवेद)।
१३७-मन्त्रिकोपनिषद् (चूलिकोपनिषद्) (शुक्लयजुर्वेदीय)।
१४४-मुक्तिकोपनिषद् (शुक्लयजर्वेदीय)।
१२१-बटुकोपनिषद (बटुकोपनिषध)।
२६-आरुणिकोपनिषद् (आरुणेय्युपनिषद्) (सामवेद)।
इससे पाकिस्तानी सेना में काम कर रहे पूर्वी क्षेत्र के निवासियों में जबर्दस्त रोष हुआ और उन्होंने अलग मुक्ति वाहिनी बना ली।
१२७-बृहदारण्यकोपनिषद् (शुक्लयजर्वेदीय)।
बहुत पहले कोपर्निकस, टाइको ब्राहे और मुख्यत: कैप्लर ने खगोल विद्या में महत्वपर्णू कार्य किया था।
उनके सम्पूर्ण गद्य साहित्य में पीड़ा या वेदना के कहीं दर्शन नहीं होते बल्कि अदम्य रचनात्मक रोष समाज में बदलाव की अदम्य आकांक्षा और विकास के प्रति सहज लगाव परिलक्षित होता है।
९४-नारदपरिब्राजकोपनिषद् (सामवेद)।