wordish Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
wordish ka kya matlab hota hai
शब्दश
Noun:
शब्द,
People Also Search:
wordlesswordlessly
wordplay
wordprocessing
words
wordsmith
wordsmiths
wordsworth
wordsworthian
wordy
wore
work
work animal
work away
work day
wordish शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
भरत मुनि ने नाट्यशास्त्र में उन शब्दों को ‘देशी’ कहा है जो संस्कृत के तत्सम एवं सद्भव रूपों से भिन्न हैं।
कभी-कभी 'हिन्दी' शब्द का प्रयोग नौ भारतीय राज्यों के सन्दर्भ में भी उपयोग किया जाता है, जिनकी आधिकारिक भाषा हिन्दी है और हिन्दी भाषी बहुमत है, अर्थात् बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर (२०२० से) उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का।
जैसे संस्कृत शब्द 'असुर' का अवेस्ता में सजाति समकक्ष शब्द 'अहुर' था।
फिर दो आयतों में अल्लाह के रसूल (सल्ल.) को आदेश दिया गया है कि आप इस चिन्ता में न पड़े कि यह कुरआन शब्दशः आपको याद कैसे रहेगा ।
शेक्सपियर ने अपने नाटकों में चयनित उत्तर में थॉमस नॉर्थ के अनुवाद के कुछ हिस्सों को परिभाषित किया, और कभी-कभार उन्हें शब्दशः उद्धृत भी किया।
यूनानी शब्द ‘इण्डिका’ या लैटिन 'इण्डेया' या अंग्रेजी शब्द ‘इण्डिया’ आदि इस ‘हिन्दीक’ के ही दूसरे रूप हैं।
यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं।
आप महान् कोशकार, शब्दशास्त्री तथा भारतीय संस्कृति के उन्नायक थे।
यह सिन्धु शब्द ईरानी में जाकर ‘हिन्दू’, हिन्दी और फिर ‘हिन्द’ हो गया।
ग्रंथारंभ के परिभाषात्मक अंश पर 'अमरकोश' की इतनी गहरी छाप है कि इसमें 'अमरकोश' के श्लोक तक शब्दशः ले लिए गए हैं।
वास्तव में ‘देशी’ से देशी शब्द एवं देशी भाषा दोनों का बोध होता है।
हिन्दी भाषा के लिए इस शब्द का प्राचीनतम प्रयोग शरफ़ुद्दीन यज्दी’ के ‘जफ़रनामा’(1424) में मिलता है।
राजस्थान के सम्मानित एवं पुरष्कृत कविवर श्री बलवीर सिंह ‘करुण’ अपने गीतिकाव्य और प्रबन्धकाव्य की प्रगतिशील भारतीय जीवन दृष्टि और प्रभावपूर्ण शब्दशिल्प के कारण अब अखिल भारतीय स्तर पर चर्चित हैं।
हिन्दी शब्द का सम्बन्ध संस्कृत शब्द 'सिन्धु' से माना जाता है।
दूध केक - चिना पोडो चीना पोडो का शब्दशः ओडीआई में जला हुआ पनीर है।
बाद में ईरानी धीरे-धीरे भारत के अधिक भागों से परिचित होते गए और इस शब्द के अर्थ में विस्तार होता गया तथा हिन्द शब्द पूरे भारत का वाचक हो गया।
इतने प्राचीन काल में शब्दशास्त्र पर ऐसा गूढ़ विचार और कहीं नहीं देखा जाता।
व्याकरण तथा भाषाविज्ञान दो शब्दशास्त्र हैं; दोनों का कार्यक्षेत्र भिन्न-भिन्न है; पर एक दूसरे के दोनों सहयोगी हैं।
ये ‘देशी’ शब्द जनभाषा के प्रचलित शब्द थे, जो स्वभावतः अप्रभंश में भी चले आए थे।
किसके मन में क्या विचार चल रहा है इसका शब्दश: पता लग जाता है।
शब्दशास्त्र पर अनेक मत प्रचलित थे इसका पता यास्क के निरूक्त से लगता है।
प्रथम में व्याकरण और शब्दशास्त्र पर सूक्ष्म विचार हैं।
यही 'हिन्दीक' शब्द अरबी से होता हुआ ग्रीक में 'इण्डिके', 'इण्डिका', लैटिन में 'इण्डेया' तथा अंग्रेजी में 'इण्डिया' बन गया।
इन नृत्यप्रणाली में पहले पुष्पांजलि, फिर मुखशाली, फिर शुद्ध यति नृत्य, शब्दशाली, सूडादि शब्द नृत्त, शब्दसूड, फिर अनेक प्रकार के गीतों का अभिनय, फिर प्रबंध नर्तन तथा अंत में सिंधुतरु ध्रुवपद आदि का क्रम रखा गया है।
अपभ्रंश के सम्बन्ध में ‘देशी’ शब्द की भी बहुधा चर्चा की जाती है।