weber's Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
weber's ka kya matlab hota hai
वेबर
Noun:
वेबर,
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weber's शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
उसी अवधि के दौरान फ्रैंकफर्ट स्कूल के सदस्यों ने, सिद्धांत में - वेबर, फ्रायड और ग्रैम्स्की की अंतर्दृष्टि सहित मार्क्सवाद के ऐतिहासिक भौतिकवादी तत्वों को एकीकृत कर विवेचनात्मक सिद्धांत का विकास किया, यदि हमेशा नाम में ना रहा हो, तब भी अक्सर ज्ञान के केन्द्रीय सिद्धांतों से दूर होने के क्रम में पूंजीवादी आधुनिकता की विशेषता बताता है।
मैक्स वेबर ने राज्य को ऐसा समुदाय माना है जो निर्दिष्ट भूभाग में भौतिक बल के विधिसम्मत प्रयोग के एकाधिकार का दावा करता है।
वेबर का तर्क था कि अगर किसी सुनिश्चित भू-भाग में रहने वाले समाज में कोई संस्था हिंसा का डर दिखा कर लोगों से किन्हीं नियम-कानूनों का पालन नहीं करायेगी तो अराजकता फैल जाएगी।
1905 में, विश्व के सबसे विशाल पेशेवर समाजशास्त्रियों का संगठन, अमेरिकी सामाजिक संगठन की स्थापना हुई और 1909 में फर्डिनेंड टोनीज़, जॉर्ज सिमेल और मैक्स वेबर सहित अन्य लोगों द्वारा Deutsche Gesellschaft für Soziologie (समाजशास्त्र के लिए जर्मन समिति) की स्थापना हुई |।
वेबर ने इस प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश भी की है कि आख़िर लोग राज्य की बात क्यों मानते हैं? क्या केवल हिंसा के दम पर? या आज्ञापालन का कोई तर्क भी होता है? वेबर का जवाब यह है कि हिंसा का डर दिख़ाने के साथ-साथ राज्य अपने प्रभुत्व को वैध साबित करने की कवायद भी करता है ताकि आज्ञापालन का अहिंसक औचित्य प्रमाणित किया जा सके।
1919 में, जर्मनी में एक समाजशास्त्र विभाग की स्थापना लुडविग मैक्सीमीलियन्स यूनिवर्सिटी ऑफ़ म्यूनिख में मैक्स वेबर द्वारा और 1920 में पोलैंड में फ्लोरियन जेनेक द्वारा की गई।
1905 में, विश्व के सबसे विशाल पेशेवर समाजशास्त्रियों का संगठन, अमेरिकी सामाजिक संगठन की स्थापना हुई और 1909 में फर्डिनेंड टोनीज़, जॉर्ज सिमेल और मैक्स वेबर सहित अन्य लोगों द्वारा Deutsche Gesellschaft für Soziologie (समाजशास्त्र के लिए जर्मन समिति) की स्थापना हुई |।
इसमें वेबर ने आधुनिक राज्य के तीन पहलू बताये थे : उसकी भू-क्षेत्रीयता, हिंसा करने का उसका अधिकार और वैधता।
4. एस. टर्नर 92000), द केम्ब्रिज कंपेनियन टु वेबर, केम्ब्रिज युनिवर्सिटी प्रेस, केम्ब्रिज.।
सन् 1834 में वेबर ने स्पर्शेन्द्रिय संबंधी अपने प्रयोगात्मक शोधकार्य को एक पुस्तक रूप में प्रकाशित किया।
वेबर ने इस प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश भी की है कि आख़िर लोग राज्य की बात क्यों मानते हैं? क्या केवल हिंसा के दम पर? या आज्ञापालन का कोई तर्क भी होता है? वेबर का जवाब यह है कि हिंसा का डर दिख़ाने के साथ-साथ राज्य अपने प्रभुत्व को वैध साबित करने की कवायद भी करता है ताकि आज्ञापालन का अहिंसक औचित्य प्रमाणित किया जा सके।
वेबर और जॉर्ज सिमेल, दोनों, समाज विज्ञान के क्षेत्र में फस्टेहेन अभिगम (अथवा 'व्याख्यात्मक') के अगुआ रहे; एक व्यवस्थित प्रक्रिया, जिसमें एक बाहरी पर्यवेक्षक एक विशेष सांकृतिक समूह, अथवा स्वदेशी लोगो के साथ उनकी शर्तों पर और उनके अपने दृष्टिकोण के हिसाब से जुड़ने की कोशिश करता है।
मैक्स वेबर ने तर्क दिया कि समाजशास्त्र की व्याख्या हल्के तौर पर एक 'विज्ञान' के रूप में की जा सकती है, क्योंकि यह खास कर जटिल सामाजिक घटना के आदर्श वर्ग अथवा काल्पनिक सरलीकरण के बीच - कारण-संबंधों को पहचानने में सक्षम है।
इसमें वेबर ने आधुनिक राज्य के तीन पहलू बताये थे : उसकी भू-क्षेत्रीयता, हिंसा करने का उसका अधिकार और वैधता।
दुर्खीम, मार्क्स और वेबर को आम तौर पर समाजशास्त्र के तीन प्रमुख संस्थापकों के रूप में उद्धृत किया जाता है; उनके कार्यों को क्रमशः प्रकार्यवाद, द्वंद सिद्धांत और गैर-प्रत्यक्षवाद के उपदेशों में आरोपित किया जा सकता है।
1919 में, जर्मनी में एक समाजशास्त्र विभाग की स्थापना लुडविग मैक्सीमीलियन्स यूनिवर्सिटी ऑफ़ म्यूनिख में मैक्स वेबर द्वारा और 1920 में पोलैंड में फ्लोरियन जेनेक द्वारा की गई।
4. एस. टर्नर 92000), द केम्ब्रिज कंपेनियन टु वेबर, केम्ब्रिज युनिवर्सिटी प्रेस, केम्ब्रिज.।
यह परिभाषा मैक्स वेबर की उस व्याख्या से बहुत प्रभावित है जो उन्होंने अपनी रचना ‘दि प्रोफ़ेशन ऐंड वोकेशन ऑफ़ पॉलिटिक्स’ में पेश की थी।
वेबर का तर्क था कि अगर किसी सुनिश्चित भू-भाग में रहने वाले समाज में कोई संस्था हिंसा का डर दिखा कर लोगों से किन्हीं नियम-कानूनों का पालन नहीं करायेगी तो अराजकता फैल जाएगी।
यह परिभाषा मैक्स वेबर की उस व्याख्या से बहुत प्रभावित है जो उन्होंने अपनी रचना ‘दि प्रोफ़ेशन ऐंड वोकेशन ऑफ़ पॉलिटिक्स’ में पेश की थी।
मैक्स वेबर ने तर्क दिया कि समाजशास्त्र की व्याख्या हल्के तौर पर एक 'विज्ञान' के रूप में की जा सकती है, क्योंकि यह खास कर जटिल सामाजिक घटना के आदर्श वर्ग अथवा काल्पनिक सरलीकरण के बीच - कारण-संबंधों को पहचानने में सक्षम है।
मैक्स वेबर ने राज्य को ऐसा समुदाय माना है जो निर्दिष्ट भूभाग में भौतिक बल के विधिसम्मत प्रयोग के एकाधिकार का दावा करता है।
दुर्खीम, मार्क्स और वेबर को आम तौर पर समाजशास्त्र के तीन प्रमुख संस्थापकों के रूप में उद्धृत किया जाता है; उनके कार्यों को क्रमशः प्रकार्यवाद, द्वंद सिद्धांत और गैर-प्रत्यक्षवाद के उपदेशों में आरोपित किया जा सकता है।
सन् 1834 में वेबर ने स्पर्शेन्द्रिय संबंधी अपने प्रयोगात्मक शोधकार्य को एक पुस्तक रूप में प्रकाशित किया।