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upanishads Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


upanishads ka kya matlab hota hai


उपनिषद

आध्यात्मिक प्रश्नों से निपटने वाली एक रहस्यमय प्रकृति के हिंदू धर्म के बाद के पवित्र पाठ

Noun:

उपनिषद,



upanishads शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



शात्यायिन शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्।

बृहदारण्यक उपनिषद (१०) शुक्ल यजुर्वेद, मुख्य उपिनषद्।

उपनिषद उपनिषद् हिन्दू धर्म के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं।

हिन्दू धर्मग्रन्थ उपनिषदों के अनुसार ब्रह्म ही परम तत्त्व है (इसे त्रिमूर्ति के देवता ब्रह्मा से भ्रमित न करें)।

उसके बाद उपनिषद जैसे ग्रन्थ आए।

उपनिषद् का अन्य अर्थ उप (समीप) निषत् -निषीदति-बैठनेवाला।

केन (उपनिषद्) सामवेद, मुख्य उपिनषद्।

कठ उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेद, मुख्य उपिनषद्।

हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध किया।

हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध किया।

मुक्तिकोपनिषद् में एक सौ आठ (१०८) उपनिषदों का वर्णन आता है, इसके अतिरिक्त अडियार लाइब्रेरी मद्रास से प्रकाशित संग्रह में से १७९ उपनिषदों के प्रकाशन हो चुके है।

४-अथर्वशिर उपनिषद् (सामवेद)।

वेद-पुरुष के शिरोभाग को उपनिषद् कहते हैं।

अद्वैत वेदान्त, भगवद गीता, वेद, उपनिषद्, आदि के मुताबिक सभी देवी-देवता एक ही परमेश्वर के विभिन्न रूप हैं (ईश्वर स्वयं ही ब्रह्म का रूप है)।

गुजराती प्रिटिंग प्रेस बम्बई से मुदित उपनिषद्-वाक्य-महाकोष में २२३ उपनिषदों की नामावली दी गई है, इनमें उपनिषद (१) उपनिधि-त्स्तुति तथा (२) देव्युपनिषद नं-२ की चर्चा शिवरहस्य नामक ग्रंथ में है लेकिन ये दोनों उपलब्ध नहीं हैं तथा माण्डूक्यकारिका के चार प्रकरण चार जगह गिने गए है इस प्रकार अबतक ज्ञात उपनिषदो की संख्या २२० आती हैः-।

उपनिषद उपनिषद् हिन्दू धर्म के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं।

श्रुति के अन्तर्गत वेद : ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद ब्रह्म सूत्र व उपनिषद् आते हैं।

उपनिषद्यते-प्राप्यते ब्रह्मात्मभावोऽनया इति उपनिषद्।

वेद-पुरुष के शिरोभाग को उपनिषद् कहते हैं।

कठ उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेद, मुख्य उपिनषद्।

मुक्तिकोपनिषद् में एक सौ आठ (१०८) उपनिषदों का वर्णन आता है, इसके अतिरिक्त अडियार लाइब्रेरी मद्रास से प्रकाशित संग्रह में से १७९ उपनिषदों के प्रकाशन हो चुके है।

१०८ उपिनषदों की यह सूची मुक्तिक उपनिषद में १:३०-३९ में दी गयी है :।

अर्थात्-जिससे ब्रह्म का साक्षात्कार किया जा सके, वह उपनिषद् है।

अर्थात्-जिससे ब्रह्म का साक्षात्कार किया जा सके, वह उपनिषद् है।

बृहदारण्यक उपनिषद (१०) शुक्ल यजुर्वेद, मुख्य उपिनषद्।

हर वेद में चार भाग हैं- संहिता—मन्त्र भाग, ब्राह्मण-ग्रन्थ—गद्य भाग, जिसमें कर्मकाण्ड समझाये गये हैं, आरण्यक—इनमें अन्य गूढ बातें समझायी गयी हैं, उपनिषद्—इनमें ब्रह्म, आत्मा और इनके सम्बन्ध के बारे में विवेचना की गयी है।

श्रुति के अन्तर्गत वेद : ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद ब्रह्म सूत्र व उपनिषद् आते हैं।

अद्वैत वेदान्त, भगवद गीता, वेद, उपनिषद्, आदि के मुताबिक सभी देवी-देवता एक ही परमेश्वर के विभिन्न रूप हैं (ईश्वर स्वयं ही ब्रह्म का रूप है)।

हर वेद में चार भाग हैं- संहिता—मन्त्र भाग, ब्राह्मण-ग्रन्थ—गद्य भाग, जिसमें कर्मकाण्ड समझाये गये हैं, आरण्यक—इनमें अन्य गूढ बातें समझायी गयी हैं, उपनिषद्—इनमें ब्रह्म, आत्मा और इनके सम्बन्ध के बारे में विवेचना की गयी है।

उपनिषद्यते-प्राप्यते ब्रह्मात्मभावोऽनया इति उपनिषद्।

४-अथर्वशिर उपनिषद् (सामवेद)।

१०८ उपिनषदों की यह सूची मुक्तिक उपनिषद में १:३०-३९ में दी गयी है :।

उपनिषद् का अन्य अर्थ उप (समीप) निषत् -निषीदति-बैठनेवाला।

गुजराती प्रिटिंग प्रेस बम्बई से मुदित उपनिषद्-वाक्य-महाकोष में २२३ उपनिषदों की नामावली दी गई है, इनमें उपनिषद (१) उपनिधि-त्स्तुति तथा (२) देव्युपनिषद नं-२ की चर्चा शिवरहस्य नामक ग्रंथ में है लेकिन ये दोनों उपलब्ध नहीं हैं तथा माण्डूक्यकारिका के चार प्रकरण चार जगह गिने गए है इस प्रकार अबतक ज्ञात उपनिषदो की संख्या २२० आती हैः-।

शात्यायिन शुक्ल यजुर्वेद, संन्यास उपनिषद्।

हिन्दू धर्मग्रन्थ उपनिषदों के अनुसार ब्रह्म ही परम तत्त्व है (इसे त्रिमूर्ति के देवता ब्रह्मा से भ्रमित न करें)।

उसके बाद उपनिषद जैसे ग्रन्थ आए।

upanishads's Usage Examples:

Impressed with the perversions and corruptions of popular Hinduism, Ram Mohan Roy investigated the Hindu Shastras, the Koran and the Bible, repudiated the polytheistic worship of the Shastras as false, and inculcated the reformed principles of monotheism as found in the ancient Upanishads of the Vedas.


We pass over the wellstocked sections of philosophy, ethics and politics, of theology, law and SufIsm, of mathematics and astronomy, of medicine (the oldest thesaurus of which is the Treasure of the sMh of Khwarizam, i ~ Io), of Arabic, Persian and Turkish grammar and lexicography, and only cast a parting glance at the rich collection of old Indian folk-lore and fables preserved in the Persian version of Kalilah u Dimnak (see RUDAG!), of the Sindbdndma, the Tiltinama, or Tales of a Parrot, and others, and at the translations of standard works of Sanskrit literature, the epopees of the Ramdyana and Mahbhdrala, the B/ia gavad-Gita, the Yoga- Vasishtha, and numerous Purdnas and Upanishads, for which we are mostly indebted to the emperor Akbars indefatigable zeal.


YOGI, a Hindu religious ascetic. The word yoga means union, and first occurs in the later Upanishads; and yogi means one who practises yoga, with the object of uniting his soul with the divine spirit.


Like the other Vedas it is divided into Samhita, Brahmanas and Upanishads, representing the spiritual element and its magical and nationalistic development.


In India from the soma frenzy in the Vedas, through the mystic reveries of the Upanishads, and the hypnotic trances of the ancient Yoga, allied beliefs and practices had never lost their importance and their charm.


Around the same time period, the Upanishads used ideas of reincarnation in writings that today make up the ancient Hindu scriptures.


Rhys Davids, and also from the many translations in all the European languages of the Bhagavad Gita and Upanishads.


the Vedanta aphorisms), the Gita, the Rigveda and many Upanishads.


So great were his learning and piety that he was regarded as an incarnation of Siva, and his works (commentaries on the Vedanta Sutras, the Bhagavad Gita and the Upanishads) exercised a permanent influence on Hindu thought.


But the Buddha, while rejecting the sacrifices and the ritualistic magic of the brahmin schools, the animistic superstitions of the people, the asceticism and soultheory of the Jains, and the pantheistic speculations of the poets of the pre-Buddhistic Upanishads, still retained the belief in transmigration.



upanishads's Meaning':

a later sacred text of Hinduism of a mystical nature dealing with metaphysical questions

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