untrustworthily Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
untrustworthily ka kya matlab hota hai
अविश्वसनीय रूप से
Adjective:
बेईमान, कुटिल,
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untrustworthily शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
उसमें तय किया गया कि 6 अप्रैल को, राष्ट्रीय सप्ताह के प्रथम दिन (जलियाँवाला बाग के शहीदों की स्मृति में निश्चित) युद्धप्रयासों और अंग्रेजी साम्राज्यवाद के कुटिल रूप के विरुद्ध देशव्यापी सत्याग्रह छेड़ दिया जाना चाहिए।
मैंने किसी कुटिलता या द्वेष के कारण ऐसा नहीं किया।
|1972 || बेईमान || दीपक दास ||।
पाकिस्तान ने अपना अधिकृत कश्मीरी भूभाग खाली नहीं किया है, बल्कि कुटिलतापूर्वक वहाँ कबाइलियों को बसा दिया है।
" छीतू चौबे, इस प्रकार अपना मानसहित नाम सुनकर और भी द्रवित हुए तथा तत्क्षण भीतर जाकर दोनों हाथ जोड़कर तथा साष्टांग प्रणाम कर अर्ज की, ""जैराज, मोई सरन में लेउ, मैं मन में भौत कुटिलता लैके यहाँ आयो हो सो सब आपके दरसनन ते भाजि गई।
आज मौसम बड़ा बेईमान है बड़ा।
विट्रूवियस के अनुसार, राजा हीरो II के लिए एक लौरेल व्रेथ के आकार का एक नया मुकुट बनाया गया था और आर्किमिडीज़ से यह पता लगाने के लिए कहा गया कि यह मुकुट शुद्ध सोने से बना है या बेईमान सुनार ने इसमें चांदी मिलायी है।
एक स्वतंत्रता सेनानी और उनके बेईमान बेटे की दोहरी भूमिकाओं को निभाते हुए, फ़िल्म में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए कमल हासन ने क्षेत्रीय पुरस्कार जीते और सराहना पाई.।
हुसेन सुहरावर्दी को पुरी दुनिया एक देशद्रोही, नाकाबिल, और बेईमान इसान के नाम पर याद रखेगी।
|1972 || बेईमान || ||।
| 1973 || प्राण || बेईमान।
सरकारी नियंत्रण ऐसे बनाये जातें है जिनमें व्यापारों को किसी भी प्रकार की बेईमानी से तो रोका जाता है पर नियंत्रण को इतना भी कड़ा नही किया जाता है कि ईमान्दार व्यापार मे असुविधा हो।
महाराजा कश्मीर शेख अब्दुल्ला की कुटिल चालों, स्वार्थी और अलगाववादी सोच तथा कश्मीर में हिन्दू-विरोधी रवैये से परिचित थे।
नरसिंहपुर जिले में स्थित चौरागढ़ एक सुदृढ़ पहाड़ी किले के रूप में था जहां पहुंच कर आतफ खां ने राजकुमार वीरनारायण को घेर लिया और अंतत: कुटिल चालों से उसका बध कर दिया ।
और काश्मीर को लेकर कहानी लिखने में एक बेईमानी का बोध भी होता है।
| 1973 || मनोज कुमार || बेईमान।
अरे इन्हीं से तू कुटिलता करने आया? छीतू चौबे इस प्रकार मन ही मन पछतावा कर रही रहे थे कि एकाएक गोस्वामी जी ने इन्हें बाहर दरवाजे के पास खड़ा देखकर बिना किसी पूर्व जान पहचान के कहा "अरे, छीतस्वामी जी बाहर क्यों खड़े हो, भीतर आओ, बहुत दिनन में दीखे।
वापस आने पर भरत ने अपनी माता कैकेयी की, उसकी कुटिलता के लिये, बहुत भर्तस्ना की और गुरुजनों के आज्ञानुसार दशरथ की अन्त्येष्टि क्रिया कर दिया।
कई कहानियों में वे उसे गुप्त हथियार की तरह बेईमान एवं बदमाशों के विरुद्ध उनको भ्रमित करते।