unstyled Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
unstyled ka kya matlab hota hai
अस्टाइल
Adjective:
व्यग्र, अस्तव्यस्त, अशांत, अस्थिर,
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unstyled शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
१३वीं सदी तक धर्म के क्षेत्र में बड़ी अस्तव्यस्तता आ गई।
यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं।
जैसे-जैसे वह जनता के भावों और विचारों को अभिव्यक्त करने का साधन बनती गई, उसमें विविध रचनाओं, काव्यग्रंथों तथा दर्शन, धर्म आदि विषय कृतियों का समावेश होता गया, यहाँ तक कि आज भारतीय भाषाओं में उसे यथेष्ट ऊँचा स्थान प्राप्त हो गया है।
उनके समय में चीन पतन की ओर जा रहा था जिससे सामाजिक जीवन अस्तव्यस्त हो गया था।
राजा स्थिति मल्ल अस्तव्यस्त आर्थिक, धार्मिक तथा सामाजिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में पूर्ण रूप से समर्थ हुए।
अभिलेखों की भाषाशैली पर प्रसिद्ध काव्यग्रंथों का प्रभाव स्पष्ट है।
इस व्यग्रता ने उपनिषद के चिंतनों का मार्ग प्रशस्त किया।
की परवाह किए बिना अपने शीर्षक, हेस्टिंग्स था केवल एक सदस्य के एक पांच आदमी की सुप्रीम काउंसिल बंगाल:190 तो अस्तव्यस्त रूप से संरचित है कि यह मुश्किल था बताओ कि क्या संवैधानिक स्थिति हेस्टिंग्स वास्तव में आयोजित की जाती है ।
यह सत्य है कि आज तक भगवद्गीता पर साधिकार वाणी से कई काव्यग्रंथ लिखे गए।
रफ़ी के बड़े भाई ने आयोजकों से निवेदन किया की भीड़ की व्यग्रता को शांत करने के लिए मोहम्मद रफ़ी को गाने का मौका दिया जाय।
धार्मिक क्षेत्र अस्तव्यस्त थे।
इय्योब नामक काव्यग्रंथ में शैतान एक पारलौकिक सत्व है जो ईश्वर के दरबार में इय्योब पर पाखंड का आरोप लगाता है।
तेरहवीं सदी तक धर्म के क्षेत्र में बड़ी अस्तव्यस्तता आ गई।
आकुल- व्यग्र, व्यस्त, उद्विग्न्, क्षुब्ध, उद्वेलित, विक्षुब्ध, बेचैन, अधीर, विकल, बेकल, बेसब्र, बेहाल, व्याकुल, अशांत, आर्त, अकल, आतुर, बेकरार, बेताब, व्याप्त, दुःखित, व्यग्र, उतावला।
सघन वायुमंडल पर ज्वारीय प्रभाव और ग्रहीय उद्विग्नता द्वारा प्रेरित अस्तव्यस्त घूर्णन बदलाव के कारण वह वहां से अपनी वर्तमान स्थिति तक पहुंचा है।
अधीर- आतुर, धैर्यहीन, व्यग्र, बेकरार, उतावला।
तब एक बौद्धिक व्यग्रता प्रारंभ हुई उस एक परमशक्ति के दर्शन करने या उसके वास्तविक स्वरूप को समझने की कि जो संपूर्ण सृष्टि का रचयिता और इन देवताओं के ऊपर की सत्ता है।
धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक व्यवस्था अस्तव्यस्त हो गयी।
इस प्रकार क्रमश: जुड़नेवाले अंशों के कारण कहीं कहीं परस्पर विरोधी नियम भी सम्मिलित हो गए तथा विषय विभाजन भी अस्तव्यस्त सा हो गया।
वृहत्कथा का प्रभाव 'दण्डी' के "दशकुमार चरित", 'बाणभट्ट' की "कादम्बरी", 'सुबन्धु' की "वासवदत्ता", 'धनपाल' की "तिलकमंजरी", 'सोमदेव' के "यशस्तिलक" तथा "मालतीमाधव", "अभिज्ञान शाकुन्तलम्", "मालविकाग्निमित्र", "विक्रमोर्वशीय", "रत्नावली", "मृच्छकटिकम्" जैसे अन्य काव्यग्रंथों पर साफ-साफ परिलक्षित होता है।
आम रूप से दिखने वाले दुष्प्रभावों में से एकदस्त है, जो कभी-कभी एनेरोबिक बैक्टीरियम क्लोस्ट्रिडियम डिफिसाइल के कारण होते हैं और यह प्रतिजैविक द्वारा आंत के फ्लोरा के सामान्य संतुलन को अस्तव्यस्त करने से होता है।
'सागरसंगीत', 'अंतर्यामी', 'किशोर किशोरी' इनके काव्यग्रंथ हैं।
उनका दूसरा काव्यग्रंथ "थियोग्री" के नाम से प्रसिद्ध है जिसके मुख्य विषय हैं सृष्टि का आरंभ तथा देवताओं की विभिन्न पीढ़ियों का इतिहास।
इन परस्पर विरोधी परिसंचरण आकृतियों की पारस्परिक क्रिया तूफान और अस्तव्यस्तता का कारण होती है।
कुछ आलोचकों को इसी कारण उसमें अस्तव्यस्तता मिलती है।