unsinew Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
unsinew ka kya matlab hota hai
Noun:
पट्ठा, तांत, पेशी,
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unsinew शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
पौराणिक और तांत्रिक साहित्य ब्रह्मा के रजस गुण वाले देव के वैदिक विचार को आगे बढ़ाता है।
देवी कामाख्या के प्राचीन सक्ति मंदिर नीलाचल पहाड़ी (भी तांत्रिक वज्र्रयाना और बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण स्थान्), प्राचीन और अद्वितीय ज्योतिषीय मंदिर चईत्राच्हल पाहार् में स्थित नव्ग्रह, और वशिथ और अन्य स्थानों में पुरातात्विक बनी हुई है में स्थित शहर के प्राचीन पौराणिक दावे का समर्थन पिछले।
उदाहरणार्थ सुत्त निकाय के प्रारंभिक सुत्तों में चार सत्यों का उल्लेख मात्र मिलता है, धम्मचक्कपवत्तन सुत्त में विस्तृत विवरण मिलता है और महासतिपट्ठान में इनकी विशद व्याख्या भी मिलती है।
954 ईसवीं में बने इस मंदिर का संबंध तांत्रिक संप्रदाय से है।
|2002 || बाबा || तांत्रिक ||।
प्रजा तांत्रिक केन्द्रवाद की धारणा दल के सभी पहलुओं पर केन्द्रीकृत नियंत्रण स्थापित कर देती है जिसका उदाहरण 1917 से पहले लेनिनवादी दल था।
इस मंदिर में तांत्रिक, बौद्ध तथा वैदिक परम्परा सभी के लक्षण एक साथ देखने को मिलता है।
इन चारों भागों में धम्मसंगणि में निर्दिष्ट 22 तिकों और 100 दुकों का 24 प्रत्ययों से संबंध निम्न छह पट्ठाणों द्वारा समझाया गया है :(1) तिक पं॰ (2) दुक पं॰ (3) दुक-तिक पं॰ (4) तिक-दुक पं॰ (5) तिक-दिक पं॰ और (6) दुक-दुक प॰।
16वीं शती में सद्धम्मालंकार ने पट्ठाण प्रकरण पर पट्ठाणदीपनी नामक टीका लिखी तथा महानाम से आनंदकृत अभिधम्म-मूल-टीका पर मधुसारत्य दीपनी नामक अनुटीका लिखी।
मैथिली का सबसे प्राचीन साहित्य बौद्ध तांत्रिकों के अपभ्रंश दोहों और भाषा गीतों में पाया जाता है।
(1) अनुलोम पट्ठाण (प्रत्यय स्थान), (2) पच्चनिय पट्ठाण।
जिस तरह यह ध्यान जाना जाता है और तांत्रिक अनुयायियों एवं योगियों के तरीको के साथ तुलना में यह तांत्रिक प्रथाओं एक सीमित रूप में है, लेकिन सूत्रपात के पिछले ध्यान से ज्यादा विस्तृत है।
माँ ने इस उद्देश्य से कि पट्ठा जल्दी जवान हो जाये उसे सौ बादाम की गिरियों को खाँड और मक्खन में कूटकर खिलाना व ऊपर से भैंस का दूध पिलाना शुरू कर दिया।
तांत्रिक समुदाय को प्रसन्न करने के लिए इसका निर्माण किया गया था।
तांत्रिकों का स्थान ।
सतिपट्ठान में चार स्मृतिप्रस्थानों का विवरण है, जिनका कि बौद्ध योग में महत्वपूर्ण स्थान है।
पट्ठाण में बौद्ध तत्वचिंतन के आधारभूत प्रतीत्य-समुत्पाद-सिद्धांत का एक विशेष शैली में बड़े विस्तारपूर्वक विवेचन किया गया है।
पहला, यह एक लोकप्रिय तांत्रिक केंद्र था जो कोसी और गंगा नदी से घिरा हुआ था।
आदिच्चुपट्ठान जातक (175)-बन्दर ने सूर्य की पूजा करने का ढोंग बनाया।
(3) अनुलोम-पच्चनिय-पट्ठाण और (4) पच्चनिय-अनुलोम-पट्ठाण।
इन छह पट्ठाणों का पूर्ववत् चार विभागों में प्ररूपण होने से संपूर्ण ग्रंथ 24 पट्ठाणों में विभक्त हो जाता है।
इस छोटे से हरे-भरे शहर में साल भर पर्यटकों का तांता लगा रहता है।
इनमें जैन एवं नाथ संप्रदाय तांत्रिक अपना विशेष प्रभाव रखते हैं।