unrepentance Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
unrepentance ka kya matlab hota hai
अप्रतिनृत्य
Noun:
सोच, ग्लानि, पछतावा,
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unrepentantunrepentantly
unrepenting
unreplaceable
unreportable
unreported
unreposeful
unreposing
unrepresentable
unrepresentative
unrepresented
unreprieved
unreproachful
unreproducible
unreprovable
unrepentance शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
रावण को बहुत ग्लानि महसुस हुई और उसने वर्षो तक पुन: ब्रह्मा जी के लिये तप किया. और ब्रह्मदेव के पृकट होने पर उसने फिर से अमर होने का वरदान माँगा. लेकिन इस बार भी उसे अमर होने का वरदान नहीं मिला लेकिन और ज्यादा मायावी शक्ति प्राप्त हुई. मायावी शक्तियां पा कर एक बार घुमते हुए वानरों के क्षेत्र में प्रवेश किया.।
भारत की पूर्व राजधानी रहने से यह स्थान आधुनिक भारत की साहित्यिक और कलात्मक सोच का जन्मस्थान बना।
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
(3) मनोवैज्ञानिक निबंध- मनोवैज्ञानिक निबंधों में करुणा, श्रद्धा, भक्ति, लज्जा, ग्लानि, क्रोध, लोभ और प्रीति आदि भावों तथा मनोविकारों पर लिखे गए निबंध आते हैं।
साथ ही निर्वेद, ग्लानि, चिन्ता, औत्सुक्य, आवेग, मोह, श्रम, भय, विषाद, दैन्य, व्याधि, जड़ता, उन्माद, अपस्मार, त्रास, आलस्य, मरण, स्तम्भ, वेपथु, वेवर्ण्य, अश्रु, स्वरभेद आदि की व्यभिचारी या संचारी भाव के रूप में परिगणित किया है।
यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
संचारी या व्यभिचारी भावों की संख्या ३३ मानी गयी है - निर्वेद, ग्लानि, शंका, असूया, मद, श्रम, आलस्य, दीनता, चिंता, मोह, स्मृति, धृति, व्रीड़ा, चापल्य, हर्ष, आवेग, जड़ता, गर्व, विषाद, औत्सुक्य, निद्रा, अपस्मार (मिर्गी), स्वप्न, प्रबोध, अमर्ष (असहनशीलता), अवहित्था (भाव का छिपाना), उग्रता, मति, व्याधि, उन्माद, मरण, त्रास और वितर्क।
महाभारत का एक पात्र ग्लानि एक हिन्दी शब्द है।
उसने गंगा के तीर पर एक किला बनाने की सोची।
ब्रह्म और ईश्वर में क्या सम्बन्ध है, इसमें हिन्दू दर्शनों की सोच अलग अलग है।
ऐसा नहीं है कि आत्मा, पुनर्जन्म और कर्मफलवाद के विषय में वैदिक ऋषियों ने कभी सोचा ही नहीं था।
उन्हें एक सोची समझी साजिश के तहत रूस बुलवाया गया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
थोड़ी ही देर बाद वह मृग सपरिवार शिकारी के समक्ष उपस्थित हो गया, ताकि वह उनका शिकार कर सके, किन्तु जंगली पशुओं की ऐसी सत्यता, सात्विकता एवम् सामूहिक प्रेमभावना देखकर शिकारी को बड़ी ग्लानि हुई।
उन्होंने बालक रूप में आकर तुलसीदास से कहा-"बाबा! हमें चन्दन चाहिये क्या आप हमें चन्दन दे सकते हैं?" हनुमान जी ने सोचा, कहीं वे इस बार भी धोखा न खा जायें, इसलिये उन्होंने तोते का रूप धारण करके यह दोहा कहा:।
इसके बाद सत्रहवीं शताब्दी में दक्षिण के विद्वान पंडित श्रीनिवास ने सोचा कि रागों को उनके स्वरों की संख्या के सिहाब से ‘मेल’ में रखा जाये यानी जिन रागों में 5 स्वर हों वे एक ‘मेल’ में, छः स्वर वाले दूसरे और 7 स्वर वाले तीसरे ‘मेल’ में।
इस विचार के वजह से कही इन्डोलोज़िस्ट्स जैसे प्रो रॉबर्ट जे ज़्यीडेन्बोस ने जैन धर्म के बारे मे यह कहा कि यह अनिवार्य रूप से योग सोच का एक योजना है जो एक पूर्ण धर्म के रूप मे बढ़ी हो गयी।
बल्लेबाज को इस तरह की गेंदों से बहुत अधिक सावधान रहना होता है क्योंकि यह गेंद अक्सर बहुत ऊँची और घूर्णन करती हुई आती है और वो उस तरह से व्यवाहर नहीं करती है जैसा कि बल्लेबाज ने सोचा होता है और वो आउट हो सकता है।
तब पुस्तक की परीक्षा का एक अन्य उपाय सोचा गया।
इसमें उत्कलों से लड़ते हुए अशोक को अपनी सेना द्वारा किए गए नरसंहार के प्रति ग्लानि हुई और उसने बौद्ध धर्म को अपना लिया।
धर्म की ग्लानि होने पर उसकी पुनर्प्रतिष्ठा के लिए विष्णु अवतार लेते हैं।
: (कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि) जब-जब धर्म की ग्लानि (पतन) होता है और अधर्म का उत्थान होता है, तब तब मैं अपना सृजन करता हूँ (अवतार लेता हूँ)।
पहले सोचा गया था कि केवल १६ बिट के माध्यम से ही दुनिया के सभी लिपिचिह्नों के लिये अलग-अलग कोड प्रदान किये जा सकेंगे।
जो भी सोच हो, ये देवता रंग-बिरंगी हिन्दू संस्कृति के अभिन्न अंग हैं।