unapprehensible Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
unapprehensible ka kya matlab hota hai
अप्राप्य
Adjective:
परामर्श के योग्य,
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unapprehensible शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
(4) कुछ वैदिक शब्द लौकिक संस्कृत में अप्राप्य हैं और कुछ नये शब्दों का उद्भव भी हो गया है।
वैदिक संस्कृत में क्रियापदों की अवस्था को द्योतित करने वाले दो और लकार हैं : लट् लकार एवं निषेधात्मक लुङ्लकार (Injunctive) (जो लौकिक संस्कृत में केवल निषेधार्थक ‘मा’ से प्रदर्शित होता है और जो लौकिक संस्कृत में पूर्णतः अप्राप्य है।
यह संपूर्ण अप्राप्य है।
उनमें से सामवेद का ज्यौतिषशास्त्र अप्राप्य है, शेष तीन वेदों के ज्यौतिष शास्त्र प्राप्त होते हैं।
ब्रह्मगुप्त की कृति 'खण्डखाद्यक' की टीका लिखी जो अप्राप्य है।
জজজ रोमन, अरबी एवं अन्य में यह गुण अप्राप्य है।
वर्तमान में दोनो अप्राप्य हैं।
जबकि लौकिक संस्कृत के छन्द वंशस्थ, उपेन्द्रवज्रा, शिखरिणी आदि वेदों में पूर्णतः अप्राप्य हैं।
इनमें से बहुत से रत्न अब अप्राप्य हैं तथा बहुत से नए-नए रत्नों का आविष्कार भी हुआ है।
पाताल विजय, जो आज अप्राप्य रचना है, जिसका उल्लेख नामिसाधु ने रुद्रटकृत काव्यालंकार की टीका में किया है।
नीहार की विषयवस्तु के सम्बंध में स्वयं महादेवी वर्मा का कथन उल्लेखनीय है- "नीहार के रचना काल में मेरी अनुभूतियों में वैसी ही कौतूहल मिश्रित वेदना उमड़ आती थी, जैसे बालक के मन में दूर दिखायी देने वाली अप्राप्य सुनहली उषा और स्पर्श से दूर सजल मेघ के प्रथम दर्शन से उत्पन्न हो जाती है।
दर्शन के लिए सत्य ज्ञान निरपेक्ष या समग्र का दोषरहित ज्ञान है; विज्ञान की दृष्टि में ऐसा ज्ञान मानव बुद्धि के लिए अप्राप्य है।
जाम्बवती विजय आज एक अप्राप्य रचना है जिसका उल्लेख राजशेखर नामक व्यक्ति ने जह्लण की सूक्ति मुक्तावली में किया है।