tongun Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
tongun ka kya matlab hota hai
जीभ
Noun:
घंटे का लटकन, रसना, बोली, जिह्वा, ज़बान, टंग, भाषा, जीभ,
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tongun शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
জজজराम नाम राख्यों अति रसना सुधार मैं,।
पर्यायवाची—रसराज, रसनाथ, महारस, रस, महातेजभ् , रसेलह, रसोत्तम, सुतराट् , चपल , चैत्र , शिवबीज , शिव , अमृत , रसेंद्र , लोकेश , दुर्धर , पुरभु , रुद्रज , हरतेजः , रसधातु , स्कंद , देव , दिव्यरस , यशोद , सूतक , सिद्धधातु , पारत , हरवीज ।
रसना जल से बनी है क्योकि रस जल का ही गुण है।
इन्द्रिय स्थान में वर्ण, स्वर, गंध, रस, स्पर्श चक्षु, स्त्रोत, घ्राण, रसना, मन, अग्नि, शौच, शीलता, आचरण, स्मरणशक्ति, विकृति धारणा शक्ति, बल, शरीर आकृति, रूक्षता, स्न्गि्धता, गौरव एवं आहार पाचन तथा आहार परिणाम संबंधी विभिन्न प्रकार के अशुभ लक्षणों का वर्णन सुन्दर वाटीका में सुसज्जित पुष्पों के समान किया गया है।
हिंदी में केशवदास (16वीं शती ई.) शृंगार को रसनायक और देव कवि (18वीं शती ई.) सब रसों का मूल मानते हैं।
सांख्य और वैशेषिक दर्शनों के आधार पर पृथ्वी का गुण गंध है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय नासिका है, जल का गुण रस है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय रसना या जिह्वा है, तेजस् या अग्नि का गुण रूप है और तद्विषयक ज्ञानेंद्रिय चक्षु है, वायु का गुण स्पर्श है और तद्वविषयक ज्ञानेंद्रिय त्वचा है तथा आकाश का गुण शब्द है, जिससे संबंध रखनेवाली ज्ञानेंद्रिय कर्ण हैं।
एक विशिष्ट रसना अथवा संवेग और।
घ्राण, रसना, चक्षु त्वक् और श्रोत्र, इन इंद्रियों को, शरीर के बाहर ऊपरी भाग में रहने के कारण तथा बाहरी विषयों का ग्राहक होने के कारण "बाह्य प्रत्यक्ष प्रमाण" और मन को शरीर के भीतर आत्मा के साथ रहने तथा भीतरी पदार्थ आत्मा एवं आत्मीय गुणों का ग्रहाक होने के कारण "आंतर प्रत्यक्ष प्रमाण" कहा जाता है।
धातुवर्धनीं तवाभिधासुधां पातुकामिनी मम रसना ॥ ६९ ॥।
(1) बहिरिंद्रिय - घ्राण, रसना, चक्षु, त्वक् तथा श्रोत्र (पाँच) और।
तांत्रिक बौद्ध साधना में ललना, रसना और अवधूती नामक तीन नाड़ियाँ प्रमुख मानी गई हैं।