tomorrow's Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
tomorrow's ka kya matlab hota hai
कल
Noun:
कल,
Adverb:
कल का, कल,
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tomorrow's शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
2008: स्टारडस्ट कल का सुपर स्टार-- महिला (Stardust Superstar of Tomorrow - Female) ओम शांति ओम (Om Shanti Om)।
!width15%|कण्ठोष्ठ्य/काकल्य।
2006 : कल का स्टारडस्ट सुपर स्टार -- महिला (Stardust Superstar of Tomorrow - Female), परिणीता (Parineeta)।
यदि यह 'ट्, ठ्, ड्, ढ्' ध्वनियों से पहले न आए तो इसका उच्चारण आजकल हिंदी में तालव्य (श) होता है।
जैसे आज कल कार्ड के साथ मिठाई का डिब्बा देते है।
उदाहरण के लिए, ८वीं शताब्दी के पट्टदकल (कर्नाटक) के स्तम्भ पर सिद्धमात्रिका और तेलुगु-कन्नड लिपि के आरम्भिक रूप - दोनों में ही सूचना लिखी हुई है।
अन्य ईरानी, तुर्की और भारतीय भाषाओं में अरबी शब्दावली आम तौर पर नई फ़ारसी से नकल की गई है।
इन सब पक्षों के मूल में कल्पना का प्राधान्य है, निश्चयात्मक प्रमाण अनुपलब्ध हैं।
उपर्युक्त प्रकार के द्रवचालित एवं ऊष्मीय शक्तिसंयंत्र द्वारा प्राप्त ऊर्जा विपुल परिमाण में बहुत दूरी पर स्थित कल कारखानों आदि में संचारित की जाती है।
रोहिणी के प्रथम चरण का मालिक चन्द्रमा-मंगल है, दोनो का संयुक्त प्रभाव जातक के अन्दर मानसिक गर्मी को प्रदान करता है, कल कारखानों, अस्पताली कामों और जनता के झगडे सुलझाने का काम जातक कर सकता है, जातक की माता आपत्तियों से घिरी होती है, और पिता का लगाव अन्य स्त्रियों से बना रहता है।
आजकल अरुणाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर हिन्दी बोली जाने लगी है।
(३) मानव मस्तिष्क से निकली हुई वर्णमालाओं में नागरी सबसे अधिक पूर्ण वर्णमाला है।
इस तरह देवनागरी लिपि न केवल भारत के अंदर सारे प्रांतवासियों को प्रेम-बंधन में बांधकर सीमोल्लंघन कर दक्षिण-पूर्व एशिया के पुराने वृहत्तर भारतीय परिवार को भी ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय‘ अनुप्राणित कर सकती है तथा विभिन्न देशों को एक अधिक सुचारू और वैज्ञानिक विकल्प प्रदान कर ‘विश्व नागरी‘ की पदवी का दावा इक्कीसवीं सदी में कर सकती है।
इमारतों की डिज़ाइन मौजूद अंग्रेजी सज्जनों और आकांक्षी बंगाली बाबू (वस्तुतः, एक कल का नवाब बंगाली, जो अंग्रेजी शिष्टाचार, आचार-विचार अपनाने का आकांक्षी है, चूंकि ये तौर-तरीके ब्रिटिशों से मौद्रिक लाभ कमाने के अनुकूल थे) की रुचियों से प्रेरित थीं।
कल कारखानों की अधिकता, कोयले के अधिक उपयोग, नगरों के लगातार क्रम तथा खुले स्थलों की न्यूनता के कारण इस प्रदेश को प्राय: "काला प्रदेश" की संज्ञा दी जाती है।
मैं जब दक्षिण अफ्रीका में था तब से मेरा स्वप्न है कि संस्कृत से निकली हर भाषा की एक लिपि हो, और वह देवनागरी हो।
इसमें काम करने के कारण लाखों की संख्या में मजदूर देहातों और गाँवों का परित्याग कर उन नगरों तथा शहरों में निवास करने लगे, जिनमें कल कारखानों की स्थापना हुई थी।
२००४ - स्टारडस्ट अवार्ड, कल का सुपर स्टार (इश्क विश्क)।
देववाणी की वाहिका होने के नाते देवनागरी भारत की सीमाओं से बाहर निकलकर चीन और जापान के लिए भी समुचित विकल्प दे सकती है।
गांधीजी ने १९४० में गुजराती भाषा की एक पुस्तक को देवनागरी लिपि में छपवाया और इसका उद्देश्य बताया था कि मेरा सपना है कि संस्कृत से निकली हर भाषा की लिपि देवनागरी हो।
तकनीकी इतिहासविद व वास्तुशिल्स मसीक्षक लुइस ममफ़ोर्ड ने बीते कल का आने वाले कल का शहर में कहते हैं,।
कौन पहल करे ! गुजराती कहेगा ‘हमारी लिपि तो बड़ी सुन्दर सलोनी आसान है, इसे कैसे छोडूंगा?’ बीच में अभी एक नया पक्ष और निकल के आया है, वह ये, कुछ लोग कहते हैं कि देवनागरी खुद ही अभी अधूरी है, कठिन है; मैं भी यह मानता हूँ कि इसमें सुधार होना चाहिए।