theologer Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
theologer ka kya matlab hota hai
धर्मशास्त्र
Noun:
थेअलोजी, धर्मशास्र,
People Also Search:
theologiantheologians
theologic
theological
theological doctrine
theological system
theological virtue
theologically
theologician
theologies
theologise
theologised
theologiser
theologisers
theologises
theologer शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
पुस्तक का मूल विषय हिन्दू एवं सिक्ख धर्मशास्र के अन्तर पर आधारित है।
धर्मशास्र को नवीन रूप दिया गया (यह वस्तुत: संकट की व्यवस्था थी) पर परवर्ती स्मृतिकार उसे आगे न बढ़ा सके।
किंतु अधिकतर धर्मशास्रों ने वेदों के चार व्रतों, पंच दैनिक महायज्ञों, सात पाकयज्ञों, सात हविर्यज्ञों और सात सोमयज्ञों का वर्णन संस्कारों में नहीं किया है।
यह उस समय के अनेक धर्मशास्रियों के दृष्टिकोण के विपरीत था, जिन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि रचना के कुछ भाग, विशिष्टतः मानव आत्मा, वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र से बाहर थे।
राजकुमार की आज्ञाओं के पालन का नया राजनीतिक धर्मशास्र हेनरी के सुधारों के लिये निर्णायक था, जिसे सन 1530 के दशक में चर्च ऑफ इंग्लैंड द्वारा उत्साहपूर्वक अपना लिया गया।
धर्मशास्रीय तथा व्यावहारिक सुधारक केवल हेनरी के उत्तराधिकारियों के अधीन ही आगे बढ़ सके (अंतिम भाग को देखें).।
ईसाई धर्मशास्र के अनुसार, ईश्वर ने उन्हें ईसा के प्रथम आगमन की घोषणा करने के लिये चुना था।
उनके स्थान पर आये सर थॉमस मोर ने प्रारंभ में राजा की नई नीति के साथ सहयोग करते हुए संसद में वूल्सी की निंदा की और ऑक्सफोर्ड व कैम्ब्रिज के धर्मशास्रियों के इस मत का समर्थन किया कि कैथरिन के साथ हेनरी का विवाह ग़ैरक़ानूनी था।
धर्मांतरित व्यक्ति को अनिवार्य रूप से यहूदी समुदाय में शामिल होना पड़ता है और धर्मांतरण के पूर्व के अपने धर्मशास्र को अस्वीकार करना होता है।
सुधारकों ने लूथर के धर्मशास्र के अधिक व्यापक ढांचे के साथ इसके संबंध को बचाए रखने का प्रयास किया और उनका ज़ोर केवल वि्श्वास व ईश्वर के वचन पर था, जबकि रूढ़िवादियों ने अच्छे कार्यों, आयोजनों व परोपकार पर बल दिया।
জজজ कालांतर में सभ्यता के विकास, समाज के वर्गीकरण, श्रमविभाजन और उद्बुद्ध साहित्यिक चेतना के कारण पहले की उन्मेषपूर्ण भाषा भी विभक्त हो गई—कविता ने अपने को रागों की उन्मेषपूर्ण भाषा के रूप में सीमित कर लिया और विज्ञान, दर्शन, इतिहास, धर्मशास्र, नीति, कथा और नाटक ने साधारण व्यवहार, अर्थात् कथ्य की भाषा को अपनाया।