talwar Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
talwar ka kya matlab hota hai
तलवार
Noun:
सलवार,
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talwar शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
वे एक ही साथ कलम और तलवार के धनी थे और मानव प्रेम के सूत्रधार थे।
अलवर के प्राचीन नाम 'मत्स्यनगर', 'अरवलपुर', 'उल्वर', ' शालवापुर', 'सलवार', 'हलवार ' रहे हैं।
इस हॉल का मुख्य आकर्षण अकबर और जहांगीर की तलवारें हैं।
| 1909 || || द तलवार (मासिक) || वीरेन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय।
दुपट्टे का प्रयोग प्राचीन काल से घाघरे, साड़ी अथवा सलवार सूट के साथ किया जाता रहा है।
हैदराबाद की लगभग सभी संस्कृतियों की महिलाएं या तो परंपरागत भारतीय परिधान साड़ी पहनती हैं, या सलवार कमीज़ (विशेषकर युवा जनसंख्या)।
क्योंकि असली मोल तो तलवार का होता है, म्यान का नहीं।
वह जब पाकिस्तान में होता है तो सलवार-कमीज पहनता है और देसी उपदेश और धार्मिक मूल्यों की शिक्षा देता है, लेकिन ब्रिटेन और पश्चिम की दूसरी जगहों पर अभिजात वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाते वक्त खुद को पूरी तरह से बदल लेता है।
इसके सन्दर्भ में वीर भारत तलवार किसान राष्ट्रीय आन्दोलन और प्रेमचन्द:1918-22 पुस्तक में लिखते हैं कि- "1922 में प्रकाशित 'प्रेमाश्रम' हिंदी में किसानों के सवाल पर लिखा गया पहला उपन्यास है।
रास्ते में जटायु ने सीता को बचाने के लिये रावण से युद्ध किया और रावण ने तलवार के प्रहार से उसे अधमरा कर दिया।
ऐसे समय में धृष्टद्युम्न ने योग समाधि लिए द्रोण का मस्तक तलवार से काट कर भूमि पर गिरा दिया।
स्त्रियाँ कमीज़, दामन, सूट, सलवार, तथा कुर्ती पहनती हैं।
सलवार कुर्ते के तीसरे वस्त्र को दुपट्टा कहा जाता है।
वैसे शहरी क्षेत्रों में लोग प्रायः कमीज-पतलून तथा सलवार-कमीज पहना करते हैं।
सूटों के अलावा यहां पर पगडी़, सलवार-कमीज, रूमाल और पंजाबी जूतियों की बहुत मांग हैं।
मोल करो तलवार का, पड़ी रहन दो म्यान ।
सिख आतंकवादियों के शिकार भारतीय परिधान सलवार कुरता का एक अभिन्न अंग है।
परंपरागत रूप से महिलाएं चमकीले रंगों में सलवार कमीज़ और आभूषणों पहनती हैं।
इसी संग्रहालय की 'एक मियान में दो तलवार' यहाँ का विशेष आकर्षण है।
रेडीमेड वस्त्र उत्पादन जबलपुर रेडीमेड वस्त्र उद्योग - सलवार-सूट , शर्ट, का प्रमुख उत्पादक केंद्र बन गया है।
सेनापति कवित्त रत्नाकर में गंगा महात्म्य का वर्णन करते हुए कहते हैं कि पाप की नाव को नष्ट करने के लिए गंगा की पुण्यधारा तलवार-सी सुशोभित है।
बालक गोविन्दराय के बचपन का पंगुरा (पालना), लोहे के चार तीर, तलवार, पादुका तथा 'हुकुमनामा' यहाँ गुरुद्वारे में सुरक्षित है।
इस दैत्याकार व्यक्ति के एक हाथ में तलवार थी, और दूसरे में राजदण्ड।
इसमें विभिन्न रंगों व आकारों वाली तराशी हुई मूंठ की तलवारें भी हैं, जिनमें से कई मीनाकारी के जड़ाऊ काम व जवाहरातों से अलंकृत है तथा शानदार जड़ी हुई म्यानों से युक्त हैं।
|rowspan4|2002 || काली सलवार || ||।