sutile Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
sutile ka kya matlab hota hai
सूक्ष्म
Adjective:
निरर्थक,
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sutile शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इस स्वभाविक कार्य को सम्पन्न करने के लिए किसी अदृष्ट कर्त्ता की स्वीकृति निरर्थक है।
पहले एक कार्य के लिये एक ही कम्प्यूटर तन्त्र होता था और उसे यान्त्रिक स्तर पर क्रमादेश दिये जाते थे जिन्हें बदलना आर्थिक रूप से निरर्थक था।
इसकी विशेषता यह है कि इसे सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमे सात रंग दिखाई देते हैं।
भर्तृहरि के ग्रन्थ ‘वाक्यपदीय’ के अन्तर्गत ‘शब्द’ के स्वरूप का सूक्ष्म, गहन एवं व्यापक चिन्तन उपलब्ध होता है।
शिमला संग्रहालय हिमाचल प्रदेश की कला एवं संस्कृति का एक अनुपम नमूना है, जिसमें यहां की विभिन्न कलाकृतियां विशेषकर वास्तुकला, पहाड़ी कलम, सूक्ष्म कला, लकडि़यों पर की गई नक्काशियां, आभूषण एवं अन्य कृतियां संग्रहित हैं।
इस प्रकार हम भाषा-विज्ञान की एक नवीन परिभाषा इस प्रकार दे सकते हैं- “जिस अध्ययन के द्वारा मानवीय भाषाओं का सूक्ष्म और विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाए, उसे भाषा-विज्ञान कहा जाता है।
रैदास ने ऊँच-नीच की भावना तथा ईश्वर-भक्ति के नाम पर किये जाने वाले विवाद को सारहीन तथा निरर्थक बताया और सबको परस्पर मिलजुल कर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया।
कबीर सागर: यह सूक्ष्म वेद है जिसमें परमात्मा कि विस्तृत जानकारी है।
अत: उन्होंने इसी सत्य और ज्ञान की प्राप्ति के क्रम में सूक्ष्म से सूक्ष्म एवं गूढ़तम साधनों से ज्ञान की तलाश आरंभ की और इसमें उन्हें सफलता भी प्राप्त हुई।
अगड़म- बगड़म-प्रकाष्ठ, निरर्थक पदार्थ, काठ-कबाड़, बेकार की चीज, अंगड़-खंगड़।
स्मृतियों की इस महत्ता का कारण बताते हुए मारीचि ने कहा है कि स्मृतियों के जो वचन निरर्थक या श्रुति विरोधी नहीं हैं वे श्रुति के ही प्रारूप हैं।
इसके अलावा अपहरण न करवाने वाली बात की निरर्थकता भी इस तथ्य से ज्ञात होती है कि न तो अकबर के समय में और न ही उसके उतराधिकारियो के समय में हरम बंद हुई थी।
प्राप्त ज्ञान को सजीव भाषा में गुंफित करने की कला ने आश्चर्यजनक उन्नति कर ली है, फिर भी अतीत के दर्शन के लिए कल्पना कुछ तो अभ्यास, किंतु अधिकतर व्यक्ति की नैसर्गिक क्षमता एवं सूक्ष्म तथा क्रांत दृष्टि पर आश्रित है।
ग़ज़ाली (१०५८-११११) ने सूफी मत के पष में और दर्शनशास्त्र की निरर्थकता के बारे में कुछ ऐसे तर्क दिये थे कि दर्शनशास्त्र का ज़ोर कम होने लगा।
अतः इन तीनों भाषाओं (संस्कृत, ग्रीक और लैटिन) के बीच एक सूक्ष्म संबंध सूत्र अवश्य विद्यमान है।
संस्कृत साहित्य में दर्शन एवं साहित्यशास्त्रीय ग्रन्थों में भी हमें ‘शब्द’ ’अर्थ’, ‘रस’ ‘भाव’ के सूक्ष्म विवेचन के अन्तर्गत भाषा वैज्ञानिक चर्चाओं के ही संकेत प्राप्त होते हैं।
नित्य नवीन आविष्कारों के आज के युग में वैज्ञानिक दृष्टि नित्य सूक्ष्म से सूक्ष्मतर और नवीन से नव्यतर होती चली जा रही है।
इसलिए यह प्रश्न निरर्थक है कि राजभाषा, राष्ट्रभाषा, सम्पर्क भाषा आदि में से कौन सर्वाधिक महत्त्व का है, आवश्यकता है हिन्दी को अधिक व्यवहार में लाने की।
उसेके बाद उन्होंने कहा था की, “हमने हिन्दू समाज में समानता का स्तर प्राप्त करने के लिए हर तरह के प्रयत्न और सत्याग्रह किए, परन्तु सब निरर्थक सिद्ध हुए।
अध्यात्मरस में पूरी तरह डूबी रहने वाली रुक्मिणी बाई को ‘विन्या’ की बातें खूब भातीं. बेटे पर गर्व हो आता था उन्हें. उन्होंने आगे भी चावलों की गिनती करना न छोड़ा. न ही इस काम से उनके मन कभी निरर्थकता बोध जागा.।
इनमें विश्व की परमसत्ता के स्वरूप, उसके अवस्थान, विभिन्न प्राकृतिक शक्तियों के साथ उसके संबंध, मानवीय आत्मा में उसकी एक किरण की झलक या सूक्ष्म प्रतिबिंब की उपस्थिति आदि को विभिन्न रूपकों और प्रतीकों के रूप में वर्णित किया गया है।
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा — “इसकी किसी और भारतीय सिनेमा से तुलना करना निरर्थक है।
उपनिषदों में कर्मकाण्ड को 'अवर' कहकर ज्ञान को इसलिए महत्व दिया गया कि ज्ञान स्थूल (जगत और पदार्थ) से सूक्ष्म (मन और आत्मा) की ओर ले जाता है।
‘शिक्षा’ नामक वेदांग में भाषा सम्बन्धी सूक्ष्म चर्चा उपलब्ध होती है।
एक भी शब्द निरर्थक नहीं, प्रत्येक शब्द का अपना पूर्ण महत्व है।