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surely Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


surely ka kya matlab hota hai


अवश्य

Adverb:

ठीक-ठीक, यक़ीनन,



surely शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:

और जब यूसुफ ने उनके (ग़ल्ले का) सामान दुरूस्त कर दिया और वह जाने लगे तो यूसुफ़ ने (उनसे कहा) कि (अबकी आना तो) अपने सौतेले भाई को (जिसे घर छोड़ आए हो) मेरे पास लेते आना क्या तुम नहीं देखते कि मै यक़ीनन नाप भी पूरी देता हूँ और बहुत अच्छा मेहमान नवाज़ भी हूँ (59)।



और (ऐ रसूल) ये लोग तुम से भलाई के क़ब्ल ही बुराई (अज़ाब) की जल्दी मचा रहे हैं हालांकि उनके पहले (बहुत से लोगों की) सज़ाएँ हो चुकी हैं और इसमें शक नहीं की तुम्हारा परवरदिगार बावजूद उनकी शरारत के लोगों पर बड़ा बख़शिश (करम) वाला है और इसमें भी शक नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन सख़्त अज़ाब वाला है (6)।

मुझ पर वाजिब है कि ख़ुदा पर सच के सिवा (एक हुरमत भी झूठ) न कहूँ मै यक़ीनन तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से वाजेए व रोषन मौजिज़े लेकर आया हूँ (105)।

तो उनकी क़ौम के चन्द सरदारों ने कहा हम तो यक़ीनन देखते हैं कि तुम खुल्लम खुल्ला गुमराही में (पड़े) हो (60)।

और ख़़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो और आपस में झगड़ा न करो वरना तुम हिम्मत हारोगे और तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी और (जंग की तकलीफ़ को) झेल जाओ (क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनन सब्र करने वालों का साथी है (46)।

सभी संकेतों को सभी लोग ठीक-ठीक समझ भी नहीं पाते और न इनसे विचार ही सही-सही व्यक्त हो पाते हैं।

कि जब (यूसूफ के भाइयों ने) कहा कि बावजूद कि हमारी बड़ी जमाअत है फिर भी यूसुफ़ और उसका हकीक़ी भाई (इब्ने यामीन) हमारे वालिद के नज़दीक बहुत ज़्यादा प्यारे हैं इसमें कुछ शक नहीं कि हमारे वालिद यक़ीनन सरीही (खुली हुयी) ग़लती में पड़े हैं (8)।

और जो कुछ ख़ुदा ने और उसके रसूल ने उनको अता फरमाया था अगर ये लोग उस पर राज़ी रहते और कहते कि ख़़ुदा हमारे वास्ते काफी है (उस वक़्त नहीं तो) अनक़रीब ही खुदा हमें अपने फज़ल व करम से उसका रसूल दे ही देगा हम तो यक़ीनन अल्लाह ही की तरफ लौ लगाए बैठे हैं (59)।

वह लोग कुनबे वाले (पोते वग़ैराह) कहने लगे आप यक़ीनन अपने पुराने ख़याल (मोहब्बत) में (पड़े हुए) हैं (95)।

और हमको तो यक़ीनन अपने परवरदिगार की तरफ़ लौट कर जाना है (14)।

जब वह गंगा में मछलियों को मोती चुगा रहा था, संयोगिता ने एक दासी को उसको ठीक-ठीक पहचानने तथा उसके पृथ्वीराज होने पर अपना (संयोगिता का) प्रेम-निवेदन करने के लिये भेजा।

स्वयं टीकाकार ने लिखा है- "अब यदि मैं गीता का ठीक-ठीक विवेचन मराठी (देशी) भाषा में करूं तो इस में आश्चर्य का क्या कारण है ...गुरु-कृपा से क्या कुछ सम्भव नहीं ?"।

(और जिनके नेक अमाल के) पल्ले हलके होगें तो उन्हीं लोगों ने हमारी आयत से नाफरमानी करने की वजह से यक़ीनन अपना आप नुक़सान किया (9)।

उनको अल्लाह वाले और उलेमा झूठ बोलने और हरामख़ोरी से क्यों नहीं रोकते जो (दरगुज़र) ये लोग करते हैं यक़ीनन बहुत ही बुरी है (63)।

उन लोगों में से बाज़ ऐसे भी हैं जो साफ कहते हैं कि मुझे तो (पीछे रह जाने की) इजाज़त दीजिए और मुझ बला में न फॅसाइए (ऐ रसूल) आगाह हो कि ये लोग खुद बला में (औंधे मुँह) गिर पड़े और जहन्नुम तो काफिरों का यक़ीनन घेरे हुए ही हैं (49)।

ये लोग यक़ीनन झूठे है (ऐ रसूल) तुम इस (मस्जिद) में कभी खड़े भी न होना वह मस्जिद जिसकी बुनियाद अव्वल रोज़ से परहेज़गारी पर रखी गई है वह ज़रूर उसकी ज़्यादा हक़दार है कि तुम उसमें खडे़ होकर (नमाज़ पढ़ो क्योंकि) उसमें वह लोग हैं जो पाक व पाकीज़ा रहने को पसन्द करते हैं और ख़ुदा भी पाक व पाकीज़ा रहने वालों को दोस्त रखता है (108)।

(ऐ रसूल) यूसुफ और उनके भाइयों के किस्से में पूछने वाले (यहूद) के लिए (तुम्हारी नुबूवत) की यक़ीनन बहुत सी निशनियाँ हैं (7)।

वह लोग कहने लगे ख़ुदा की क़सम तुम्हें ख़ुदा ने यक़ीनन हम पर फज़ीलत दी है और बेशक हम ही यक़ीनन (अज़सरतापा) ख़तावार थे (91)।

ठीक-ठीक धुलाई के लिए यह आवश्यक है कि वस्त्रों से निकली मैल रेशे पर फिर जम न जाए।

और (ऐ रसूल) उन मुनाफिक़ीन में से जो मर जाए तो कभी ना किसी पर नमाजे़ जनाज़ा पढ़ना और न उसकी क़ब्र पर (जाकर) खडे़ होना इन लोगों ने यक़ीनन ख़़ुदा और उसके रसूल के साथ कुफ्ऱ किया और बदकारी की हालत में मर (भी) गए (84)।

राग द्वेषजन्य संस्कारों के वशीभूत ने होकर दूसरे के दृष्टिबिन्दु को ठीक-ठीक समझने का नाम अनेकान्तवाद है।

और ख़़ुदा तो सब तद्बीर करने वालों से बेहतर है और जब उनके सामने हमारी आयते पढ़ी जाती हैं तो बोल उठते हैं कि हमने सुना तो लेकिन अगर हम चाहें तो यक़ीनन ऐसा ही (क़रार) हम भी कह सकते हैं-तो बस अगलों के क़िस्से है (31)।

इसमें एक ज्यामितीय आकार के क्षेत्रफल के समान क्षेत्रफल वाला दूसरा ज्यामितीय आकार बनाने की वियाँ भी दी गयीं है, जिनमें से कुछ ठीक-ठीक (परिशुद्ध) क्षेत्रफल की न होकर 'लगभग बराबर' क्षेत्रफल की होतीं हैं।

दूसरी भाषाओं में उनके ठीक-ठीक पर्याय खोजना बेकार है।

क्या इन लोगों ने इतने भी नहीं जाना यक़ीनन ख़़ुदा बन्दों की तौबा क़़ुबूल करता है और वही ख़ैरातें (भी) लेता है और इसमें ्यक नहीं कि वही तौबा का बड़ा कु़़बूल करने वाला मेहरबान है (104)।

(और वह वख़्त याद करो) जब इबराहीम ने अपने (मुँह बोले) बाप (आज़र) और अपनी क़ौम से कहा कि जिन चीज़ों को तुम लोग पूजते हो मैं यक़ीनन उससे बेज़ार हूँ (26)।

ख़ुदा ने फरमाया यहाँ से बुरे हाल में (राइन्दा होकर निकल) (दूर) जा उन लोेगों से जो तेरा कहा मानेगा तो मैं यक़ीनन तुम (और उन) सबको जहन्नुम में भर दूंगा (18)।

और बेशक ये (क़़ुरआन) असली किताब (लौह महफूज़) में (भी जो) मेरे पास है लिखी हुयी है (और) यक़ीनन बड़े रूतबे की (और) पुरअज़ हिकमत है (4)।

लंबाई के परिमाप की विशिष्ट विधि थी जिससे ठीक-ठीक ऊंचाई ज्ञात हो सके।

मै तो यक़ीनन तुम्हारे (एक तरफ के) हाथ और दूसरी तरफ के पाॅव कटवा डालूॅगा फिर तुम सबके सब को सूली दे दूॅगा (124)।

(उनकी बातों से) क़रीब है कि सारे आसमान (उसकी हैबत के मारे) अपने ऊपर वार से फट पड़े और फ़रिश्ते तो अपने परवरदिगार की तारीफ़ के साथ तसबीह करते हैं और जो लोग ज़मीन में हैं उनके लिए (गुनाहों की) माफी माँगा करते हैं सुन रखो कि ख़़ुदा ही यक़ीनन बड़ा बक्शने वाला मेहरबान है (5)।

और इबराहीम का अपने बाप के लिए मग़फिरत की दुआ माँगना सिर्फ इस वायदे की वजह से था जो उन्होंने अपने बाप से कर लिया था फिर जब उनको मालूम हो गया कि वह यक़ीनी ख़़ुदा का दुष्मन है तो उससे बेज़ार हो गए, बेषक इबराहीम यक़ीनन बड़े दर्दमन्द बुर्दबार (सहन करने वाले) थे (114)।

वह लोग कहने लगे जब हमारी बड़ी जमाअत है (इस पर भी) अगर उसको भेडि़या खा जाए तो हम लोग यक़ीनन बड़े घाटा उठाने वाले (निकलते) ठहरेगें (14)।

और हम ही ने यक़ीनन मूसा को अपनी निशानियाँ देकर फ़िरऔन और उसके दरबारियों के पास (पैग़म्बर बनाकर) भेजा था तो मूसा ने कहा कि मैं सारे जहाँन के पालने वाले (ख़ुदा) का रसूल हूँ (46)।

फिर जब यूसुफ ने उन का साज़ो सामान सफर ग़ल्ला (वग़ैरह) दुरुस्त करा दिया तो अपने भाई के असबाब में पानी पीने का कटोरा (यूसुफ के इशारे) से रखवा दिया फिर एक मुनादी ललकार के बोला कि ऐ क़ाफि़ले वालों (हो न हो) यक़ीनन तुम्ही लोग ज़रुर चोर हो (70)।

(ठीक-ठीक कहें तो चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव)।

जो लोग इसके क़ायल हैं कि ख़ुदा तीन में का (तीसरा) है वह यक़ीनन काफ़िर हो गए (याद रखो कि) ख़ुदाए यक्ता के सिवा कोई माबूद नहीं और (ख़ुदा के बारे में) ये लोग जो कुछ बका करते हैं अगर उससे बाज़ न आए तो (समझ रखो कि) जो लोग उसमेें से (काफ़िर के) काफ़िर रह गए उन पर ज़रूर दर्दनाक अज़ाब नाज़िल होगा (73)।

(ऐ रसूल) तुम उनमें से बहुतेरों को देखोगे कि गुनाह और सरकशी और हरामख़ोरी की तरफ़ दौड़ पड़ते हैं जो काम ये लोग करते थे वह यक़ीनन बहुत बुरा है (62)।

और आप इस बस्ती (मिस्र) के लोगों से जिसमें हम लोग थे दरयाफ़्त कर लीजिए और इस क़ाफले से भी जिसमें आए हैं (पूछ लीजिए) और हम यक़ीनन बिल्कुल सच्चे हैं (82)।

यह सुनकर उसके पति ने अपनी पत्नी को बुलाकर कहा- ठीक-ठीक बता कि यह धन तुझे कौन देता है? तब वह सर्प को याद करने लगी।

और उन दोनों के सामने क़समें खायीं कि मैं यक़ीनन तुम्हारा ख़ैर ख़्वाह हूँ (21)।

चूँकि इस प्रतिज्ञा को पूरी तरह से निभाने के लिए इन अधिकारों और स्वतन्त्रताओं का स्वरूप ठीक-ठीक समझना सबसे आवश्यक है।

ज़रूर ख़ुदा और फ़रिश्तों और इल्म वालों ने गवाही दी है कि उसके सिवा कोई माबूद क़ाबिले परसतिश नहीं है और वह ख़ुदा अद्ल व इन्साफ़ के साथ (कारख़ानाए आलम का) सॅभालने वाला है उसके सिवा कोई माबूद नहीं (वही हर चीज़ पर) ग़ालिब और दाना है (सच्चा) दीन तो ख़ुदा के नज़दीक यक़ीनन (बस यही) इस्लाम है (18)।

और मूसा ने (फिरआऊन से) कहा ऐ फिरआऊन में यक़ीनन परवरदिगारे आलम का रसूल हूँ (104)।

(ऐ रसूल) तुम काफिरों से कह दो कि अगर वह लोग (अब भी अपनी ्यरारत से) बाज़ रहें तो उनके पिछले कुसूर माफ कर दिए जाएॅ और अगर फिर कहीं पलटें तो यक़ीनन अगलों के तरीक़े गुज़र चुके जो, उनकी सज़ा हुयी वही इनकी भी होगी (38)।

(ये वह वक़्त था) जब ख़़ुदा ने तुम्हें ख़्वाब में कुफ़्फ़ार को कम करके दिखलाया था और अगर उनको तुम्हें ज़्यादा करते दिखलाता तुम यक़ीनन हिम्मत हार देते और लड़ाई के बारे में झगड़ने लगते मगर ख़ुदा ने इसे (बदनामी) से बचाया इसमें तो ्यक ही नहीं कि वह दिली ख़्यालात से वाक़िफ़ है (43)।

और वह तो यक़ीनन क़यामत की एक रौशन दलील है तुम लोग इसमें हरगिज़ शक न करो और मेरी पैरवी करो यही सीधा रास्ता है (61)।

हर रोज़ घटित विषयों और घटनाओं के प्रति समानता ही यक़ीनन इस श्रृंखला में हास्य दृश्यों का प्रमुख आकर्षण है।

और शहर (मिस्र) में औरतें चर्चा करने लगी कि अज़ीज़ (मिस्र) की बीबी अपने ग़ुलाम से (नाजायज़) मतलब हासिल करने की आरज़ू मन्द है बेशक गुलाम ने उसे उलफत में लुभाया है हम लोग तो यक़ीनन उसे सरीही ग़लती में मुब्तिला देखते हैं (30)।

लोगों (की इबादत) के वास्ते जो घर सबसे पहले बनाया गया वह तो यक़ीनन यही (काबा) है जो मक्के में है बड़ी (खै़र व बरकत) वाला और सारे जहाॅन के लोगों का रहनुमा (96)।

मगर (हाँ) जिन मुषरिकों से तुमने एहदो पैमान किया था फिर उन लोगों ने भी कभी कुछ तुमसे (वफ़ा एहद में) कमी नहीं की और न तुम्हारे मुक़ाबले में किसी की मदद की हो तो उनके एहद व पैमान को जितनी मुद्द्त के वास्ते मुक़र्रर किया है पूरा कर दो ख़़ुदा परहेज़गारों को यक़ीनन दोस्त रखता है (4)।

ख़ुदा ने काबा को जो (उसका) मोहतरम घर है और हुरमत दार महीनों को और कुरबानी को और उस जानवर को जिसके गले में (कुर्बानी के वास्ते) पट्टे डाल दिए गए हों लोगों के अमन क़ायम रखने का सबब क़रार दिया यह इसलिए कि तुम जान लो कि ख़ुदा जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है यक़ीनन (सब) जानता है और ये भी (समझ लो) कि बेषक ख़ुदा हर चीज़ से वाक़िफ है (97)।

इस पर भी लोगों ने उनकों झुठला दिया तब हमने उनको और जो लोग उनके साथ कष्ती में थे बचा लिया और बाक़ी जितने लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया था सबको डुबो मारा ये सब के सब यक़ीनन अन्धे लोग थे (64)।

और यक़ीनन ख़़ुदा के हाॅ बड़ी मज़दूरी है ऐ ईमानदारों अगर तुम ख़़ुदा से डरते रहोगे तो वह तुम्हारे वास्ते इम्तियाज़ पैदा करे देगा और तुम्हारी तरफ से तुम्हारे गुनाह का कफ़्फ़ारा क़रार देगा और तुम्हें बख़्ष देगा और ख़़ुदा बड़ा साहब फज़ल (व करम) है (29)।

और (कहीं) शैतान तुम लोगों को (इससे) रोक न दे वही यक़ीनन तुम्हारा खुल्लम खुल्ला दुश्मन है (62)।

जान लो कि यक़ीनन ख़ुदा बड़ा अज़ाब वाला है और ये (भी) कि बड़ा बख़्षने वाला मेहरबान है (98)।

(ऐ रसूल) तुम कह दो कि तुम लोग ख़्वाह ख़ुषी से खर्च करो या मजबूरी से तुम्हारी ख़ैरात तो कभी कु़बूल की नहीं जाएगी तुम यक़ीनन बदकार लोग हो (53)।

और (ऐ बनीआदम) हमने तो यक़ीनन तुमको ज़मीन में क़ुदरत व इख़तेदार दिया और उसमें तुम्हारे लिए असबाब ज़िन्दगी मुहय्या किए (मगर) तुम बहुत ही कम षुक्र करते हो (10)।

यह तय करना मानव-जाति के लिए हमेशा से एक समस्या रहा है कि न्याय का ठीक-ठीक अर्थ क्या होना चाहिए और लगभग सदैव उसकी व्याख्या समय के संदर्भ में की गई है।

(ये वक़्त था) जब मुनाफिक़ीन और जिन लोगों के दिल में (कुफ्र का) मर्ज़ है कह रहे थे कि उन मुसलमानों को उनके दीन ने धोके में डाल रखा है (कि इतराते फिरते हैं हालाॅकि जो ्यख़्स ख़़ुदा पर भरोसा करता है (वह ग़ालिब रहता है क्योंकि) ख़़ुदा तो यक़ीनन ग़ालिब और हिकमत वाला है (49)।

और अहले किताब ने जो उस दीने हक़ से इख़्तेलाफ़ किया तो महज़ आपस की शरारत और असली (अम्र) मालूम हो जाने के बाद (ही क्या है) और जिस शख़्स ने ख़ुदा की निशानियों से इन्कार किया तो (वह समझ ले कि यक़ीनन ख़ुदा (उससे) बहुत जल्दी हिसाब लेने वाला है (19)।

उनके जन्म स्थान का ठीक-ठीक पता नहीं है पर उनका कार्यक्षेत्र कुसुमपुर (वर्तमान पटना) रहा।

surely's Usage Examples:

Surely she couldn't be expected to commute that kind of distance on a regular basis.


Even Maria had gone uptown for the parade and festivities, surely a thrill compared to the rural poverty of her homeland.


One hastens to southern Africa to chase the giraffe; but surely that is not the game he would be after.


Surely he must have noticed.


Surely it didn't take that long to tell him she felt abandoned.


My dear Mr. Munsell, Surely I need not tell you that your letter was very welcome.


Surely he must know that spending so much time with her might prove uncomfortable later.


Surely he should have known she would get suspicious.


You surely did not expect to see that Asiatic capital.


Surely she would understand.



Synonyms:

for sure, for certain, sure as shooting, sure, certainly, sure enough,



Antonyms:

undependable, unpredictable, unsure, uncertain, uncertainty,



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