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suint Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


suint ka kya matlab hota hai


भेंगापन

Noun:

सिद्ध, पुण्यात्मा, गोसाई, धर्मात्मा व्यक्ति, धर्मात्मा मनुष्य, मुनि, धर्मात्मा, ऋषि, महात्मा, संत,



suint शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:

अर्थ- बिल्व के मूल में लिंगरूपी अविनाशी महादेव का पूजन जो पुण्यात्मा व्यक्ति करता है, उसका कल्याण होता है।



किन्तु पाणिनि का संस्कृत व्याकरण पर किया गया कार्य सबसे प्रसिद्ध है।

सिद्धि विनायकाय नमः . पंचामृत स्नानं समर्पयामि .।

"प्रभु का पुनरागमन क़यामत के दिन होगा जब वो स्वर्ग से उतर कर यहाँ आयेंगे दुनिया पर फ़ैसला सुनाने : पुण्यात्माओं को अमर स्वर्गिक जीवन मिलेगा और पापी सदा के लिये अभिशापित होंगे।

विनायक : ॐ सिद्धि विनायकाय नमः .।

हिन्दू धर्म के सिद्धान्त के कुछ मुख्य बिन्दु:।

इसमें उद्वरणों का उपयोग दोनों ही बातों (शब्दप्रयोग और अर्थविकास) की प्रमाणिकता सिद्ध करते हैं।

सिद्धि विनायकाय नमः . गंधं धारयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्प पूजां समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . पत्र पूजां समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . ताम्बूलं समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . मंत्र पुष्पं समर्पयामि .।

उदाहरण के लिए, ८वीं शताब्दी के पट्टदकल (कर्नाटक) के स्तम्भ पर सिद्धमात्रिका और तेलुगु-कन्नड लिपि के आरम्भिक रूप - दोनों में ही सूचना लिखी हुई है।

काफी मंथन के बाद सारे विद्वानों ने उन्हें वह दिशा बताई जिधर से स्वर्गरोहण हो सकता था तथा उन्हें बतलाया कि कोई पुण्यात्मा जो सतत् भगवान का स्मरण करता है तथा धर्म के पथ से विचलित नहीं होता है वही स्वर्ग जाने का अधिकारी है।

सिद्धि विनायकाय नमः . ध्यायामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . मंगल आरतीं समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . आचमनीयं समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . आसनं समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . यज्ञोपवीतं धारयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . फलाष्टकं समर्पयामि .।

हालांकि भारत विरोधी विद्वानों ने कई प्रयासों के बावजूद यहां तक कि भ्रामक प्रमाणो के आधार पर भी अपने विचार को सिद्ध नहीं कर पाए।

राजा केदार ने सात महाद्वीपों पर शासन और वे एक बहुत पुण्यात्मा राजा थे।

(२) इसकी सुस्पष्ट व्याकरण और वर्णमाला की वैज्ञानिकता के कारण सर्वश्रेष्ठता भी स्वयं सिद्ध है।

इसी कारण नबी (सल्ल.) शुभकाल में सहाबा या आपकी पुण्यात्मा पत्नियाँ से मनुष्य होने के कारण जब भी कोई भूल - चूक हुई उपसर टोका गया ।

सिद्धि विनायकाय नमः . समस्त राजोपचारान् समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . वस्त्र युग्मं समर्पयामि .।

इस दिन के व्रत और पूजा के संदर्भ में एक अन्य कथा यह है कि रन्ति देव नामक एक पुण्यात्मा और धर्मात्मा राजा थे।

पुण्यात्मा राजा की अनुनय भरी वाणी सुनकर यमदूत ने कहा हे राजन् एक बार आपके द्वार से एक भूखा ब्राह्मण लौट गया यह उसी पापकर्म का फल है।

सिद्धि विनायकाय नमः . अंग पूजां समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . धूपं आघ्रापयामि .।

"महाराजा विक्रमादित्य तुम्हारे जैसा पुण्यात्मा शायद ही कोई हो।

इस मामले में विशेष रूप से नबी (सल्ल.) की पुण्यात्मा पत्नियों के सामने तीन प्रकार की स्त्रियों को उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया गया है।

सिद्धि विनायकाय नमः . कर्पूर नीराजनं समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . अक्षतान् समर्पयामि .।

स्कन्द पूर्वजाय नमः . सिद्धि विनायकाय नमः .।

फ़िर भी, वो मुख्य सिद्धान्त, जो ज़्यादातर हिन्दू मानते हैं, इन सब में विश्वास: धर्म (वैश्विक क़ानून), कर्म (और उसके फल), पुनर्जन्म का सांसारिक चक्र, मोक्ष (सांसारिक बन्धनों से मुक्ति--जिसके कई रास्ते हो सकते हैं) और बेशक, ईश्वर।

सिद्धि विनायकाय नमः . आभरणानि समर्पयामि .।

भीष्म और भगवान कृष्ण सहित कर्ण के समकालीनों ने यह स्वीकार किया है कि कर्ण एक पुण्यात्मा है जो बहुत विरले ही मानव जाति में प्रकट होते हैं।

भावार्थ - वेद बोलने वाला ब्रह्म कह रहा है कि विलक्षण मनुष्य के बच्चे के रूप में प्रकट होकर पूर्ण परमात्मा कविर्देव अपने वास्तविक ज्ञान को अपनी कविर्गिभिः अर्थात कबीर वाणी द्वारा निर्मल ज्ञान अपने हंसात्माओं अर्थात् पुण्यात्मा अनुयायियों को कवि रूप में कविताओं, लोकोक्तियों के माध्यम से वर्णन करते हैं।

सिद्धि विनायकाय नमः . नैवेद्यं निवेदयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पांजलिं समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . अर्घ्यं समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . प्रतिष्ठापयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . आवाहयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . पुनरागमनाय च .।

इसी तरह आदरणीय सहाबा हों या नबी (सल्ल.) की पुण्यात्मा पत्नियाँ, ये सब मनुष्य थे , फ़रिश्ते या परामानव न थे।

सिद्धि विनायकाय नमः . पाद्यं समर्पयामि .।

सिद्धि विनायकाय नमः . पुष्पैः पूजयामि .।

शेक्सपियर द्वारा प्रयुक्त शब्दों की ऐसी अनुक्रमणिका परम प्रसिद्ध है।

हिन्दू धर्म में कोई एक अकेले सिद्धान्तों का समूह नहीं है जिसे सभी हिन्दुओं को मानना ज़रूरी है।

हिन्दू धर्म में सूर्योपासना के लिए प्रसिद्ध पर्व है छठ।

यदि पाप और पुण्य के लिए दंड और पुरस्कार का प्रबंध होता तथा उनको रोकने और करानेवाला कोई ईश्वर होता; और पुण्यात्माओं की रक्षा हुआ करती तथा पापात्माओं को दंड मिला करता तो ईसामसीह और गांधी जैसे पुण्यात्माओं की नृशंस हत्या न हो पाती।

ये कोश रूपविकास और अर्थविकास की ऐतिहासिक प्रमाणिकता के साथ साथ भाषवैज्ञानिक सिद्धांत की संगति ढूँढने का पूर्ण प्रयत्न करते हैं।

सिद्धि विनायकाय नमः . उप हारं समर्पयामि .।

नागरी, सिद्धम और शारदा तीनों ही ब्राह्मी की वंशज हैं।

सिद्धि विनायकाय नमः . दीपं दर्शयामि .।

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