suffixation Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
suffixation ka kya matlab hota hai
प्रत्यय
एक प्रत्यय के माध्यम से एक शब्द का गठन
Noun:
प्रत्यय,
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suffixation शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
‘योग’ शब्द ‘युज समाधौ’ आत्मनेपदी दिवादिगणीय धातु में ‘घं’ प्रत्यय लगाने से निष्पन्न होता है।
फ़ारसी के पदविज्ञान में प्रत्यय प्रबल हैं, हालाँकि उपसर्गों की एक छोटी संख्या है।
फ़ारसी के पदविज्ञान में प्रत्यय प्रबल हैं, हालाँकि उपसर्गों की एक छोटी संख्या है।
‘प्रातिशाख्य’ एवं निरूक्त में शब्दों की व्युत्पत्ति, धातु, उपसर्ग-प्रत्यय आदि विषयों पर वैज्ञानिक विश्लेषण भाषा का वैज्ञानिक अध्ययन कहा जा सकता है।
इसी में ईरानी का ईक प्रत्यय लगने से (हिन्द+ईक) ‘हिन्दीक’ बना जिसका अर्थ है ‘हिन्द का’।
अधिकांश शब्द-रूप मूलशब्द के अन्त में प्रत्यय लगाकर बनाये जाते हैं।
वास्तविकता और संभावना का भेद आदर्श के प्रत्यय को व्यक्त करता है।
‘विज्ञान’ शब्द में ‘वि’ उपसर्ग तथा ‘ज्ञा’ धातु से ‘ल्युट्’ (अन) प्रत्यय लगाने पर बनता है।
इसी में ईरानी का ईक प्रत्यय लगने से (हिन्द+ईक) ‘हिन्दीक’ बना जिसका अर्थ है ‘हिन्द का’।
वास्तविकता और संभावना का भेद आदर्श के प्रत्यय को व्यक्त करता है।
इस प्रत्यय के प्रभाव में हम ऊपर की ओर देखते हैं।
समसामयिक विचारधारा में प्राच्य दर्शन को धर्म-दर्शन माना जाता है और पाश्चात्य दर्शन को भाषा सुधार तथा प्रत्ययों का स्पष्टिकरण कहा जाता है।
रूप-विज्ञान के अन्तर्गत धातु, उपसर्ग, प्रत्यय आदि उन सभी उपकरणों पर विचार करना पड़ता है जिनसे रूप बनते हैं।
इस प्रत्यय के प्रभाव में हम ऊपर की ओर देखते हैं।
अधिकांश शब्द-रूप मूलशब्द के अन्त में प्रत्यय लगाकर बनाये जाते हैं।
बर्कले (1685-1753) ने कहा कि वास्तविकता की अनुभूति पदार्थ के रूप में नहीं वरन् प्रत्यय के रूप में होती है।
अविकारी विभक्ति में संज्ञा का मूल रूप (राम, लरिका, बिटिया, मेहरारू) रहता है और विकारी में बहुवचन के लिए "न" प्रत्यय जोड़ दिया जाता है (यथा रामन, लरिकन, बिटियन, मेहरारुन)।
बर्कले (1685-1753) ने कहा कि वास्तविकता की अनुभूति पदार्थ के रूप में नहीं वरन् प्रत्यय के रूप में होती है।
अवधी में प्राय: भविष्यत् के रूप तव्यत् प्रत्ययांत प्राचीन रूपों पर आश्रित हैं (होइबाउ भवितव्यम्)।
‘योग’ शब्द ‘युज समाधौ’ आत्मनेपदी दिवादिगणीय धातु में ‘घं’ प्रत्यय लगाने से निष्पन्न होता है।
‘विज्ञान’ शब्द में ‘वि’ उपसर्ग तथा ‘ज्ञा’ धातु से ‘ल्युट्’ (अन) प्रत्यय लगाने पर बनता है।
संस्कृत > सम् + सुट् + 'कृ करणे' + क्त, ('सम्पर्युपेभ्यः करोतौ भूषणे' इस सूत्र से 'भूषण' अर्थ में 'सुट्' या सकार का आगम/ 'भूते' इस सूत्र से भूतकाल(past) को द्योतित करने के लिए संज्ञा अर्थ में क्त-प्रत्यय /कृ-धातु 'करणे' या 'Doing' अर्थ में) अर्थात् विभूूूूषित, समलंकृत(well-decorated) या संस्कारयुक्त (well-cutured)।
आधुनिक काल में कांट ने कर्तव्य के प्रत्यय को मौलिक प्रत्यय का स्थान दिया।
समसामयिक विचारधारा में प्राच्य दर्शन को धर्म-दर्शन माना जाता है और पाश्चात्य दर्शन को भाषा सुधार तथा प्रत्ययों का स्पष्टिकरण कहा जाता है।
आधुनिक काल में कांट ने कर्तव्य के प्रत्यय को मौलिक प्रत्यय का स्थान दिया।
suffixation's Meaning':
formation of a word by means of a suffix