suberect Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
suberect ka kya matlab hota hai
सबेरेक्ट
Noun:
प्रजा, अधीन व्यक्ति, समस्या, विषय-वस्तु, विषय,
Verb:
परवश करना, हराना, अधीन करना, वश में करना,
Adjective:
विवश, उपजीवी, आश्रित, शासनाधीन, अधीनस्था,
People Also Search:
subereoussuberise
suberised
suberising
suberose
suberous
subfamilies
subfamily
subfeu
subfeuing
subfield
subform
subframe
subfusc
subfuscs
suberect शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
महासंघ के समय से लेकर ऑस्ट्रेलिया ने एक स्थायी उदार प्रजातांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था का निर्वहन किया और प्रभुता संपन्न राष्ट्र बना रहा।
ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल संघीय शक्ति विभाजन पर आधारित, एक संवैधानिक प्रजातंत्र है।
राजा का अपना प्रिय (स्वार्थ) कुछ नहीं है, प्रजा का प्रिय ही उसका प्रिय है।
भारत की भाषाएँ हिन्दू शब्द किसी भी ऐसे व्यक्ति का उल्लेख करता है जो स्वयं को सांस्कृतिक रूप से, मानव-जाति के अनुसार या नृवंशतया (एक विशिष्ट संस्कृति का अनुकरण करने वाले एक ही प्रजाति के लोग), या धार्मिक रूप से हिंदू धर्म से या सनातन धर्म जुड़ा हुआ अनुकरण हैं।
प्रेक्षक परिणामी, महंगे कपड़े देखता है लेकिन उस सीमा का गलत अनुमान लगा सकता है जिस तक प्रेक्षण अधीन व्यक्ति पर ये कारक लागू होते हैं।
कुछ अनुमान अधीन व्यक्तियों वास्तव में आत्ममोह या जैसे कम आत्मसम्मान और अभिनय से पीड़ित हैं एक ध्यान हासिल करने के क्रम में "दानव व्यक्ति के पास।
उसे मन्त्रिपरिषद् की सहायता प्राप्त करके ही प्रजा पर शासन करना होता है।
तब उन विपत्तियों केकाल्पनिक नियंत्रक देवताओं यथा मरुत, अग्नि, रुद्र आदि को तुष्ट व प्रसन्न करने के अनुष्ठान किए जाते थे और उनसे प्रार्थना की जाती थी कि ऐसी विपत्तियों को आने न दें और उनके आने पर प्रजा की रक्षा करें।
वैदिक काल के मुख्य देव थे-- इन्द्र, अग्नि, सोम, वरुण, रूद्र, विष्णु, प्रजापति, सविता (पुरुष देव) और देवियाँ-- सरस्वती, ऊषा, पृथ्वी, इत्यादि (कुल 33)।
योग दर्शन के अनुसार ईश्वर ही प्रजापति औत इन्द्र जैसे देवताओं और अंगीरा जैसे ऋषियों के पिता और गुरु हैं।
सम्पूर्ण समाज की रक्षा राजनीति या दण्ड व्यवस्था से होती है या रक्षित प्रजा ही अपने-अपने कर्त्तव्य का पालन कर सकती है।
प्रजा सुखे सुखं राज्ञ: प्रजानां च हिते हितम्।
अर्थात्-प्रजा के सुख में राजा का सुख है, प्रजाके हित में उसका हित है।
नात्मप्रियं प्रियं राज्ञ: प्रजानां तु प्रियं प्रियम्॥'' (1/19)।
प्रजापति कश्यप का निघण्टु संसार का प्राचीनतम शब्द संकलन है।
इस अर्थशास्त्र में एक ऐसी शासन-पद्धति का विधान किया गया है जिसमें राजा या शासक प्रजा का कल्याण सम्पादन करने के लिए शासन करता है।