stretto Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
stretto ka kya matlab hota hai
जलडमरूमध्य
Noun:
मुहल्ला, कूचा, पथ, मार्ग, गली, सड़क,
People Also Search:
strewstrewage
strewed
strewing
strewings
strewn
strews
stria
striae
striate
striated
striated muscle fiber
striated muscle tissue
striation
striations
stretto शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
काजवली चक – यह मुहल्ला शाहजहाँ काल के मशहूर काज़ी काजी काजवली के नाम पर पड़ा ।
डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा "शाहजहाँपुर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर" 1999 प्रतिमान प्रकाशन, 30 कूचा राय गंगा प्रसाद, इलाहाबाद 211003 भारत.।
यह प्राचीन कूचा शहर के पास से निकलती है जहाँ यह चुएलेताग़ पर्वतों में एक तंग घाटी बनाती है।
आसानन्दपुर – यह भागलपुर स्टेशन से नाथनगर जाने के रास्ते मे हैं शाह शुजा के काल मे सैयद मुर्तजा शाह आनंद वार्शा के नाम पर यह मुहल्ला असानंदपुर पड़ गया ।
वाशिंगटन चौक के पश्चिम की ओर एक छोटा-सा मुहल्ला है जिसमें टेढ़ी-मेढ़ी गलियों के जाल में कई बस्तियां बसी हुई हैं।
डॉ॰ एन० सी० मेहरोत्रा "शाहजहाँपुर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर" 1999 प्रतिमान प्रकाशन, 30 कूचा राय गंगा प्रसाद, इलाहाबाद 211003 भारत।
सूजा गंज – यह मुहल्ला औरंगजेव के भाई शाह सूजा के नाम पर पड़ा है ।
मध्य एशिया की नदियाँ कूचा (Kucha या Kuqa) या कूचे या कूचार या (संस्कृत में) कूचीन मध्य एशिया की तारिम द्रोणी में तकलामकान रेगिस्तान के उत्तरी छोर पर और मुज़ात नदी से दक्षिण में स्थित एक प्राचीन राज्य का नाम था जो ९वीं शताब्दी ईसवी तक चला।
यहाँ के ईंट-पत्थरों को निकालकर वाराणसी का एक मुहल्ला ही बस गया।
हिन्दी साहित्य जाजमऊ (Jajmau) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर शहर का एक मुहल्ला है।
चौधरी जबरदस्त खाँ का परिवार मूलतः असौड़ा गाँव का रहने वाला था जो अपनी जमींदारी होने के कारण बाद में हापुड़ के मुहल्ला भण्ड़ा पट्टी में रहने लगे।
:बस यह हुआ कि आख़री लम्हा भी आ गया, दिल का तवाफ़ कूचा-ए-दिलबर नहीं रुका।
यह शिजियंग के आक़्सू विभाग के कूचा क्षेत्र में बोली जाती थी और कुछ हद तक तुषारी 'ए' के क्षेत्र में भी बोली जाती थी।
ये कूचा मेरा जाना पहचाना है।
कूचा रेशम मार्ग की एक शाखा पर स्थित था जहाँ से इसपर भारत, सोग़्दा, बैक्ट्रिया, चीन, ईरान व अन्य क्षेत्रों का बहुत प्रभाव पड़ा।
कूण (N.Z.A.), नैनीताल तहसील कूचा, पिथौरागढ (सदर) तहसील में भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ मण्डल के पिथोरागढ जिले का एक गाँव है।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि समय के साथ सोग़दा में काफ़ी नैतिक पतन हुआ और कूचा और ख़ोतान में स्त्रियों की बेच-ख़रीद होती थी।
आगे चलकर यह क्षेत्र तुर्की-मूल की उईग़ुर ख़ागानत के क़ब्ज़े में आ गया और कूचा राज्य नष्ट हो गया।
कूचा, तोक्सू और शायार ज़िलों को यहाँ से सिन्चाई का पानी भेजा जाता है।
सिकंदर पुर – बंगाल के सुल्तान सिकंदर के नाम पर यह मुहल्ला बसा ।
दुर्भाग्यवश 1794 ई. में जगत सिंह के आदमियों ने काशी का प्रसिद्ध मुहल्ला जगतगंज बनाने के लिए इसकी ईंटों को खोद डाला था।
मुहल्ला भण्डा पट्टी, हापुड़ में इनके वंशज आज भी रह रहे हैं।
जैसे बीसाना पाड़ा, पतुरियों का मुहल्ला तथा चूड़ीगर अलग-अलग व्यावसायियों के अलग-अलग मौहल्लों में रहने से यहाँ प्रत्येक मोहल्ले में पृथक-पृथक बाजारों का प्रादुर्भाव हुआ।