straint Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
straint ka kya matlab hota hai
मोच
Noun:
घोर परिश्रम, मोच, ऐंठन, मांग, थकान, ज़ोरदार प्रयास, खिंचाव, तनाव,
Verb:
छानना, अधिक श्रम से थकाना, कसकर तानना,
People Also Search:
straitstrait and narrow
strait laced
strait of dover
strait of georgia
strait of gibraltar
strait of hormuz
straited
straiten
straitened
straitening
straitens
straitest
straitjacket
straitjackets
straint शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
वह वछन बुध था और अन्थ वह अप्ने घोर परिश्रम से सफल भि थ।
मंदिर स्थित विन्ध्यावशनी देवी के दर्शन करने के पश्चात् भक्त संकट मोचन मंदिर जाते हैं।
देवी काली और संकट मोचन के दर्शन करने के बाद भक्त अपनी परिक्रमा संत करनागिरी बावली के दर्शन करके पूरी करते हैं।
(पाप मोचनेश्वर महादेव)नउवा पेखरा तेलियाना।
इन्होने कई एल्बम जैसे धूम, फिर धूम और गली का मोचन किया।
मोचे अपने चतुर धातुकर्म, सुंदर इमारतों, शुष्क क्षेत्र को उर्वरक बनाने के लिए सिंचाई प्रणाली का प्रयोग और बर्तनों की कलाकृति के लिए जाने जाते थे।
इसके अतिरिक्त अन्य जाति के लोग जैसे: कायस्थ, मुस्लिम, धोबी, नाई, बढई, खतबे, धानुक, मोची, मल्लाह, इत्यादि भी हैं।
डब्ल्यू एस करुणातिलके तथा जेम्स गेयर ने १९५५ से २०१२ तक घोर परिश्रम से इसका अनुवाद किया है।
जनसाधारण के कृषि दासों के रूप में खेतों पर घोर परिश्रम करते थे।
इस प्रकार अन्त तक घोर परिश्रम पूर्वक ऋषि दयानन्द के मन्तव्य के अनुसार पाणिनीय व्याकरण का अध्यापन एवं वैदिक ग्रन्थों के शोध पर कार्य करते हुए उन्होंने २२ दिसम्बर सन् १९६४ को प्रात: दो बजे अपनी इहलीला समाप्त की।
ब्राह्मण, क्षत्रिय, सैनिक, व्यापारी किसान, रँगरेज, बढ़ई, रसोइए, मोची, ग्वाले, चरवाहे, गड़रिये, बुनकर, कुम्हार आदि सैकड़ों पेशेवर लोगों से मिलजुलकर पाणिनि ने उनके विशेष पेशे के शब्दों का संग्रह किया।
अमेरिका से लौटकर उन्होंने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा था-"नया भारत निकल पड़े मोची की दुकान से, भड़भूँजे के भाड़ से, कारखाने से, हाट से, बाजार से; निकल पडे झाड़ियों, जंगलों, पहाड़ों, पर्वतों से।
उसके बाद दैत्यगुरु शुक्राचार्य के आदेशानुसार दैत्यों ने अमृत को वापस लेने के लिए जयन्त का पीछा किया और घोर परिश्रम के बाद उन्होंने बीच रास्ते में ही जयन्त को पकड़ा।
इनमें से कुछ संस्कृतियों में वारी, पराकास, नाज़का और प्रसिद्ध मोच और चिमु शामिल थे।
शहर से लगभग शिमला-कालका राजमार्ग पर संकट मोचन नामक एक और हनुमान जी का मंदिर स्थित है, जो इसके आसपास के क्षेत्रों में पाए जाने वाले कई बंदरों के लिए प्रसिद्ध है।