spart Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
spart ka kya matlab hota hai
बचाता
Noun:
नाटक के पात्र का नियोग, अवयव, खंड, अंश, ओर, हिस्सा, भाग,
Verb:
विभाजित करना, बिदा होना, हिस्सा लगाना, तोड़कर अलग करना, जुदा होना, अलगाना, बाँटना, विभाग करना,
People Also Search:
spartaspartan
spartanly
spartans
sparterie
sparths
sparts
spas
spasm
spasmatic
spasmic
spasmodic
spasmodical
spasmodically
spasmodist
spart शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
हृदय शरीर का अत्यन्त संवेदनशील अंग है तथा सारे जीवन बिना क्षणभर विश्राम किए हुए ही निरन्तर सक्रिय रहकर समस्त अवयवों को रक्त तथा पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।
साहित्य अकादमी फ़ैलोशिप से सम्मानित सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं।
জজজ ध्वनियों के उच्चारण, अवयव, स्थान, प्रयत्न आदि का इन ग्रन्थों में विस्तृत वर्णन उपलब्ध है।
ऐसे नियमों के निर्माण के पहले, प्रारंभ में ही पाणिनि उन सम्बन्धित अवयवों का उल्लेख कर बता देते हैं कि आगे एक निश्चित सूत्र तक इन अवयवों का अधिकार रहेगा।
इसमें बीजों, अर्थात् मूलभूत अवयवों, से परिकलन (calculation) किया जाता है।
इन तंत्रों में अवयवों के संयोजन (combination) सम्बन्धी अलग अलग नियम होते हैं, जिनसे अन्य अवयव बनते हैं।
व्याकरण के कुछ अवयवों यथा धातु, प्रत्यय, उपसर्ग के विवेचन मे, पाणिनि को अनेक नियमों (सूत्र) की आवश्यकता पड़ी।
इस प्रकार भाषा की परिभाषा करते हुए हम उसे मानव-समाज में विचारों और भावों का आदान-प्रदान करने के लिए अपनाया जाने वाला एक माध्यम कह सकते हैं जो मानव के उच्चारण अवयवों से प्रयत्नपूर्वक निःसृत की गई ध्वनियों का सार्थक आधार लिए रहता है।
पाणिनि ने संस्कृत भाषा के तत्कालीन स्वरूप को परिष्कृत एवं नियमित करने के उद्देश्य से भाषा के विभिन्न अवयवों एवं घटकों यथा ध्वनि-विभाग (अक्षरसमाम्नाय), नाम (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण), पद, क्रिया, वाक्य, लिंग इत्यादि तथा उनके अन्तर्सम्बन्धों का समावेश अष्टाध्यायी के 32 पादों में, जो आठ अध्यायों में समान रूप से विभक्त हैं, किया है।
चीनी भाषा में इसके लिए ट्मैन-यूँ (अर्थात् दैवी अवयव), जापानी में किगेनसी हो (अर्थात् अज्ञातबोधी), इतालवी में आर्स मेग्ना (अर्थात् महान कला) प्रयुक्त हुआ।
इन अवयवों को वे पूर्व में ही संज्ञा रूप में परिभाषित कर चुके हैं।
अनादि वैदिक परम्परा में मन्त्र, ब्राह्मण, आरण्यक और उपनिषद एक ही वेद के चार अवयव है।