soilless Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
soilless ka kya matlab hota hai
मृदुल
Adjective:
उत्साहहीन, तुच्छ, बेरहम, संगदिल,
People Also Search:
soilssoilure
soily
soiree
soirees
soja
sojas
sojourn
sojourned
sojourner
sojourner truth
sojourners
sojourning
sojournment
sojourns
soilless शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
पूर्व अवस्था में व्यक्ति जितना निरर्थक अतिकार्यशील होता है उतना ही दूसरी अवस्था में उत्साहहीन और आलसी हो जाता है।
अनादर करना- अवज्ञा करना, अपमान करना, उपेक्षा करना, तुच्छ समझना, अवहेलना करना, तिरस्कार करना, हेय समझना, निरादर करना।
नैतिक पतन तथा उत्साहहीनता ने उस सदी में इटली को आक्रांत कर रखा था।
एक हत्यारा या एक तुच्छ जीव अपना ही कोई फिर से जन्मा पूर्वज भी हो सकता है इसलिए उनकी भी सहायता करनी चाहिए।
लेनार्ड को आज एक मजबूत जर्मन राष्ट्रवादी के रूप में याद किया जाता है जिसने अंग्रेजी भौतिकी को तुच्छ माना और जो उसे जर्मनी से उनके विचारों के चोरी के रूप में देखते थे।
इसके लिये चिकित्साकर्म में अत्यंत व्यग्रता न दिखानी चाहिए और न रोगियों को नैसर्गिक शक्ति के भरोसे ही छोड़ना, या उत्साहहीन चिकित्सा करनी, चाहिए।
'आत्मदर्शन' के लिए विश्व की सभी छोटी-बड़ी, तात्विक तथा तुच्छ वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त करना सामान रूप से आवश्यक है।
चाहे आरोप तुच्छ हों या गंभीर, अदालत के लेखक शिकायत, गवाही और मामले के फैसले को भविष्य में संदर्भ के लिए लिखकर संकलित कर लेते थे।
रणजीत राय (सदाशिव अमरापुरकर) और हरबंस लाल (दलीप ताहिल) दो अमीर व्यापारी हैं जो गरीबों को तुच्छ मानते हैं।
धारा 95 तुच्छ अपहानि कारित करने वाला कार्य।
हालांकि फ़िल्म को टिकट खिड़की पर उत्साहहीन प्रतिक्रिया मिली पर कैटरीना के अभिनय को समीक्षकों ने सराहा।
X-मेन ऑरिजिंस: वूल्वरिन पर समीक्षकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही, जिन्होंने फिल्म और इसकी पटकथा को उत्साहहीन माना, लेकिन ह्यू जैकमैन के प्रदर्शन की प्रशंसा की।
संदर्भ का भ्रम : ऐसे भ्रम में भ्रमित व्यक्ति को अपने चारों तरफ़ होने वाली तुच्छ टिप्पणियों, घटनाओं या वस्तुओं में व्यक्तिगत अर्थ या महत्त्व नज़र आता है।
' ज्ञान को ही कुछ लोगों तक सीमित रखने की उनकी इस प्रवृत्ति तथा घमण्ड के कारण तथा किसी और स्रोत से प्राप्त ज्ञान को तुच्छ समझने के कारण भारतवर्ष इस मामले में पिछड़ गया।
अकस्मात् उदर के ऊपरी भाग में उग्र पीड़ा, अवसाद (उत्साहहीनता) के से लक्षण, नाड़ी का क्षीण हो जाना, ताप अत्यधिक या अति न्यून, ये प्रारंभिक लक्षण होते हैं।
विकासात्मक मनोविज्ञान और संज्ञानात्मक तंत्रिकाविज्ञान में धैर्य का अध्ययन निर्णयन समस्या के रूप में किया जाता है, जहाँ चयन इस बात का होता है कि व्यकित तात्कालिक या लघु-आवधिक तुच्छ पुरस्कार को वरीयता देता है या दीर्घकालिक अधिक मूल्यवान प्रतिदान को।
एक बार जो त्याग के मार्ग पर आगे ब़ढ चुका है, उसे भला इन तुच्छ चीजों का क्या भय हो सकता है।