sindhis Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
sindhis ka kya matlab hota hai
सिंधियों
एक देशी या सिंध का निवासी
Noun:
सिंधी,
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sindhis शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
राज्य निवासियों द्वारा 0.1% से कम बोली जाने वाली भाषाओं में गुजराती (0.09%), सावरा (0.09%), कोया (0.08%), जटपु (0.04%), पंजाबी (0.04%), कोलमी (0.03%), कोंडा (0.03%), गडबा (0.02%), सिंधी (0.02%), गोरखाली/नेपाली (0.01%) और खोंड /कोंध (0.01%) शामिल हैं।
यहां की जनसंख्या में पाकिस्तान से विस्थापित हुए सिंधियों का भी समावेश है जिन्हें देश के बंटवारे के बाद यहां बसाया गया था।
जल-ज्योति, वरुणावतार, झूलेलाल सिंधियों के ईष्ट देव हैं जिनके बागे दामन फैलाकर सिंधी यही मंगल कामना करते हैं कि सारे विश्व में सुख-शांति, अमन-चैन, कायम रहे और चारों दिशाओं में हरियाली और खुशहाली बने रहे।
राज्य की आधिकारिक भाषा हिंदी और सिंधी है।
'धड़ेली' (धर थल मरुभूमि) जिला नवाबशाह और जोधपुर की सीमा तक व्याप्त है जिसमें मारवाड़ी और सिंधी का सम्मिश्रण है।
पालि, प्राकृत, मारवाड़ी/मेवाड़ी, अपभ्रंश, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, राजस्थानी, सिंधी, कश्मीरी, मैथिली, भोजपुरी, नेपाली, मराठी, डोगरी, कुरमाली, नागपुरी, कोंकणी, गुजराती, बंगाली, ओड़िआ, असमिया।
यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हिन्दी हैं।
ये हैं भिवंडी (हथकरघों के लिए प्रसिद्ध), कल्याण (रेलवे जंक्शन), उल्हासनगर (परवासी सिंधियों की आवादी), अंबरनाथ (रसायन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध), वसई (समुद्र तट पर बसे होने व किले के लिए प्रसिद्ध), पालघर (फलों के लिए प्रसिद्ध), तारापुर (भारत का पहला परमाणु विद्युत केंद्र) और दहानु (एक शैक्षणिक केंद्र) आदि।
सिंध पाकिस्तान का सबसे धनी प्रांत है और देश के राजस्व का 70 प्रतिशत सिंध से हासिल होता है लेकिन सिंधियों का उस पर कोई अधिकार नहीं है.।
इन तीनों सीमावर्ती बोलियों में प्रधान तत्व सिंधी ही का है।
भारत के विभाजन के बाद इन बोलियों के क्षेत्रों में सिंधियों के बस जाने के कारण सिंधी का प्राधान्य और बढ़ गया है।
पहाड़ी भाषाएँ सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से सिन्ध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है।
बाद में 1730 के दशक में, सिंधियों ने ग्वालियर पर कब्जा कर लिया| फिर सन 1740 मे गोहद के जाट राजा भीम सिंह राणा ग्वालियर को जीत लिया और कई बर्षों तक यहां शासन किया| फिर दुबारा सिंधियों ने ग्वालियर पर कब्जा कर लिया और ब्रिटिश शासन के दौरान यह एक रियासत बना रहा।
* चक्क नम्बर छत्ती (१९६४) हिन्दी, अंग्रेजी, सिंधी और उर्दू में अनूदित,।
झुलेलाल - सिंधियों के भगवान।
तत्कालीन सिंधियों के रीति-रिवाज, कबायली संगठन और अन्य आर्थिक तथा सामाजिक स्थितियों का इस किस्से से परिचय मिल जाता है।
इसके शासक राणा रतन सिंह को अंग्रेजों ने सिंधियों के अधिकारों के लिए खड़े होने के लिए इस किले पर लटका दिया था।
यहाँ पर सिंधियों का जामोट (, Jamote) समुदाय भारी संख्या में है।
दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं उसे अन्य भाषाओं में अलग-अलग नामों से पुकार जाता है जैसे : 'दीपावली' (उड़िया), दीपाबॉली'(बंगाली), 'दीपावली' (असमी, कन्नड़, मलयालम:ദീപാവലി, तमिल:தீபாவளி और तेलुगू), 'दिवाली' (गुजराती:દિવાળી, हिन्दी, दिवाली, मराठी:दिवाळी, कोंकणी:दिवाळी,पंजाबी), 'दियारी' (सिंधी:दियारी), और 'तिहार' (नेपाली) मारवाड़ी में दियाळी।
* बंद दरवाज़ा (१९६१) हिन्दी, कन्नड़, सिंधी, मराठी और उर्दू में अनूदित,।
इन दोनों नामों से विदित होता है कि सिंधी के मूल में अनार्य तत्व पहले से विद्यमान थे, भले ही वे आर्य प्रभावों के कारण गौण हो गए हों।
"हैदराबादी" के रूप में संदर्भित, हैदराबाद के निवासी मुख्य रूप से तेलुगु और उर्दू बोलने वाले लोग हैं, जिनमें अल्पसंख्यक बंगाली, गुजराती (मेमन सहित), कन्नड़ (नावाथी सहित), मलयालम, मराठी, मारवाड़ी, ओडिया, पंजाबी, सिंधी, तमिल और उत्तर हैं।
पाकिस्तान के गठन के समय पश्चिमी क्षेत्र में सिंधी, पठान, बलोच और मुजाहिरों की बड़ी संख्या थी, जिसे पश्चिम पाकिस्तान कहा जाता था, जबकि पूर्व हिस्से में बंगाली बोलने वालों का बहुमत था, जिसे पूर्व पाकिस्तान कहा जाता था।
उस समय पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में हिन्दू सिंधियों पर अत्यधिक अत्याचार हुवे और लाखों सिन्धी शरणार्थी बनकर भारत आए।
उनमें से करीब एक लाख सिंधियों को कल्याण से ५ कि. मी. की दुरी पर स्थित सैनिक कैंप में रखा गया।
सिंधियों के जन्माक्षर देवनागरी लिपि में लिखे जाते थे।
कच्छी (कच्छ, काठियावाड़ में) गुजराती और सिंधी का एवं 'लासी' (लासबेला, बलोचिस्तान के दक्षिण में) बलोची और सिंधी का सम्मिश्रित रूप है।
sindhis's Meaning':
a native or inhabitant of Sind