shisha Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
shisha ka kya matlab hota hai
हुक्का
Noun:
शीश,
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shisha शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
और ऐ हुक्काम (वक़्त) अगर तुम्हें मियाॅ बीवी की पूरी नाइत्तेफ़ाक़ी का तरफै़न से अन्देशा हो तो एक सालिस (पन्च) मर्द के कुनबे में से एक और।
कुरुक्षेत्र युद्ध में अर्जुन ने जयद्रथ का शीश काट कर वध किया था।
मेहरानगढ़ दुर्ग, 125 मीटर ऊंचा औऱ 5 किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ, भारत के बड़े दुर्गों में से एक है जिसमें कई सुसज्जित महल जैसे मोती महल, फूल महल, शीश महल स्थित हैं।
एक दिन उनके मामा के एक शिष्य ने काफी रात गए उन्हें जगाया और हुक्का भर कर लाने का आदेश दिया।
Image:asif_musicians_1812.jpg|गद्दी पर बैठे पुरुष गायकों को सुनते हुए हुक्का पीते हुए नवाब आसफ़ुद्दौला, c.१८१२।
उन्होंने जीवन भर श्वेत वस्त्र पहना, तख्त पर सोईं और कभी शीशा नहीं देखा।
वैशाली जन का प्रतिपालक, विश्व का आदि विधाता, जिसे ढूंढता विश्व आज, उस प्रजातंत्र की माता॥रुको एक क्षण पथिक, इस मिट्टी पे शीश नवाओ,राज सिद्धियों की समाधि पर फूल चढ़ाते जाओ|| (रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियाँ)।
(२) नेवारी - "बसया दुने चुरठ त्वना दी मते" - हिंदी : बसका (बसया) ऊपर बैठ (दुने) सिगरेट खींचना या कश लेना ("चुरठ त्वना" बंगला का हुक्का टान्ना के समान) जीमत (दीमते)।
विषयों के अनुसार पहेलियों को सात प्रमुख वर्गों में बाँटा जा सकता है, यथा: खेती-संबंधी (कुआँ, मक्के का भुट्टा), भोजन संबंधी (तरबूज, लाल मिर्च), घरेलू वस्तु संबंधी (दीया, हुक्का, सुई, खाट), प्राणि संबंधी (खरगोश, ऊँट,) अंग, प्रत्यंग सबंधी (उस्तरा, बंदूक)।
इसमें मुगल व राजपूत वास्तुकला का मिश्रित है, बारीक ढंग से नक्काशी की हुई जाली की चिलमन, बारीक शीशों और गचकारी का कार्य और चित्रित व नक्काशीदार निचली दीवारें।
जैसे बीड़ी, हुक्का, गुल, गुड़ाकु, जर्दा, किमाम, खैनी, गुटखा आदि के रूप में।
अकबर के राज्य सचिव एवं आइने-अकबरी के लेखक अबुल फ़जल ने इस जगह को कागज, पत्थर तथा शीशे का सम्पन्न औद्योगिक केन्द्र के रूप में वर्णित किया है।
दोषी व्यक्ति द्वारा पंचायत फैसला नहीं माने जाने पर ग्राम पंचायत उसका हुक्का-पानी बंद करने, गाँव समाज निकाला करने, लेन-देन पर रोक आदि का हुक्म करती है।
शीशे की तरह साफ पानी के नीचे जलीय पौधे व रंगीन मछलियों को तैरते देखकर पर्यटक अपनी बाहरी दुनिया को अक्सर भूल जाते हैं।
किले के भीतर शीश महल, आलमगीर गेट, नौलखा पेवेलियन और मोती मस्जिद देखी जा सकती है।
दोषी व्यक्ति द्वारा पंचायत फैसला नहीं माने जाने पर ग्राम पंचायत उसका हुक्का-पानी बंद करने, गाँव समाज निकला करने, लेन-देन पर रोक आदि का हुक्म करती है।
गुजरात की संस्कृति में मुख्यत: शीशे का काम तथा 'गरबा' एवं 'रास' नृत्य पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
इस किले की मुख्य इमारतों में मोती मस्जिद, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जहाँगीर महल, खास महल, शीश महल एवं मुसम्मन बुर्ज आते हैं।
निदान उन्हें हुक्का भरने के काम में लगा दिया गया।
यहां लौह अयस्क, तांबा, चांदी, शीशा, यूरेनियम और प्राकृतिक गैस भी पाई जाती है।
स्वामी जी महाराज अपनी प्रिय शिष्या बुक्की में आते थे और सत्संग करते थे, सत्संग के बाद पहले की तरह हुक्का भी पीते थे।
तम्बाकू के आगमन से पहले, मध्य पूर्व में भांग का धूम्रपान आम था तथा यह एक सामान्य सामाजिक गतिविधि थी जो एक पानी के पाइप के इर्द गिर्द केन्द्रित थी, जिसे हुक्का कहते थे।
जिनमें आम, महुआ, कटहल, लीची, जामुन, शीशम, बरगद, शहतूत आदि की प्रधानता है।
इन्हीं सिद्धांतों को न जानने के कारण बाजारू चित्रकार शीशे आदि पर जो चित्र बनाते हैं वे खेलवाड़ से जान पड़ते हैं।
पंच लोग दूसरे गाँव से पंचलाइट जलाने के लिये किसी को बुलाने की बेइज्ज़ती से बचने के लिये अंततः गोधन को माफ कर देते हैं और उसका हुक्का-पानी बहाल कर दिया जाता है।