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scrog Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


scrog ka kya matlab hota hai


स्क्रोग

Noun:

ख़ुत्था, कंठ, गरदन, गला, ठूंठ,



scrog शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



भाषा मुख से निकलने वाली ध्वनि को कहते हैं अतः भाषा-विज्ञान में हवा भीतर से कैसे चलती है, स्वरयंत्र, स्वरतंत्री, नासिकाविवर, कौवा, तालु, दाँत, जीभ, ओंठ, कंठ, मूर्द्धा तथा नाक के कारण उसमें क्या परिवर्तन होते हैं तथा कान द्वारा कैसे ध्वनि ग्रहण की जाती है, इन सबका अध्ययन करना पड़ता है।

बनारस घराने के सामता प्रसाद मिश्र (गुदई महराज), अनोखेलाल मिश्र, कंठे महराज और किशन महाराज (2002 में पद्म विभूषण से सम्मानित) उल्लेखनीय हैं।

अपनी कोकिल कंठता के कारण ही उन्हें 'मैथिल कोकिल' कहा जाता है।

कबीर जी ने रोने कि लीला की, तब रमानंद जी ने झुककर उनको गोदी में उठाना चाहा, उस दौरान उनकी (रमानंद जी की) कंठी कबीर जी के गले में आ गिरी।

८ वर्ष तक की आयु में वे 'अमर कोश' 'सिद्धरुपम' 'श्रीरामोदन्तम' आदि ग्रन्थ कंठस्थ कर चुके थे और रघुवंश महाकाव्य के कई श्लोक पढ चुके थे।

জজজ अहमदाबाद, अमरेली, बनास कंठा, भरूच, भावनगर, डेंग, गाँधीनगर, खेड़ा, महेसाणा, पंचमहल, राजकोट, साबर कंठा, सूरत सुरेंद्रनगर, वडोदरा, महीसागर, वलसाड, नवसारी, नर्मदा, दोहद, आनंद, पाटन, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़ और कच्छ, प्रत्येक ज़िले का राजस्व और सामान्य प्रशासन ज़िलाधीश की देखरेख में होता है, जो क़ानून और व्यवस्था भी बनाए रखता है।

इस में उन्मादिनी, असमंजस, अभियुक्त, सोने की कंठी, नारी हृदय, पवित्र ईर्ष्या, अंगूठी की खोज, चढ़ा दिमाग, व वेश्या की लड़की कुल ९ कहानियां हैं।

मैथिली मिश्रित ब्रजी असम के शंकरदेव के कंठ से भी फूट पड़ी।

उत्तर भारतीय आन्ध्र-तैलंग-भट्ट-वंशवृक्ष (भाग-2) संपादक स्व. पोतकूर्ची कंठमणि शास्त्री और करंजी गोकुलानंद तैलंग द्वारा 'शुद्धाद्वैत वैष्णव वेल्लनाटीय युवक-मंडल', नाथद्वारा, वि. सं. 2007।

जैसे,—नासा, कंठ, उर, तालु, जीभ और दाँत इन छह स्थानों में उत्पन्न होने के कारण पहला स्वर षड्ज कहलाता है।

इस कार्य के लिए ज़ैद ने उन तमाम पन्ने जिन्हें हड्डी पर, पत्तों पर, पत्थरों पर लिखा गया था और कई लोग कंठस्त भी किये थे उन सब का क्रोडीकरण किया।

वह एक ही बार में गुरु-मुख से जो सुन लेता, उसे वह कंठस्थ हो जाता।

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