rypeck Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
rypeck ka kya matlab hota hai
रिपेक
Noun:
भोजन, बोसा, छोटा चुम्मा, अनेकता, अधिक संख्या, दो गैलन की तौल,
Verb:
कंकर डालना, ठोंगना, चोंच से उठाकर खाना, चुगना, पत्थर फेंकना, चोंच मारना,
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rypeck शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
दिन-रात प्रसाद और भोजन की व्यवस्था रहती है।
चावल-दाल-सब्जी और रोटी बिहार का सामान्य भोजन है।
साधक के चित्त् में जब चलते, बैठते, सोते और भोजन करते समय हर समय ब्रह्म का ध्यान रहे इसी को लययोग कहते हैं।
परिक्रमा अवधि में शाकाहारी भोजन करने का विधान है।
जो कण इस सिध्दांत का पालन करते है, फर्मिऑन कहलाते है, जैसे: इलेक्ट्रॉन, प्राणु, न्यूट्रॉन इत्यादि ; एवं जो कण इस सिध्दांत का पालन नहीं करते है, बोसॉन कहलाते है, जैसे: फोटॉन, ग्लुऑन, गेज बोसान।
भोजन, वस्त्र और आश्रय मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताएं हैं जो किसी भी देश, काल या परिस्थिति में प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य होती हैं।
धरती में मनुष्य के लिए कई उपयोगी कई जैविक उत्पादों जैसे भोजन, लकड़ी, औषधि, ऑक्सीजन और कई जैविक अपशिष्टों के पुनर्चक्रण सहित का उत्पादन होता है, भूमि आधारित पारिस्थितिकी तंत्र, ऊपरी मिट्टी और ताजे पानी पर निर्भर करता है, और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र जमीन से बाह कर आये पोषक तत्वों पर निर्भर करता है।
रूसो, काण्ट, हीगल, ग्रीन, बोसांके, लास्की, ओकशॉट एवं लियोस्ट्रास की रचनाओं में प्लेटो के विचारों की स्पष्ट झलक दिखाई देती है।
हीगेल तथा उसके आंग्ल अनुयायियों (ग्रीव, बोसांके आदि) पर उसका प्रभाव स्पष्ट है।
यह बोसासू दर्रे द्वारा बसपा घाटी से जुड़ा हुआ है।
बाद में, परिवार के सदस्य और आमंत्रित मित्रगण भोजन और मिठायों के साथ रात को दीपावली मनाते हैं।
समकालीन प्रमुख रचनाएँ, बी0 बोसांके की "दि प्रिंसिपल ऑव इंडीविजुएलटी ऐंड वेल्यू" (1912); डब्ल्यू0 आर0 सरले की "मारल वेल्यूज" (1918) और "दि आइडिया ऑव गॉड" (1921), एस0 एलेक्जेंडर की "स्पेस, टाइम एण्ड डाइटी"(1920), एन0 ह्वाइटमैन की "एथिके" (1926), आर0 वी0 पेरी की "जनरल थ्योरी ऑव वेल्यू" (1926) और जे0 लेयर्ड की "दि आइडिया ऑफ वेल्यू" आदि पुस्तकें है।
दूसरे दिन 'कुकुर तिहार' पर, कुत्तों को अपनी ईमानदारी के लिए भोजन दिया जाता है।
इसके विपरीत, ऊर्जा कण का द्रव्यमान नही होता है, स्वाभाविक रूप से यह जगह भी नहीं घेरता है, ना ही यह पॉली के अपवर्जन सिद्धान्त का पालन करने के लिए बाध्य है, यह बोसान कहलाते हैं।
अपनी माता की इच्छाओं के बारे में जो कुछ उन्होंने पढा था उसे सीधे अपनाने की बजाय उन्होंने बौद्धिकता से शाकाहारी भोजन का अपना भोजन स्वीकार किया।
इनमे से बोसान सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर ही हैं।
१९८६ में निधन कार्लो रुबिया ( Carlo Rubbia ; जन्म ३१ मार्च, १९३४) इटली के कण भौतिकविज्ञानी एवं आविष्कारक हैं जिनको डब्ल्यू एवं जेड बोसान के आविष्कार के लिये १९८४ का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार साइमन फॉन दर मीर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया था।
उन्होंने कुछ शाकाहारी भोजनालयों की ओर इशारा किया।
भौतिक शास्त्र में दो प्रकार के अणु माने जाते हैं - बोसान और फर्मियान।
उन्होंने सादा शाकाहारी भोजन खाया और आत्मशुद्धि के लिये लम्बे-लम्बे उपवास रखे।
मानक मॉडल मैं १७ तरह के प्ररम्भिक कन परिभाषित किये गये हैं, १२ फर्मियान (प्रतिकन सहित २४), ४ सदिश बोसान (प्रतिकन सहित ५) तथा एक अदिश बोसान कन।
इसके पश्चात् रोबोरतेलो, ब्वायलो, हीगेल, कांट, ब्रैडले, कैरेट, ब्रुक, वाल्टर पेटर, सांतायना, बर्क, बोसाँके, जुंग आदि पाश्चात्य कलासमीक्षकों ने इस विषय का विस्तृत विवेचन किया है।
इसके प्रमुख समर्थक हीगेल, ग्रीन, ब्रेडले, बोसांके और रायस आदि है।
पेय के लिए संक्षिप्त अनौपचारिक अन्तराल के आलावा आम तौर पर भोजन और चाय के लिए औपचारिक अंतराल होते हैं।